लखनऊ : एक तरफ जहां बिजली की दरों में बढ़ोतरी की तैयारी की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ पावर काॅरपोरेशन ने प्रस्तावित कास्ट डेटा बुक में उपभोक्ता सामग्रियों की दरों में 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है. अगर यह प्रस्ताव लागू हुआ तो बिजली कनेक्शन लेना महंगा हो जाएगा. जिसका सीधा भार उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा. 25 जनवरी को सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक होगी, जिसमें अंतिम निर्णय लिया जाएगा, वहीं पावर काॅरपोरेशन के प्रस्ताव को लेकर उपभोक्ता परिषद की ओर से विरोध दर्ज कराया गया है.
वर्ष 2019 के बाद एक बार फिर नई कास्ट डाटा बुक का प्रस्ताव उप्र पावर काॅरपोरशन की तरफ से विद्युत नियामक आयोग में दाखिल किया गया है. उसको अंतिम रूप देने के लिये 25 जनवरी को इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक विद्युत नियामक आयोग में 12 बजे से होगी. बता दें कि कास्ट डाटा बुक की दरों के आधार पर ही नये बिजली कनेक्शन की दरें व एस्टीमेट तैयार होते हैं. पावर काॅरपोरेशन की तरफ से जो कास्ट डाटा बुक प्रस्तावित की गई है, उसमें उपभोक्तावार अलग-अलग सामग्रियों की दरें 15 से 20 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ प्रस्तावित की गई हैं.
नियामक आयोग चेयरमैन से की मुलाकात : उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग चेयरमैन आरपी सिंह से मुलाकात की और कहा "वर्तमान में प्रदेश की जनता पर कोई भार न पड़े, इसे ध्यान में रखते हुए आयोग को उपभोक्ता हित में निर्णय लिया जाना चाहिये." जिस पर आयोग चेयरमैन ने उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष को आश्वस्त किया कि सब कमेटी की बैठक में सभी बिंदुओं पर चर्चा के उपरांत उपभोक्ता हित में नियमों के अनुकूल निर्णय लिया जायेगा. इस बार आयोग देश के दूसरे राज्यों की दरों का भी अध्ययन कर नई कास्ट डाटा बुक को अंतिम रूप देगा, जिसमें प्रदेश की जनता का विशेष ध्यान रखा जायेगा. परिषद के अध्यक्ष का कहना है कि "भले ही पावर काॅरपोरेशन ने इस बार प्रोसेसिंग फीस, सिक्योरिटी चार्ज में कोई बढ़ोतरी प्रस्तावित नहीं की है, लेकिन उपभोक्तावार सामग्रियों की दरों में कहीं-कहीं बहुत ज्यादा विसंगति है. जिस पर उपभोक्ता परिषद सब कमेटी की बैठक में उपभोक्ताओं के हित में पूरी बात रखेगा."
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