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लखनऊ: सरकारी विद्यालयों में लगातार गिर रहा शिक्षा का स्तर, डीएम पूर्व छात्रों की लेंगे मदद

यूपी की राजधानी लखनऊ में शिक्षा व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए डीएम कौशल राज शर्मा ने सभी राजकीय विद्यालयों को निर्देशित किया है. डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि राजकीय विद्यालयों के पूर्व छात्रों से स्कूलों की मदद के लिए अपील की जाएगी.

सरकारी विद्यालयों में लगातार गिर रहा शिक्षा का स्तर.
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Published : Jul 8, 2019, 4:26 PM IST

लखनऊ: प्रदेश की योगी सरकार शिक्षा व्यवस्थाओं को बेहतर करने के भले ही तमाम दावे पेश करती हो, लेकिन सरकारी विद्यालयों में आज भी छात्रों को आधारभूत सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं. सरकारी विद्यालयों में तमाम प्रयासों के बावजूद शिक्षा के स्तर को बेहतर नहीं किया गया है. लिहाजा बड़ी संख्या में लोग अपने बच्चों को सरकारी विद्यालयों में पढ़ाना नहीं चाहते हैं. ऐसे में राजधानी में बेहतर शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने और शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए डीएम कौशल राज शर्मा ने सभी राजकीय विद्यालयों को निर्देशित किया है.

सरकारी विद्यालयों में लगातार गिर रहा शिक्षा का स्तर.
  • प्रदेश की योगी सरकार ने शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए निर्देश दिया था.
  • कौशल राज शर्मा ने तमाम विद्यालयों के प्राचार्य से इस ओर कदम बढ़ाने के लिए विचार मांगे थे.
  • राजधानी के सभी राजकीय विद्यालयों के पूर्व छात्रों को 15 अगस्त के दिन विद्यालय में बुलाया जाएगा और उनका सम्मान किया जाएगा.
  • साथ ही उनसे स्कूल की मदद के लिए अपील की जाएगी.
  • छात्रों से मिली मदद का प्रयोग स्कूल में शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए किया जाएगा.

सम्मानित होंगे सभी पूर्व छात्र
भले ही वर्तमान में राजधानी में स्थित राजकीय विद्यालय में शिक्षा के स्तर में गिरावट आई हो, लेकिन एक समय राजधानी के तमाम सरकारी विद्यालय शिक्षा के स्तर में अपने आप में खास है. इसी का नतीजा है कि राजधानी के इन राजकीय विद्यालय में पढ़े हुए छात्र आज बड़े पदों पर तैनात हैं. यूपी की ब्यूरोक्रेसी में बड़ी संख्या में राजकीय विद्यालय में पढ़ें हुए छात्र काम कर रहे हैं. ऐसे में डीएम कौशल राज शर्मा ने इन विद्यालय में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए पूर्व छात्रों की मदद लेने के आइडियाज पर विचार करते हुए निर्देशित किया है कि 15 अगस्त को सभी पूर्व छात्रों को सम्मानित किया जाएगा.

इसी के साथ ही डीएम कौशल राज शर्मा ने जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित किया है कि विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं की कमी नहीं होनी चाहिए. इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा के स्तर को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए.

बुरी स्थिति से गुजर रहे सरकारी विद्यालय
आलम यह है कि माध्यमिक शिक्षा के तहत संचालित राजकीय विद्यालयों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. राजधानी नहीं पूरे प्रदेश की बात करें तो लगभग 40 हजार शिक्षकों की कमी की मार राजकीय विद्यालय झेल रहे हैं. अगर छात्रों की बात करें तो शिक्षा का स्तर बेहतर न होने के चलते स्कूलों को छात्र भी नहीं मिलते हैं.

लखनऊ: प्रदेश की योगी सरकार शिक्षा व्यवस्थाओं को बेहतर करने के भले ही तमाम दावे पेश करती हो, लेकिन सरकारी विद्यालयों में आज भी छात्रों को आधारभूत सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं. सरकारी विद्यालयों में तमाम प्रयासों के बावजूद शिक्षा के स्तर को बेहतर नहीं किया गया है. लिहाजा बड़ी संख्या में लोग अपने बच्चों को सरकारी विद्यालयों में पढ़ाना नहीं चाहते हैं. ऐसे में राजधानी में बेहतर शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने और शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए डीएम कौशल राज शर्मा ने सभी राजकीय विद्यालयों को निर्देशित किया है.

सरकारी विद्यालयों में लगातार गिर रहा शिक्षा का स्तर.
  • प्रदेश की योगी सरकार ने शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए निर्देश दिया था.
  • कौशल राज शर्मा ने तमाम विद्यालयों के प्राचार्य से इस ओर कदम बढ़ाने के लिए विचार मांगे थे.
  • राजधानी के सभी राजकीय विद्यालयों के पूर्व छात्रों को 15 अगस्त के दिन विद्यालय में बुलाया जाएगा और उनका सम्मान किया जाएगा.
  • साथ ही उनसे स्कूल की मदद के लिए अपील की जाएगी.
  • छात्रों से मिली मदद का प्रयोग स्कूल में शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए किया जाएगा.

सम्मानित होंगे सभी पूर्व छात्र
भले ही वर्तमान में राजधानी में स्थित राजकीय विद्यालय में शिक्षा के स्तर में गिरावट आई हो, लेकिन एक समय राजधानी के तमाम सरकारी विद्यालय शिक्षा के स्तर में अपने आप में खास है. इसी का नतीजा है कि राजधानी के इन राजकीय विद्यालय में पढ़े हुए छात्र आज बड़े पदों पर तैनात हैं. यूपी की ब्यूरोक्रेसी में बड़ी संख्या में राजकीय विद्यालय में पढ़ें हुए छात्र काम कर रहे हैं. ऐसे में डीएम कौशल राज शर्मा ने इन विद्यालय में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए पूर्व छात्रों की मदद लेने के आइडियाज पर विचार करते हुए निर्देशित किया है कि 15 अगस्त को सभी पूर्व छात्रों को सम्मानित किया जाएगा.

इसी के साथ ही डीएम कौशल राज शर्मा ने जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित किया है कि विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं की कमी नहीं होनी चाहिए. इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा के स्तर को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए.

बुरी स्थिति से गुजर रहे सरकारी विद्यालय
आलम यह है कि माध्यमिक शिक्षा के तहत संचालित राजकीय विद्यालयों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. राजधानी नहीं पूरे प्रदेश की बात करें तो लगभग 40 हजार शिक्षकों की कमी की मार राजकीय विद्यालय झेल रहे हैं. अगर छात्रों की बात करें तो शिक्षा का स्तर बेहतर न होने के चलते स्कूलों को छात्र भी नहीं मिलते हैं.

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लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार शिक्षा व्यवस्थाओं को बेहतर करने की भले ही तमाम दावे पेश करती हो लेकिन सरकारी विद्यालय में आज भी छात्रों को आधारभूत सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। सरकारी विद्यालयों में तमाम प्रयासों के बावजूद शिक्षा के स्तर को बेहतर नहीं किया गया है। लिहाजा बड़ी संख्या में लोग अपने बच्चों को सरकारी विद्यालयों में पढ़ाना नहीं चाहते हैं। ऐसे में राजधानी लखनऊ में बेहतर शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने और शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए लखनऊ डीएम कौशल राज शर्मा ने सभी राजकीय विद्यालयों को निर्देशित किया है।

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जहां एक और शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए निर्देशित किया गया है तो वही कौशल राज शर्मा ने तमाम विद्यालयों के प्राचार्य से इस ओर कदम बढ़ाने के लिए आइडियाज भी मांगे थे। प्राप्त आइडिया के बाद अब राजधानी लखनऊ के सभी राजकीय विद्यालयों के पूर्व छात्रों को 15 अगस्त के दिन विद्यालय में बुलाया जाएगा और उनका सम्मान किया जाएगा साथ ही उनसे स्कूल की मदद के लिए अपील की जाएगी। छात्रों से मिली मदद का प्रयोग स्कूल में शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए किया जाएगा।





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सम्मानित होंगे सभी पूर्व छात्र

भले ही वर्तमान में राजधानी लखनऊ में स्थित राजकीय विद्यालय में शिक्षा के स्तर में गिरावट आई हो लेकिन एक समय राजधानी लखनऊ के तमाम सरकारी विद्यालय शिक्षा के स्तर में अपने आप में खास है। इसी का नतीजा है कि राजधानी लखनऊ के इन राजकीय विद्यालय में पढ़े हुए छात्र आज बड़े पदों पर तैनात हैं। उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में बड़ी संख्या में लखनऊ के राजकीय विद्यालय में पड़े हुए छात्र काम कर रहे हैं। ऐसे में लखनऊ डीएम कौशल राज शर्मा ने इन विद्यालय में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए पूर्व छात्रों की मदद लेने के आइडियाज पर विचार करते हुए निर्देशित किया है कि 15 अगस्त को सभी पूर्व छात्रों को सम्मानित किया जाएगा। जिससे वह विद्यालय से अपना संबंध महसूस करेंगे।

इसी के साथ ही लखनऊ डीएम कौशल राज शर्मा ने जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित किया है कि विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं की कमी नहीं होनी चाहिए। इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा के स्तर को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए। साथ ही लखनऊ डीएम कौशल राज शर्मा ने सभी राजकीय विद्यालयों के प्राचार्य से इस और क्या कदम उठाए जा सकते हैं उसको लेकर आइडिया से उपलब्ध कराने को भी कहा है।


Conclusion:बुरी स्थिति से गुजर रहे सरकारी विद्यालय

आलम यह है कि माध्यमिक शिक्षा के तहत संचालित राजकीय विद्यालयों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है राजधानी नहीं पूरे प्रदेश की बात करें तो लगभग 40000 शिक्षकों की कमी की मार राजकीय विद्यालय झेल रहे हैं भाई अगर छात्रों की बात करें तो शिक्षा का स्तर बेहतर ना होने के चलते स्कूलों को छात्र भी नहीं मिलते हैं।


संवाददाता
प्रशांत मिश्रा
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