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लखनऊ के रानी अवंतीबाई महिला अस्पताल को मिला NQAC सर्टिफिकेट

राजधानी के वीरांगना रानी अवंतीबाई महिला चिकित्सालय को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड यानि एनक्यूएसी सर्टिफिकेट दिया गया. नेशनल रूरल हेल्थ मिशन की तरफ से अस्पताल को 22,82 लाख रुपये दिये गए हैं. इससे पहले साल 2017 में भी डफरिन अस्पताल को यह सर्टिफिकेट मिल चुका है.

लखनऊ के डफरिन अस्पताल को मिला NQAC सर्टिफिकेट.
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Published : May 17, 2019, 8:46 AM IST

लखनऊ: वीरांगना रानी अवंतीबाई महिला(डफरिन) अस्पताल को हाल ही में नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड( एनक्यूएसी) सर्टिफिकेट दिया गया है. इसके तहत अस्पताल को 22.82 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है. अस्पताल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए यह असेसमेंट किया जाता है, जिसमें कई मानकों की परख की जाती है.

लखनऊ के डफरिन अस्पताल को मिला NQAC सर्टिफिकेट.

पहले भी मिल चुका है सर्टिफिकेट

  • वीरांगना रानी अवंतीबाई महिला चिकित्सालय को 2017 में एन क्यू ए सी सर्टिफिकेट मिल चुका है.
  • एनआरएचएम द्वारा डफरिन अस्पताल में प्रति बेड सात हजार रुपये की दर से 326 बेडों के लिए 22.82 लाख रुपये दिए गए हैं.
  • प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नीरा जैन ने बताया कि इस धनराशि का 25 प्रतिशत कर्मचारियों और बाकी धनराशि अस्पताल की सुविधाएं बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.

यह असेसमेंट इस वर्ष अप्रैल में किया गया है. इस असेसमेंट में अस्पताल में मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं की गुणवत्ता की जांच की जाती है. साथ ही कर्मचारियों का व्यवहार और अस्पताल में उपयोग होने वाले मशीनों और जांचों के मानकों आदि की परख की जाती है. इसमें दिए गए अंकों के अनुसार एन क्यू ए सी सर्टिफिकेट की धनराशि जारी की गई है. इससे पहले भी डफरिन अस्पताल में यह असेसमेंट हो चुका है और यह पाया गया है कि अस्पताल की सुविधाएं मानकों के अनुरूप हैं. इन मानको में ऑपरेशन थिएटर, रिकॉर्ड कीपिंग समेत कई चीजें शामिल होती हैं. हालांकि अभी भी कुछ चीजें ऐसे हैं, जिनको सुधारने और गुणवत्ता परक करने की आवश्यकता है और उसमें हम कार्यबद्ध हैं.

-डॉ. नीरा जैन, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, डफरिन अस्पताल

लखनऊ: वीरांगना रानी अवंतीबाई महिला(डफरिन) अस्पताल को हाल ही में नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड( एनक्यूएसी) सर्टिफिकेट दिया गया है. इसके तहत अस्पताल को 22.82 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है. अस्पताल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए यह असेसमेंट किया जाता है, जिसमें कई मानकों की परख की जाती है.

लखनऊ के डफरिन अस्पताल को मिला NQAC सर्टिफिकेट.

पहले भी मिल चुका है सर्टिफिकेट

  • वीरांगना रानी अवंतीबाई महिला चिकित्सालय को 2017 में एन क्यू ए सी सर्टिफिकेट मिल चुका है.
  • एनआरएचएम द्वारा डफरिन अस्पताल में प्रति बेड सात हजार रुपये की दर से 326 बेडों के लिए 22.82 लाख रुपये दिए गए हैं.
  • प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नीरा जैन ने बताया कि इस धनराशि का 25 प्रतिशत कर्मचारियों और बाकी धनराशि अस्पताल की सुविधाएं बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.

यह असेसमेंट इस वर्ष अप्रैल में किया गया है. इस असेसमेंट में अस्पताल में मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं की गुणवत्ता की जांच की जाती है. साथ ही कर्मचारियों का व्यवहार और अस्पताल में उपयोग होने वाले मशीनों और जांचों के मानकों आदि की परख की जाती है. इसमें दिए गए अंकों के अनुसार एन क्यू ए सी सर्टिफिकेट की धनराशि जारी की गई है. इससे पहले भी डफरिन अस्पताल में यह असेसमेंट हो चुका है और यह पाया गया है कि अस्पताल की सुविधाएं मानकों के अनुरूप हैं. इन मानको में ऑपरेशन थिएटर, रिकॉर्ड कीपिंग समेत कई चीजें शामिल होती हैं. हालांकि अभी भी कुछ चीजें ऐसे हैं, जिनको सुधारने और गुणवत्ता परक करने की आवश्यकता है और उसमें हम कार्यबद्ध हैं.

-डॉ. नीरा जैन, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, डफरिन अस्पताल

Intro:लखनऊ। वीरांगना रानी अवंतीबाई महिला अस्पताल को हाल ही में एन क्यू ए सी सर्टिफिकेट दिया गया है। इस के तहत अस्पताल को 22.82 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है।अस्पताल की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए यह असेसमेंट किया जाता है जिसमें कई मानकों की परख की जाती है।


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वीरांगना रानी अवंतीबाई महिला चिकित्सालय को 2017 में एन क्यू ए सी सर्टिफिकेट मिल चुका है। उसके बाद लगातार अस्पताल की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए समय अंतराल पर असेसमेंट किया जाता है। डफरिन अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ नीरा जैन के अनुसार, यह असेसमेंट इस वर्ष अप्रैल में किया गया है। इस असेसमेंट में अस्पताल में मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं की गुणवत्ता की जांच की जाती है। साथ ही कर्मचारियों का व्यवहार और अस्पताल में उपयोग होने वाले मशीनों और जांचों के मानकों आदि की परख की जाती है। इसमें दिए गए अंकों के अनुसार एन क्यू ए सी सर्टिफिकेट की धनराशि जारी की गई है। इससे पहले भी डफरिन अस्पताल में यह असेसमेंट हो चुका है और यह पाया गया है कि अस्पताल की सुविधाएं मानकों के अनुरूप हैं। इन मानको में ऑपरेशन थिएटर, रिकॉर्ड कीपिंग समेत कई चीजें शामिल होती हैं। हालांकि अभी भी कुछ चीजें ऐसे हैं जिन को सुधारने और गुणवत्ता परक करने की आवश्यकता है और उसमें हम कार्य बद्ध है।




Conclusion:फिलहाल एनआरएचएम द्वारा डफरिन अस्पताल में प्रति बेड सात हजार रूपये की दर से 326 बेडों के लिए 22.82 लाख रुपये दिए गए हैं। इस धनराशि का 25% कर्मचारियों और बाकी धनराशि अस्पताल की सुविधाएं बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किये जाने की बात डॉ जैन कह रही हैं।

बाइट- डॉ नीरा जैन, एसआईसी, डफरिन अस्पताल

रामांशी मिश्रा
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