लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अंबरीष कुमार श्रीवास्तव ने मानहानि व विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने का प्रयास करने के एक मामले में निरुद्ध पूर्व मंत्री आजम खान की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने प्रथमदृष्टया आजम खान के अपराध को गंभीर करार दिया है.
बीती पांच जनवरी को अभियुक्त आजम खान को इस मामले में सीतापुर जेल से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया था. एक फरवरी 2019 को इस मामले की एफआईआर आल इंडिया मुस्लिम काउंसिल के अल्लामा जमीर नकवी ने थाना हजरतगंज में आईपीसी की धारा 500 व 505 के तहत दर्ज कराई थी.
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इसके मुताबिक आजम खान ने मंत्री रहते हुए अपने लेटरहेड व सरकारी मोहर का दुरुपयोग कर भाजपा, आरएसएस व मौलाना सैय्यद कल्बे जव्वाद नकवी को मीडिया में बदनाम किया था. राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि धूमिल कर मान-प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाया था. अपने मनगढंत बयानों से विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने का प्रयास किया था.
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