लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के उन लोगों पर पलटवार किया है जो कोविड प्रबंधन को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. सीएम योगी ने बुधवार को निगरानी समितियों के साथ वर्चुअल मीटिंग के दौरान कहा कि इस महामारी में उत्तर प्रदेश की नियंत्रित स्थिति कुछ लोगों को अच्छी नहीं लग रही. ऐसे लोग कमियां निकालते हैं. अनावश्यक टीका टिप्पड़ी करने वाले यह लोग हमारे कोविड वॉरियर के कार्यों का अपमान कर रहे हैं. जिनकी प्रशंसा करनी चाहिए. उनके काम में खोट निकालना अच्छा काम नहीं है. कोविड के खिलाफ इस लड़ाई में हमारी नीति सही दिशा में है. 4 दिन पहले तक प्रदेश में 38 हजार नए मामले रोज आ रहे थे. आज घटते-घटते 29 हजार पर आ गया है.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश कोविड के खिलाफ लड़ाई में पूरी प्रतिबद्धता के साथ लड़ रहा है. कोविड की पहली लहर के अनुभवों से सीखते हुए स्वास्थ्य संसाधनों को प्राथमिकता के साथ बेहतर किया गया है. यह काम लगातार जारी है. हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा. आज एक लाख 16 हजार से अधिक एल-1 के बेड हैं तो L-2 व L-3 के 65 हजार से अधिक बेड हैं. इसे जल्द ही दोगुना करने की दिशा में काम किया जा रहा है. इसमें निजी क्षेत्र को जुड़ना पड़ेगा.
निगरानी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका
सीएम योगी ने कहा कि कोरोना महामारी की इस लड़ाई को मजबूती से आगे बढ़ाने में निगरानी समितियों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है. विगत एक साल से ईमानदारी तत्परता के साथ लगन भाव से निगरानी समितियां काम कर रही हैं. निगरानी समितियों ने जिस प्रकार की प्रभावी भूमिका निभाई थी. उसी का परिणाम है कि हमारे गांव सुरक्षित रहे. 40 लाख प्रवासी श्रमिकों के टेस्ट और ट्रैक करने की बात हो. उन्हें क्वारंटीन सेंटर में व्यवस्थित करना हो, खाद्यान्न वितरण कराना हो, होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को मेडिकल किट उपलब्ध कराने हो, सभी क्षेत्रों में आपकी भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है.
धैर्य एवं संयम के साथ लड़ना होगा
आज पूरा देश, पूरी दुनिया इस कोरोना से लड़ाई लड़ रही है. यह कोई सामान्य बीमारी नहीं, महामारी है. हमारे शास्त्रों ने कहा है आपदाकाल में धैर्य सबसे बड़ा सहारा होता है. हमें धैर्य और संयम के साथ इस महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़नी है. यह लड़ाई उस स्थिति में पहुंच चुकी है, जहां सबका सहयोग जरूरी है. आशा बहनें, आंगनवाड़ी, युवक मंगल दल, सिविल डिफेंस, स्वयंसेवी संस्थाएं, सभी सहयोग कर रहे हैं.
निगरानी समिति के पास यह चीजें जरूरी
हर निगरानी समिति के पास इंफ्रारेड थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर, सैनिटाइजर, मास्क, ग्लव्स जरूर रहे. कोई प्रवासी आये तो उसका तापमान लें. पल्स ऑक्सीमीटर से उसका ऑक्सीजन चेक करें. जरूरत के अनुसार हेल्थ टीम को बताएं. उसका टेस्ट कराएं. पॉजिटिव आये तो उसे मेडिकल किट उपलब्ध कराएं. लक्षण मात्र भी हों तो भी कोविड प्रोटोकॉल का अनुसार ही इलाज दिलाने में मदद करें.
जरूरत पड़े तो मिले डीएम से
निगरानी समितियां अपने क्षेत्र में कन्टेनमेंट जोन को प्रभावी बनाए. गांव हो या शहर ऐस चिन्हित क्षेत्रों में अनावश्यक आवाजाही बन्द कराएं. केवल जरूरी गतिविधियां ही जारी रहें. कोई दिक्कत हो तो सीडीओ को बताएं, डीएम से मिलें, आइसीसीसी को जानकारी दें और किसी तरह का सहयोग चाहिए तो 24×7 सीएम हेल्पलाइन 1076 को फोन करें.
ईमानदारी से होगा प्रयास तो हारेगा कोरोना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर ईमानदारी से प्रयास होगा तो कोरोना जरूर हारेगा. मुझे खुद कोविड संक्रमण हुआ. घर पर रहा, इलाज हो रहा है. अब ठीक हो रहा हूं. लोगों को बताएं कि अनावश्यक सब लोग हॉस्पिटल की ओर न भागें. सबको ऑक्सीजन नहीं चाहिए. सबके लिए रेमेडेसिवीर जरूरी नहीं. डॉक्टर को बताएं, वही तय करें कि मरीज के लिए क्या जरूरी है, क्या सही है. इस बारे में लोगों को बताया जाना चाहिए.
शासन निगरानी समितियों का रखें ख्याल
इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शासन स्तर के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि निगरानी समितियों की समस्याओं का समाधान हो. उन्हें बुनियादी सुविधा मिलती रहे. यह फ्रंट लाइन कोविड वॉरियर हैं. इस चुनौती का हम लोग डटकर सामना करेंगे और कोरोना को हराएंगे.
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