लखनऊ : ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर गुरुवार शाम देखने को मिला. नगर निगम प्रशासन की लापरवाही के चलते बैकुंठ धाम पर मनमानी कीमतों पर बेची जा रही लकड़ियों के दाम निर्धारित कर दिए गए हैं. ईटीवी भारत ने गुरुवार को ही बीजेपी के पार्षदों के धरने और नगर निगम प्रशासन द्वारा लकड़ी की कीमतों की दरें निर्धारित न किए जाने को लेकर अंत्येष्टि के समय लोगों की मुसीबत का मुद्दा उठाया था. ईटीवी भारत की खबर प्रकाशित होने के बाद नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने लकड़ी की दरें निर्धारित करने का आदेश जारी कर दिया. बैकुंठ धाम पर अब 630 रुपये प्रति क्विंंटल लकड़ी मिलेगी.
बैकुण्ठ धाम पर शवदाह के लिए उपलब्ध कराई जा रही जलौनी लकड़ी की पूर्व निर्धारित दर 550 रुपये प्रति क्विंंटल करने की मांग अधिकृत लकड़ी विक्रेताओं की ओर से की जा रही है. पूर्व में निर्धारित दरों के सापेक्ष वर्तमान में बाजार एवं लोक निर्माण विभाग की दरों में बढ़ोतरी हो गई है. बढ़ी हुई दरों के चलते शवदाह के लिए लकड़ी के दरों को पुनरीक्षित किए जाने की आवश्यकता पर निर्णय किए जाने के लिए नगर आयुक्त के आदेश पर अपर नगर आयुक्त, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व), मुख्य अभियंता (सिविल), मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी, जोनल अधिकारी व अधिशासी अभियन्ता को सम्म्मिलित करते हुए समिति का गठन किया गया. समिति की बैठक पांच अप्रैल को हुई थी. समिति ने पाया कि लोक निर्माण विभाग की प्रचलित वर्तमान दर के अनुसार जलौनी लकड़ी की दर 600 रुपये प्रति क्विंंटल है.
बता दें, शवदाह के लिए सामान्य तौर पर सीधी एवं पूर्ण सूखी लकड़ी की आवश्यकता होती है तथा विक्रेता की ओर से लकड़ी को शवदाह स्थल तक पहुंचाया जाना होता है. ऐसे में जलौनी लकड़ी के लिए लोक निर्माण विभाग से वर्तमान निर्धारित दर 600 रुपये प्रति क्विंंटल मे 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी करते हुए निगम सीमा मे स्थित समस्त बैकुण्ठ धामों पर शवदाह के लिए लकड़ी विक्रय किए जाने के लिए समिति ने सर्वसम्मति से 630 रुपये प्रति क्विंंटल की दर निर्धारित की है. इससे पहले पूर्व पार्षद रणजीत सिंह लकड़ी की दर तय करने की मांग को लेकर दो दिन से धरने पर बैठे रहे थे. गुरुवार को दूसरे दिन चल रहे धरने में पूर्व पार्षद रंजीत सिंह के नेतृत्व में पूर्व पार्षद मुन्ना मिश्रा, संतोष राय, प्रमोद सिंह राजन तथा पंकज पटेल भी शामिल रहे. सभी ने श्मशान घाट के लिए लकड़ी के मूल्यों के निर्धारण के लिए नगर निगम की हीलाहवाली की भर्त्सना की.
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