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किसान पंचायतः ठेठ देहाती भाषा के बीच अचानक होने लगा अंग्रेजी में भाषण, किसान भी चौंक गए

लखनऊ में संयुक्त किसान मोर्चा की अधिकार रैली का आयोजन किया जा रहा है. पूरे प्रदेश से हजारों किसान यहां जमे रहे और जमकर मोदी सरकार और योगी सरकार पर निशाने साधे गए. अचानक किसान आंदोलन के मंच का माहौल बदल गया. ठेठ देहाती भाषा के बीच अचानक अंग्रेजी में भाषण होने लगा, जिसको सुनकर किसान भी चौंक गए.

ठेठ देहाती भाषा के बीच अचानक होने लगा अंग्रेजी में भाषण
ठेठ देहाती भाषा के बीच अचानक होने लगा अंग्रेजी में भाषण
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Published : Nov 22, 2021, 2:33 PM IST

लखनऊ: अमेरिका से आए डॉ. सोवाईमान सिंह किसान आंदोलन के मंच पर जैसे पहुंचे यहां का माहौल बदल गया. यहां पर इससे पहले गीत देहाती भाषा में भाषण हो रहे थे. हिंदी, हरियाणवी, पंजाबी में नेता बोल रहे थे. सरदार सोवाई मानसिंह ने यहां किसानों को अंग्रेजी में संबोधित किया. उन्होंने पहले अपनी बात अंग्रेजी में कही. इसके बाद में वे कुछ देर के लिए टूटी-फूटी हिंदी में भी बोले. मानसिंह ने किसानों से अपील की कि वे तीनों किसान कानूनों को जरूर पढ़ें. ताकि आगे अगर कभी कोई ऐसा कानून बने तो उनको इसकी जानकारी हो और भी आंदोलन कर सकें.


गौरतलब है कि लखनऊ में संयुक्त किसान मोर्चा की अधिकार रैली का आयोजन किया जा रहा है. जहां राकेश टिकैत भी अपनी बात करेंगे. इसके अलावा पूरे प्रदेश से हजारों किसान यहां जमे रहे और जमकर मोदी सरकार और योगी सरकार पर निशाने साधे गए.

ठेठ देहाती भाषा के बीच अचानक होने लगा अंग्रेजी में भाषण

उन्होंने कहा कि आज जो किसान आंदोलन के लिए लड़े हैं. उनका नाम आगे इतिहास में लिखा जाएगा. उनका जिक्र किताबों में होगा. इसलिए अब हमको केवल अपनी चिंता करनी चाहिए. देश की बात करनी चाहिए. हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई मंदिर मस्जिद के नाम पर वोट नहीं देना है. बात केवल देश की होनी चाहिए. सिंह के अंग्रेजी में दिए गए भाषण को लोगों ने खूब सराहा.

यह भी पढ़ें- किसान महापंचायत: ETV भारत से बोले राकेश टिकैत, सरकार से गले मिलकर ही जाएंगे

इस दौरान यहां पूरे प्रदेश से किसान नेता आए थे इनके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख लाइन नेताओं को भी शामिल किया गया. जिन्होंने किसान आंदोलन को लेकर और तीन कानूनों को वापसी पर सरकार से लगातार बातचीत की थी.

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लखनऊ: अमेरिका से आए डॉ. सोवाईमान सिंह किसान आंदोलन के मंच पर जैसे पहुंचे यहां का माहौल बदल गया. यहां पर इससे पहले गीत देहाती भाषा में भाषण हो रहे थे. हिंदी, हरियाणवी, पंजाबी में नेता बोल रहे थे. सरदार सोवाई मानसिंह ने यहां किसानों को अंग्रेजी में संबोधित किया. उन्होंने पहले अपनी बात अंग्रेजी में कही. इसके बाद में वे कुछ देर के लिए टूटी-फूटी हिंदी में भी बोले. मानसिंह ने किसानों से अपील की कि वे तीनों किसान कानूनों को जरूर पढ़ें. ताकि आगे अगर कभी कोई ऐसा कानून बने तो उनको इसकी जानकारी हो और भी आंदोलन कर सकें.


गौरतलब है कि लखनऊ में संयुक्त किसान मोर्चा की अधिकार रैली का आयोजन किया जा रहा है. जहां राकेश टिकैत भी अपनी बात करेंगे. इसके अलावा पूरे प्रदेश से हजारों किसान यहां जमे रहे और जमकर मोदी सरकार और योगी सरकार पर निशाने साधे गए.

ठेठ देहाती भाषा के बीच अचानक होने लगा अंग्रेजी में भाषण

उन्होंने कहा कि आज जो किसान आंदोलन के लिए लड़े हैं. उनका नाम आगे इतिहास में लिखा जाएगा. उनका जिक्र किताबों में होगा. इसलिए अब हमको केवल अपनी चिंता करनी चाहिए. देश की बात करनी चाहिए. हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई मंदिर मस्जिद के नाम पर वोट नहीं देना है. बात केवल देश की होनी चाहिए. सिंह के अंग्रेजी में दिए गए भाषण को लोगों ने खूब सराहा.

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इस दौरान यहां पूरे प्रदेश से किसान नेता आए थे इनके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख लाइन नेताओं को भी शामिल किया गया. जिन्होंने किसान आंदोलन को लेकर और तीन कानूनों को वापसी पर सरकार से लगातार बातचीत की थी.

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