लखनऊ : राजधानी में हुए अलाया हादसे की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. मंडलायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अलाया अपार्टमेंट को बनाते समय जमकर लापरवाही बरती गई थी. इस अपार्टमेंट को बनवाते समय बिल्डर ने न ही आर्किटेक्ट से ड्राइंग बनवाई, न ही इंजीनियर से स्ट्रक्चरल डिजाइन तैयार करवाई थी. इतना ही नहीं निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री भी घटिया ही थी. ऐसे में बिल्डिंग की अधिकतम उम्र 10 साल ही होगी. हादसे की वजह जानने के लिए बनाई गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बिल्डिंग के स्ट्रक्चरल डिजाइन और घटिया सामग्री को ही बिल्डिंग के ढहने का मुख्य कारण बताया है.
मंडलायुक्त की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने 24 जनवरी को हुए राजधानी के हजरतगंज में वजीर हसन गंज रोड स्थित अलाया अपार्टमेंट हादसे की जांच रिपोर्ट तैयार कर ली है. जांच रिपोर्ट में टीम के सभी सदस्यों ने अपार्टमेंट के निर्माण सामग्री और डिजाइन पर ही सवाल उठाया है और इसे ही हादसे का कारण बताया है. रिपोर्ट में बिल्डिंग के ढहने का कारण सिर्फ भूकंप या फिर बेसमेंट में खुदाई को ही ही नहीं बताया गया है. टीम ने माना है कि बिल्डिंग के बनने से लेकर 2023 तक आए कई भूकंपों ने बिल्डिंग में दरारें आईं, जिन्हे नजरंदाज किया गया. बिल्डिंग की मजबूती का आंकलन करते समय उसकी बेयरिंग कैपेसिटी का आकलन न करना. मानक के विपरीत पिलर्स और बेसमेंट का निर्माण करना ही बिल्डिंग के ढहने का कारण बना.
मंडलायुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि बेसमेंट में हुई खुदाई बिल्डिंग के ढहने की वजह नहीं बनी थी, बल्कि पूरी बिल्डिंग के घटिया निर्माण और मानकों के विपरीत डिजाइन का इस्तेमाल तीन लोगों की मौत का कारण बना था. मंडलायुक्त ने अपनी जांच रिपोर्ट गृह विभाग को सौंप दी है. बता दें, हादसे के दूसरे ही दिन सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हादसे के कारणों को जानने के लिए जांच कमेटी बनाई गई थी, जिसमें मंडलायुक्त रौशन जैकब के तत्कालीन संयुक्त पुलिस आयुक्त पीयूष मोर्डिया, मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी जितेंद्र बांगा को रखा गया था, वहीं एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी को इस पूरी जांच में सहयोग के लिए रखा गया था.