लखनऊ: बिजली विभाग उपभोक्ता की जान लेने पर आमादा हैं. मोहनलालगंज में पिछले काफी दिनों से मीटर दुरुस्त कराने और बिल रिवाइज करने को लेकर एक किसान बिजलीघर के चक्कर काटकर थक चुका है. बीते गुरुवार को किसान कमल किशोर अपने साथ 5 लीटर डीजल तेल लेकर आत्मदाह करने बिजली घर पहुंच गया.
किसान की शिकायत थी कि उसका बिजली मीटर तीन से चार गुना तेज भाग रहा है. बिल बहुत ज्यादा है, जबकि इतनी बिजली खपत नहीं है. कमल की समस्या का समाधान करने के बजाए बाबू उसे दौड़ा रहे हैं. किसान के आत्मदाह के प्रयास का मामला इतना हाईलाइट हो गया कि कुछ ही घंटे में उसका बिजली का बिल 13 हजार रुपये कम हो गया.
इस पूरे मामले पर मध्यांचल के प्रबंध निदेशक सूर्य पाल गंगवार ने हस्तक्षेप किया. मौके पर टीम भेजकर जांच करवाई तब ये मामला ठीक हो पाया. वहीं सेस तृतीय के अभियंताओं को इस गंभीर प्रकरण में भी क्लीन चिट दे दी. विभाग ने मामले में बाबू गोपाल मोहन कुलश्रेष्ठ को लापरवाह मानते हुए चार्जशीट थमा दी. अधिशासी अभियंता आरएन वर्मा के मुताबिक गुरुवार को लिपिक को दी गई चार्जशीट में उसके द्वारा बरती गई लापरवाही पर जवाब-तलब किया गया है.
उनका कहना है कि किसान कमल किशोर नलकूप का मीटर तेज चलने की शिकायत लेकर लिपिक गोपाल मोहन के पास गया था. वह मीटर की जांच कराने की सिफारिश कर रहा था. बाबू ने मीटर की फीस जमा कराकर चेक मीटर लगवाने की प्रक्रिया में लापरवाही बरती. अब इसकी जांच कराई जा रही है. जांच में बाबू दोषी पाया जाएगा तो निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी. हालांकि सवाल ये भी उठता है कि आखिर जब उपभोक्ता बाबू से चेक मीटर लगवाने और बिल रिवाइज करने की पैरवी कर रहा था तो बाबू ने उसे अभियंता के पास भेजा क्यों नहीं. बाबू को यह बखूबी मालूम है कि वह अपने स्तर से बिल संशोधित नहीं कर सकता है. बावजूद इसके वह उपभोक्ता को दौड़ाता रहा.