लखनऊ : गुजरात स्थित सरदार पटेल प्रतिमा क्षेत्र के केवड़िया में बुधवार से दो दिवसीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है. इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के विधान सभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित भी शामिल होंगे. इस संबंध में ईटीवी भारत ने विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित से बातचीत की. इस बातचीत में ईटीवी भारत के संवाददाता ने विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित से पूछा कि गिरती संसदीय गरिमा को रोकने के लिए विधाई संस्थाएं क्या कर रही हैं और राजनीति में अपराधियों की आमद रोकी जा सके इसके लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं? विधान सभा के नए सदस्यों के प्रशिक्षण के लिए क्या व्यवस्था है? आम आदमी को विधान सभा की बेहतरीन लाइब्रेरी का लाभ किस प्रकार मिल सकता है? इन सभी सवालों पर विधान सभा अध्यक्ष ने अपनी राय रखी.
क्या है सम्मेलन का मुख्य विषय
पीठासीन अधिकारियों का यह 80वां सम्मेलन है, जो 25 और 26 नवंबर को होगा. इससे पहले 79वां सम्मेलन उत्तराखंड के देहरादून में संपन्न हुआ था. इस सम्मेलन का मुख्य विषय ‘सशक्त लोकतंत्र के लिए विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका का आदर्श समन्वय’ है. सम्मेलन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यसभा के सभापति और उप राष्ट्रपति वेंकैयानायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, देश की सभी विधान सभाओं के अध्यक्ष, सभी विधान परिषदों के सभापति, राज्य सभा के उप सभापति शामिल होंगे.
गुजरात के लिए रवाना हुए विधान सभा अध्यक्ष
उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित सम्मेलन में शामिल होने के लिए मंगलवार को गुजरात रवाना हो गए. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद बुधवार को इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे. 26 नवंबर को संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री सम्मेलन का समापन करेंगे. 'असाधारण परिस्थितियों में विधान मंडलों की संवैधानिक जिम्मेदारी’ विषय पर लोक सभा अध्यक्ष का भाषण भी होगा.