लखनऊ: वीरांगना रानी अवंतीबाई महिला(डफरिन) अस्पताल को हाल ही में नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड( एनक्यूएसी) सर्टिफिकेट दिया गया है. इसके तहत अस्पताल को 22.82 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है. अस्पताल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए यह असेसमेंट किया जाता है, जिसमें कई मानकों की परख की जाती है.
पहले भी मिल चुका है सर्टिफिकेट
- वीरांगना रानी अवंतीबाई महिला चिकित्सालय को 2017 में एन क्यू ए सी सर्टिफिकेट मिल चुका है.
- एनआरएचएम द्वारा डफरिन अस्पताल में प्रति बेड सात हजार रुपये की दर से 326 बेडों के लिए 22.82 लाख रुपये दिए गए हैं.
- प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नीरा जैन ने बताया कि इस धनराशि का 25 प्रतिशत कर्मचारियों और बाकी धनराशि अस्पताल की सुविधाएं बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
यह असेसमेंट इस वर्ष अप्रैल में किया गया है. इस असेसमेंट में अस्पताल में मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं की गुणवत्ता की जांच की जाती है. साथ ही कर्मचारियों का व्यवहार और अस्पताल में उपयोग होने वाले मशीनों और जांचों के मानकों आदि की परख की जाती है. इसमें दिए गए अंकों के अनुसार एन क्यू ए सी सर्टिफिकेट की धनराशि जारी की गई है. इससे पहले भी डफरिन अस्पताल में यह असेसमेंट हो चुका है और यह पाया गया है कि अस्पताल की सुविधाएं मानकों के अनुरूप हैं. इन मानको में ऑपरेशन थिएटर, रिकॉर्ड कीपिंग समेत कई चीजें शामिल होती हैं. हालांकि अभी भी कुछ चीजें ऐसे हैं, जिनको सुधारने और गुणवत्ता परक करने की आवश्यकता है और उसमें हम कार्यबद्ध हैं.
-डॉ. नीरा जैन, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, डफरिन अस्पताल