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केएमसी विश्वविद्यालय में हुई कार्यपरिषद की बैठक

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ में शुक्रवार को कार्यपरिषद की 21वीं बैठक संपन्न हुई. बैठक में विश्वविद्यालय से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगाई गई. बैठक में विश्वविद्यालय के 12 सहायक आचार्य को कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के अंतर्गत पदोन्नति का अनुमोदन दिया गया.

केएमसी विश्वविद्यालय.
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Published : Feb 6, 2021, 8:15 AM IST

लखनऊ: ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ में शुक्रवार को कार्यपरिषद की 21वीं बैठक संपन्न हुई. बैठक में विश्वविद्यालय से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगाई गई. बैठक में विश्वविद्यालय के 12 सहायक आचार्य को कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के अंतर्गत पदोन्नति का अनुमोदन दिया गया. साथ ही कार्यपरिषद ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों की पूर्व में की गई सेवाओं को वर्तमान सेवा में जोड़े जाने हेतु शासन को पत्र प्रेषित किए जाने पर भी अनुमोदन दिया.

भाषा विश्वविद्यालय की नई छवि स्थापित करने के लिए विद्यालय की परीनियमावली में संशोधन कर अनिवार्य प्राथमिक विषयों की सूची में उर्दू, अरबी फारसी, संस्कृत विषयों की व्यवस्था को समाप्त करते हुए भाषा की संस्कृति और इतिहास का परिचय विषय को सम्मिलित किया गया. उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा 52 के अंतर्गत विश्वविद्यालय के प्रथम प्रस्तावित अध्यादेश के ध्यान को बैठक में सर्वसम्मति से अनुमोदन प्रदान किया गया. कार्य परिषद द्वारा छात्र-छात्राओं की सीनेट बनाए जाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति किया गया और इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संकाय अध्यक्ष छात्र कल्याण को दी गई. कार्यपरिषद में स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के संचालन हेतु एक समिति गठन किए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई.

विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए कार्य परिषद द्वारा डॉ. प्रवीण कुमार राय को सुरक्षा प्रभारी नामित किए जाने की संस्तुति की गई. कार्य परिषद ने यह भी निर्णय लिया कि जांच प्रक्रिया पूर्ण होने तक तत्कालीन कुलपति प्रोफेसर महारुख मिर्जा को किसी प्रकार का कोई प्रशासनिक दायित्व नहीं दिया जाएगा. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण होने तक अस्थाई रूप से आउटसोर्सिंग के माध्यम से सुरक्षा एजेंसी एवं मैस चालक की व्यवस्था की जाएगी. बैठक में आगामी दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि के रुप में प्रतिभाग करने हेतु तीन महानुभाव के नाम प्रस्तावित किए जाएंगे. जिन्हें अनुमोदन के लिए शासन भेजा जाएगा .कार्यपरिषद ने विश्वविद्यालय के लोगों और झंडे को अंगीकृत किया जिसका अनावरण 7 फरवरी को कुलाधिपति द्वारा किया जाएगा.

इसे भी पढे़ं- एक दिन के लिए CDO बनी प्राची ने कहा, दिव्यांग होने पर दुख नहीं

लखनऊ: ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ में शुक्रवार को कार्यपरिषद की 21वीं बैठक संपन्न हुई. बैठक में विश्वविद्यालय से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगाई गई. बैठक में विश्वविद्यालय के 12 सहायक आचार्य को कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के अंतर्गत पदोन्नति का अनुमोदन दिया गया. साथ ही कार्यपरिषद ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों की पूर्व में की गई सेवाओं को वर्तमान सेवा में जोड़े जाने हेतु शासन को पत्र प्रेषित किए जाने पर भी अनुमोदन दिया.

भाषा विश्वविद्यालय की नई छवि स्थापित करने के लिए विद्यालय की परीनियमावली में संशोधन कर अनिवार्य प्राथमिक विषयों की सूची में उर्दू, अरबी फारसी, संस्कृत विषयों की व्यवस्था को समाप्त करते हुए भाषा की संस्कृति और इतिहास का परिचय विषय को सम्मिलित किया गया. उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा 52 के अंतर्गत विश्वविद्यालय के प्रथम प्रस्तावित अध्यादेश के ध्यान को बैठक में सर्वसम्मति से अनुमोदन प्रदान किया गया. कार्य परिषद द्वारा छात्र-छात्राओं की सीनेट बनाए जाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति किया गया और इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संकाय अध्यक्ष छात्र कल्याण को दी गई. कार्यपरिषद में स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के संचालन हेतु एक समिति गठन किए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई.

विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए कार्य परिषद द्वारा डॉ. प्रवीण कुमार राय को सुरक्षा प्रभारी नामित किए जाने की संस्तुति की गई. कार्य परिषद ने यह भी निर्णय लिया कि जांच प्रक्रिया पूर्ण होने तक तत्कालीन कुलपति प्रोफेसर महारुख मिर्जा को किसी प्रकार का कोई प्रशासनिक दायित्व नहीं दिया जाएगा. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण होने तक अस्थाई रूप से आउटसोर्सिंग के माध्यम से सुरक्षा एजेंसी एवं मैस चालक की व्यवस्था की जाएगी. बैठक में आगामी दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि के रुप में प्रतिभाग करने हेतु तीन महानुभाव के नाम प्रस्तावित किए जाएंगे. जिन्हें अनुमोदन के लिए शासन भेजा जाएगा .कार्यपरिषद ने विश्वविद्यालय के लोगों और झंडे को अंगीकृत किया जिसका अनावरण 7 फरवरी को कुलाधिपति द्वारा किया जाएगा.

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