लखनऊ: कोरोना वायरस से निपटने के लिए हर स्तर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा तमाम तरह की तैयारियां की गई हैं. इसी कड़ी में राजधानी लखनऊ में कोरोना वायरस से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की क्या व्यवस्थाएं हैं, कर्मचारियों को कोरोना से बचाने के लिए कैसी सुरक्षा व्यवस्था दी जा रही हैं, इन सभी पहलुओं पर ईटीवी भारत ने जानकारी लेने का प्रयास किया और तमाम व्यवस्थाओं को भी परखा. देखिये ये खास रिपोर्ट
12 टीमें ले रही कोरोना के सैंपल
राजधानी में कोरोना वायरस के संदिग्ध, संक्रमित मरीजों के सैंपल टेस्ट हेतु लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय द्वारा करीब आठ एंबुलेंस तैनात की गई हैं, जो दिन रात इसी कार्य हेतु लगाई गई है. लखनऊ में कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेने के लिए इसके साथ 12 टीमें लगाई गई हैं. इस प्रकार एक टीम में 3 लोग मौजूद रहते हैं. जिसमें लैब टेक्नीशियन, हेल्पर और एंबुलेंस चालक रहते हैं, जो लोगों के घरों पर जाकर के सैंपल लेने का काम करते हैं. इस दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए इनको PPE किट दी गई है. जिसको पहनने के बाद ही वह किसी संदिग्ध या संक्रमित कोरोना वायरस के मरीज का सैंपल ले सकते हैं. जिससे कि इन कर्मचारियों को भी कोरोना वायरस के खतरे से बचाया जा सके. इस किट में ओवरकोट, ग्लव्स, हेड शील्ड, शू कवर, ट्रिपल लेयर मास्क, N-95 मस्क तमाम चीजें इस किट में ही मौजूद होती हैं.
स्मार्ट सिटी ऐप से हो रही मॉनिटरिंग
जिले में सैनिटाइजेशन के लिए स्वास्थ विभाग और नगर निगम दोनों मिलकर के इस कार्य को कर रहे हैं. इसके साथ साथ फायर सर्विसेस का सहयोग भी इसमें लिया जा रहा है, उनके माध्यम से राजधानी लखनऊ में सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है. इस कड़ी में करीब नगर निगम के 10,000 कर्मचारी राजधानी में इस कार्य को कर रहे हैं. जिनको स्वास्थ विभाग द्वारा क्षेत्रों के निरीक्षण के लिए आदेश दिया जाता है और इस पूरे कार्यक्रम की मॉनिटरिंग स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्मार्ट सिटी ऐप के माध्यम से की जा रही है.
डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
राजधानी में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 8 एंबुलेंस कोरोना वायरस के मरीजों को लाने ले जाने के लिए तैनात की गई हैं. इसी प्रकार 8 एंबुलेंस, 12 स्वास्थ्य विभाग टीम, 120 अन्य स्वास्थ्य विभाग की टीम हैं. यह सभी स्वास्थ्यकर्मी कोरोना के संक्रमित और संदिग्ध मरीजों को लाने, ले जाने और सैंपल लेने के लिए 24 घंटे तैनात रहते हैं. इसके साथ-साथ इन सभी चिकित्साकर्मियों और एंबुलेंस के चालकों में लक्षण दिखने पर कोरोना वायरस के सैंपल टेस्ट की व्यवस्था भी स्वास्थ विभाग की तरफ से की गई है. किसी संदिग्ध और संक्रमित मरीज को लाने ले जाने के ठीक बाद एंबुलेंस को सैनिटाइज कराने का काम भी स्वास्थ विभाग द्वारा सुनिश्चित किया गया है. चिकित्साकर्मी और एंबुलेंस चालकों के लिए मास्क, ग्लव्स और PPE किट आदि की व्यवस्था की गई है. जैसे ही एंबुलेंस चालक और चिकित्साकर्मी किसी संदिग्ध और संक्रमित मरीज के पास जाते हैं तो उन्हें यह उपलब्ध कराई जाती है.
15 चिकित्साकर्मियों के लिए गए सैंपल
कोरोना सर्वे और सैंपल लेने में जुटे चिकित्साकर्मी को सबसे ज्यादा खतरा कोरोना वायरस से संक्रमित होने का है, इसलिए स्वास्थ विभाग द्वारा अभी तक इस कड़ी में 15 चिकित्साकर्मियों के सैंपल टेस्ट करवाए गए हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि कोई भी चिकित्साकर्मी कोरोना वायरस पॉजिटिव नहीं पाया गया है.