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रेलवे भर्ती बोर्ड को ड्राइवर का एक पद रिक्त रखने का निर्देश, हाईकोर्ट ने जानिए ऐसा क्यों कहा? - RAILWAY RECRUITMENT BOARD

कट ऑफ डेट के बाद ड्राइविंग लाइसेंस मिलने के कारण रेलवे बोर्ड ने याची को नियुक्ति देने से किया था इंकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 15, 2025, 10:42 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रेलवे भर्ती बोर्ड इलाहाबाद को मोटर मैकेनिक/ड्राइवर के अनुसूचित जाति वर्ग के पद को रिक्त रखने का निर्देश दिया है. साथ ही कोर्ट ने भर्ती बोर्ड को याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. मेहर चंद की याचिका पर यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने दिया है.

याची के अधिवक्ता गोपाल जी खरे का कहना था कि रेलवे भर्ती बोर्ड इलाहाबाद ने मोटर मैकेनिक/ड्राइवर के पद का विज्ञापन जारी किया था. याची ने इसमें आवेदन किया और सभी चरणों की परीक्षा में सफल हुआ. लेकिन उसका भारी वाहन चलाने का ड्राइविंग लाइसेंस परिवहन विभाग ने कट ऑफ डेट के बाद जारी किया, इसलिए रेलवे बोर्ड ने उसे नियुक्ति देने से इंकार कर दिया.

अधिवक्ता का कहना था कि इसी विज्ञापन पर भुवनेश्वर और मुंबई भर्ती बोर्ड ने कट ऑफ डेट के बाद जारी ड्राइविंग लाइसेंस पर नियुक्तियां दी हैं. याची ने इसके खिलाफ केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण में याचिका दाखिल की, जिसे अधिकरण ने खारिज कर दिया.

कोर्ट के निर्देश पर भुवनेश्वर और मुंबई भर्ती बोर्ड ने बताया कि भुवनेश्वर में पांच और मुंबई में एक अभ्यर्थी को नियुक्ति दी गई हैं जिनके लाइसेंस कट ऑफ डेट के बाद बने थे. याची के अधिवक्ता ने कहा कि याची की कैटेगरी अनुसूचित जाति वर्ग में एक पद अभी रिक्त है. कोर्ट ने एक पद रिक्त रखने का निर्देश देते हुए जवाब तलब किया है.

इसे भी पढ़ें-जन्मदिन पर बसपा सुप्रीमो मायवती को मिली 'सुप्रीम' राहत, मूर्तियों की स्थापना को लेकर दायर PIL का निपटारा

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रेलवे भर्ती बोर्ड इलाहाबाद को मोटर मैकेनिक/ड्राइवर के अनुसूचित जाति वर्ग के पद को रिक्त रखने का निर्देश दिया है. साथ ही कोर्ट ने भर्ती बोर्ड को याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. मेहर चंद की याचिका पर यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने दिया है.

याची के अधिवक्ता गोपाल जी खरे का कहना था कि रेलवे भर्ती बोर्ड इलाहाबाद ने मोटर मैकेनिक/ड्राइवर के पद का विज्ञापन जारी किया था. याची ने इसमें आवेदन किया और सभी चरणों की परीक्षा में सफल हुआ. लेकिन उसका भारी वाहन चलाने का ड्राइविंग लाइसेंस परिवहन विभाग ने कट ऑफ डेट के बाद जारी किया, इसलिए रेलवे बोर्ड ने उसे नियुक्ति देने से इंकार कर दिया.

अधिवक्ता का कहना था कि इसी विज्ञापन पर भुवनेश्वर और मुंबई भर्ती बोर्ड ने कट ऑफ डेट के बाद जारी ड्राइविंग लाइसेंस पर नियुक्तियां दी हैं. याची ने इसके खिलाफ केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण में याचिका दाखिल की, जिसे अधिकरण ने खारिज कर दिया.

कोर्ट के निर्देश पर भुवनेश्वर और मुंबई भर्ती बोर्ड ने बताया कि भुवनेश्वर में पांच और मुंबई में एक अभ्यर्थी को नियुक्ति दी गई हैं जिनके लाइसेंस कट ऑफ डेट के बाद बने थे. याची के अधिवक्ता ने कहा कि याची की कैटेगरी अनुसूचित जाति वर्ग में एक पद अभी रिक्त है. कोर्ट ने एक पद रिक्त रखने का निर्देश देते हुए जवाब तलब किया है.

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