लखनऊः नगर निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने अपर नगर आयुक्त को कर्मचारियों की सेवा काल में मृत्यु हो जाने की अवस्था में परिवार के एक सदस्य को मृतक आश्रित के रूप में सेवा किए जाने को लेकर ज्ञापन दिया. कर्मचारियों ने ज्ञापन में मांग की कि यदि नगर निगम इस पर विचार नहीं करता तो कर्मचारी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. इसकी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार शासन और नगर निगम की होगी.
कई बार दिया चुका है ज्ञापन
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आनंद वर्मा ने बताया कि लगातार लखनऊ नगर निगम के कर्मचारी सेवाकाल में कर्मचारियों की मृत्यु हो जाने की अवस्था में परिवार के एक सदस्य को मृतक आश्रित सेवा के रूप में नियुक्ति की बात कर रहे हैं. इसके बावजूद नगर निगम का रवैया इस मामले पर सकारात्मक नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मांग को लेकर कई बार ज्ञापन भी दिया जा चुका है.
50 कर्मचारियों की हुई सेवाकाल में मौत
नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आनंद कुमार वर्मा ने बताया कि नगर निगम के 50 कर्मचारियों की सेवा काल के दौरान मौत हो चुकी है. ऐसे में नगर निगम के इन कर्मचारियों के परिजनों को मृतक आश्रित के तहत नौकरी की मांग को लेकर हम लोग कई बार ज्ञापन भी दे चुके हैं. नगर निगम प्रशासन आउटसोर्सिंग के माध्यम से नई नियुक्तियां करने पर विचार कर रहा है जो कर्मचारियों के साथ अन्याय है.
धरने के साथ-साथ होगी कार्य बंदी
नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आनंद वर्मा ने बताया कि इससे पूर्व भी आठ जनवरी को नगर निगम के अधिकारियों से वार्ता हुई है. वहीं आज पुनः ज्ञापन दिया गया. उन्होंने कहा कि 11 फरवरी से जन जागरण सभा शुरू की जाएगी. इसके साथ ही 17 फरवरी को सभी जोन कार्यालय पर एक दिवसीय धरना आयोजित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि समय रहते यदि नगर निगम ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो नगर निगम के कर्मचारी पूर्ण कार्य बंदी हड़ताल क्रमिक अनशन भी करेंगे. जिसकी जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन व सरकार की होगी.
50 कर्मचारियों की सेवाकाल में हो चुकी है मौत
बताते चलें कि लखनऊ नगर निगम मृतक आश्रित के तहत नियुक्ति की मांग को लेकर लगातार अधिकारियों को ज्ञापन दे रहा है. जहां नगर निगम के कर्मचारियों का कहना है कि सेवाकाल में 50 कर्मचारियों की मौत हुई है. ऐसे में इन कर्मचारियों के परिजनों को इस कोटे का लाभ मिलना चाहिए. वहीं नगर निगम के अधिकारी आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारी रखना चाहते हैं. जिसको लेकर कर्मचारियों में भारी आक्रोश है.