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Crime News : छात्रवृत्ति घोटाले में चार्जशीट दाखिल, एसआईटी की पूछताछ में कबूली यह बात

75 करोड़ से अधिक छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में ईडी ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. अदालत ने तीनों आरोपियों को ईडी की हिरासत में भेज दिया था.

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Published : Jul 3, 2023, 4:18 PM IST

लखनऊ : यूपी में हुए 75 करोड़ की छात्रवृत्ति घोटाले में जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाइजिया ग्रुप के संचालकों व कर्मचारी के खिलाफ आरोप-पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया है. एजेंसी ने घोटाले के आरोप में हाइजिया ग्रुप के संचालकों इजहार हुसैन जाफरी उर्फ हनी जाफरी, अली अब्बास जाफरी व कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. एजेंसी को इन आरोपियों के खिलाफ कई ठोस सबूत मिले थे, जिसके आधार पर अब उन पर आरोप तय कर चार्जशीट दाखिल कर दी गई है.

किन-किन पर दर्ज हुई थी FIR : दरअसल, गरीब, विकलांग, अल्पसंख्यकों और दलित छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति का गबन करने के आरोप में बीते दिनों हजरतगंज कोतवाली में एसएस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट मामपुर के चेयरमैन प्रवीण चौहान, एजुकेशन सोसाइटी एंड हाइजिया के वाइस प्रेसीडेंट इजहार हुसैन जाफरी, इसी ग्रुप में अली अब्बास जाफरी, सईद इशरत हुसैन जाफरी, हाइजिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी के रवि प्रकाश गुप्ता व ग्रुप से जुड़े अन्य अधिकारी-कर्मचारी, लखनऊ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड एजुकेशन के संचालक, डॉ. ओमप्रकाश ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन फर्रुखाबाद के चेयरमैन गुप्ता, डॉ. भीमराव अंबेडकर फाउंडेशन एंड जीविका कॉलेज ऑफ फार्मेसी हरदोई के सेक्रेटरी रामगोपाल, आरपीपी इंटर कॉलेज हरदोई की प्रबंधक पूनम वर्मा, ज्ञानवती इंटर कॉलेज हरदोई विवेक कुमार पटेल, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गौसगंज कछौना हरदोई के विवेक कुमार जगदीश प्रसाद वर्मा, फिनो पेमेंट बैंक के एरिया मैनेजर सचिन दुबे, एजेंट मो. साहिल अजीज, अमित कुमार मौर्य, तनवीर अहमद और जितेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी.

छात्रवृत्ति घोटाले में चार्जशीट दाखिल
छात्रवृत्ति घोटाले में चार्जशीट दाखिल

हाइजिया ग्रुप के संचालक निकले मास्टरमाइंड : एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस की जांच के अलावा ईडी भी इसमें शामिल हो गई थी. सूत्रों के मुताबिक, ईडी की जांच में सामने आया था कि, छात्रवृत्ति के पैसों से बेनामी संपत्तियां खरीदी गई हैं. जांच के दौरान ईडी को पता चला कि छात्रवृत्ति घोटाले में हाइजिया ग्रुप के संचालक ही मास्टरमाइंड थे. हाइजिया के संचालकों ने ही तय किया था कि, छात्रों का दाखिला कैसे दिखाना है, फर्जी बैंक खाते कैसे खुलना है और फिर उसमें डाली गई छात्रवृत्ति की रकम कैसे निकालनी है. इसकी पूरी साजिश हाइजिया ग्रुप के संचालकों ने ही रची थी.

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जेल में बंद हाइजिया ग्रुप के संचालकों से SIT ने की पूछताछ : छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में लखनऊ पुलिस कमिश्नर द्वारा गठित एसआईटी ने रविवार को हाइजिया ग्रुप के दो संचालकों को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की. सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी ने आठ घंटे पूछताछ के दौरान ग्रुप के संचालक इजहार हुसैन जाफरी उर्फ हनी जाफरी, अली अब्बास जाफरी ने घोटाले की बात कबूल की और इसका मास्टरमाइंड अपने भाई लकी जाफरी को बताया. बीते दिनों एसआईटी ने हाइजिया ग्रुप के कर्मचारी रवि से भी पूछताछ की थी.

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गौरतलब है कि, वर्ष 2015 से राज्य व केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली 75 करोड़ से अधिक की पोस्ट मैट्रीकुलेशन छात्रवृत्ति को कई नर्सिंग और इंटर कॉलेज के मैनेजमेंट ने हड़प ली थी. जांच में सामने आया था कि छात्रवृति के लिए बैंक में खोले गए अकाउंट में जैसे मेल आईडी और मोबाइल नंबर एक ही दिए गए थे. इसके अलावा बैंक के एकाउंट कुछ नाबालिग और बुजुर्गों के नाम भी थे, जिनसे कई लोगों को पैसे ट्रांसफर किए गए थे. इसके बाद दस सस्थानों, फिनो बैंक के अधिकारी समेत 18 लोग नामजद व अन्य अज्ञात के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. छात्रवृति गबन करने के लिए तीन हजार बैंक अकाउंट भी खोले गए थे.


यह भी पढ़ें : SC Goes Paperless: पेपरलेस हुआ SC, मुफ्त वाई-फाई सहित आधुनिक डिजाइन के बने कोर्ट रूम

लखनऊ : यूपी में हुए 75 करोड़ की छात्रवृत्ति घोटाले में जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाइजिया ग्रुप के संचालकों व कर्मचारी के खिलाफ आरोप-पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया है. एजेंसी ने घोटाले के आरोप में हाइजिया ग्रुप के संचालकों इजहार हुसैन जाफरी उर्फ हनी जाफरी, अली अब्बास जाफरी व कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. एजेंसी को इन आरोपियों के खिलाफ कई ठोस सबूत मिले थे, जिसके आधार पर अब उन पर आरोप तय कर चार्जशीट दाखिल कर दी गई है.

किन-किन पर दर्ज हुई थी FIR : दरअसल, गरीब, विकलांग, अल्पसंख्यकों और दलित छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति का गबन करने के आरोप में बीते दिनों हजरतगंज कोतवाली में एसएस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट मामपुर के चेयरमैन प्रवीण चौहान, एजुकेशन सोसाइटी एंड हाइजिया के वाइस प्रेसीडेंट इजहार हुसैन जाफरी, इसी ग्रुप में अली अब्बास जाफरी, सईद इशरत हुसैन जाफरी, हाइजिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी के रवि प्रकाश गुप्ता व ग्रुप से जुड़े अन्य अधिकारी-कर्मचारी, लखनऊ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड एजुकेशन के संचालक, डॉ. ओमप्रकाश ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन फर्रुखाबाद के चेयरमैन गुप्ता, डॉ. भीमराव अंबेडकर फाउंडेशन एंड जीविका कॉलेज ऑफ फार्मेसी हरदोई के सेक्रेटरी रामगोपाल, आरपीपी इंटर कॉलेज हरदोई की प्रबंधक पूनम वर्मा, ज्ञानवती इंटर कॉलेज हरदोई विवेक कुमार पटेल, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गौसगंज कछौना हरदोई के विवेक कुमार जगदीश प्रसाद वर्मा, फिनो पेमेंट बैंक के एरिया मैनेजर सचिन दुबे, एजेंट मो. साहिल अजीज, अमित कुमार मौर्य, तनवीर अहमद और जितेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी.

छात्रवृत्ति घोटाले में चार्जशीट दाखिल
छात्रवृत्ति घोटाले में चार्जशीट दाखिल

हाइजिया ग्रुप के संचालक निकले मास्टरमाइंड : एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस की जांच के अलावा ईडी भी इसमें शामिल हो गई थी. सूत्रों के मुताबिक, ईडी की जांच में सामने आया था कि, छात्रवृत्ति के पैसों से बेनामी संपत्तियां खरीदी गई हैं. जांच के दौरान ईडी को पता चला कि छात्रवृत्ति घोटाले में हाइजिया ग्रुप के संचालक ही मास्टरमाइंड थे. हाइजिया के संचालकों ने ही तय किया था कि, छात्रों का दाखिला कैसे दिखाना है, फर्जी बैंक खाते कैसे खुलना है और फिर उसमें डाली गई छात्रवृत्ति की रकम कैसे निकालनी है. इसकी पूरी साजिश हाइजिया ग्रुप के संचालकों ने ही रची थी.

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जेल में बंद हाइजिया ग्रुप के संचालकों से SIT ने की पूछताछ : छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में लखनऊ पुलिस कमिश्नर द्वारा गठित एसआईटी ने रविवार को हाइजिया ग्रुप के दो संचालकों को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की. सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी ने आठ घंटे पूछताछ के दौरान ग्रुप के संचालक इजहार हुसैन जाफरी उर्फ हनी जाफरी, अली अब्बास जाफरी ने घोटाले की बात कबूल की और इसका मास्टरमाइंड अपने भाई लकी जाफरी को बताया. बीते दिनों एसआईटी ने हाइजिया ग्रुप के कर्मचारी रवि से भी पूछताछ की थी.

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गौरतलब है कि, वर्ष 2015 से राज्य व केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली 75 करोड़ से अधिक की पोस्ट मैट्रीकुलेशन छात्रवृत्ति को कई नर्सिंग और इंटर कॉलेज के मैनेजमेंट ने हड़प ली थी. जांच में सामने आया था कि छात्रवृति के लिए बैंक में खोले गए अकाउंट में जैसे मेल आईडी और मोबाइल नंबर एक ही दिए गए थे. इसके अलावा बैंक के एकाउंट कुछ नाबालिग और बुजुर्गों के नाम भी थे, जिनसे कई लोगों को पैसे ट्रांसफर किए गए थे. इसके बाद दस सस्थानों, फिनो बैंक के अधिकारी समेत 18 लोग नामजद व अन्य अज्ञात के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. छात्रवृति गबन करने के लिए तीन हजार बैंक अकाउंट भी खोले गए थे.


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