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लखनऊ: बीते चुनावों में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया, जांच कमेटी गठित

लोकसभा चुनाव के चलते देश में आचार संहिता लागू है. चुनाव आयोग नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी नजर बनाए हुए है. इससे जुड़ी शिकायतों पर आयोग तुरंत संज्ञान ले रहा है. एक ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश में 2009 आम चुनाव व विधानसभा चुनावों में सरकारी धन के दुरुपयोग से जुड़ा है.

फाइल फोटो
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Published : Apr 5, 2019, 7:31 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 2009 लोकसभा और 2012 विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. चुनाव के दौरान हल्के वाहनों की मरम्मत के नाम पर फर्जी बिल बनवाकर सरकारी धन खर्च किया गया था. निर्वाचन आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है. उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की है.

लोकसभा व विधानसभा चुनावों में भ्रष्टाचार का मामला
चुनाव आयोग में लोक सभा सामान्य निर्वाचन 2009 एवं विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2012 में हिंदुस्तान ऑटोमोबाइल्स के फर्जी गैरेज के नाम पर हल्के वाहनों की मरम्मत का फर्जी बिल बनाकर राजकीय धन हड़पे जाने की शिकायत की गई थी. आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच समिति गठित कर दी है. समिति में अध्यक्ष के अलावा वित्त विभाग का एक प्रतिनिधि जो संयुक्त सचिव स्तर से कम ना हो को सदस्य, परिवहन विभाग का एक प्रतिनिधि सदस्य होगा जो उप परिवहन आयुक्त स्तर से कम ना हो तथा सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी अरविंद कुमार पांडे को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 2009 लोकसभा और 2012 विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. चुनाव के दौरान हल्के वाहनों की मरम्मत के नाम पर फर्जी बिल बनवाकर सरकारी धन खर्च किया गया था. निर्वाचन आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है. उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की है.

लोकसभा व विधानसभा चुनावों में भ्रष्टाचार का मामला
चुनाव आयोग में लोक सभा सामान्य निर्वाचन 2009 एवं विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2012 में हिंदुस्तान ऑटोमोबाइल्स के फर्जी गैरेज के नाम पर हल्के वाहनों की मरम्मत का फर्जी बिल बनाकर राजकीय धन हड़पे जाने की शिकायत की गई थी. आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच समिति गठित कर दी है. समिति में अध्यक्ष के अलावा वित्त विभाग का एक प्रतिनिधि जो संयुक्त सचिव स्तर से कम ना हो को सदस्य, परिवहन विभाग का एक प्रतिनिधि सदस्य होगा जो उप परिवहन आयुक्त स्तर से कम ना हो तथा सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी अरविंद कुमार पांडे को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है.
Intro:लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 2009 के लोकसभा चुनाव और 2012 के विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। हल्के वाहनों की मरम्मत के नाम पर फर्जी बिल बनवाकर भुगतान करवा लिया गया। निर्वाचन आयोग ने इसका संज्ञान लिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की है यह समिति जांच कर रिपोर्ट पेश करेगी।


Body:लोक सभा सामान्य निर्वाचन 2009 एवं विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2012 में हिंदुस्तान ऑटोमोबाइल्स के फर्जी गैरेज के नाम पर हल्के वाहनों की मरम्मत का फर्जी बिल बनाकर राजकीय धन हड़पे जाने की शिकायत आयोग में कई गयी थी। इसे संज्ञान में लेते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने जांच के लिए अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया है।

इस समिति में अध्यक्ष के अलावा वित्त विभाग का एक प्रतिनिधि जो संयुक्त सचिव स्तर से कम ना हो को सदस्य, परिवहन विभाग का एक प्रतिनिधि सदस्य होगा जो उप परिवहन आयुक्त स्तर से कम ना हो तथा सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी अरविंद कुमार पांडे को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है।

यह समिति छह बिंदुओं पर जांच कर अपनी आंख्या मुख्य निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करेगी। जिन बिंदुओं पर जांच करना है उसमें हिंदुस्तान ऑटोमोबाइल्स प्रतापगढ़ का गैरेज प्रदेश के किसी जनपद में पंजीकृत है अथवा नहीं। पूर्व में था तो कब तक, फर्म द्वारा हल्के वाहनों के मरम्मत के संबंध में जिन वाहनों का उल्लेख कहीं भी किया गया है क्या वह उल्लिखित जिलों में शासकीय वाहन के रूप में परिवहन विभाग में पंजीकृत रहे हैं।

कितनी धनराशि की मांग फर्म द्वारा गैर शासकीय अथवा हल्के वाहन के अतिरिक्त की कोटि के वाहनों का किया गया था, मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में फर्म के पक्ष में निर्गत पत्र अथवा पत्र पृष्ठांकन के संबंध में दुरभि संधि की जांच। जिलों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर कूट रचना की जांच तथा कोटेशन/ टेंडर की प्रक्रिया का पालन आदि शामिल है।




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