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खनन पट्टों के लंबित आवेदनों का शीघ्र निस्तारण हो : डॉ. रोशन जैकब

डॉ. रोशन जैकब ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि खनन पट्टे स्वीकृत करने को लेकर जनपद स्तर पर लंबित आवेदन पत्रों पर नियमानुसार कार्रवाई कराते हुए इनका शीघ्र निस्तारण कराया जाए.

डॉ. रोशन जैकब
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Published : May 10, 2021, 8:33 PM IST

लखनऊ : निदेशक भूतत्व एवं खनिजकर्म विभाग उत्तर प्रदेश डॉ. रोशन जैकब ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि खनन पट्टे स्वीकृत करने को लेकर जनपद स्तर पर लंबित आवेदनों का शीघ्र निस्तारण किया जाए. उन्होंने कहा कि इससे उपखनिजों की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहेगी और मानसून अवधि में खनिजों की उपलब्धता की निरंतरता बनाए रखते हुए उसके मूल्य वृद्धि पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा.

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निदेशालय से जारी निर्देश का जल्द हो पालन

उन्होंने कहा कि अपेक्षा है कि खनन निदेशालय से निर्गत दिशा-निर्देशों एवं नियमावली के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करते हुए यथा शीघ्र आवेदनों का निस्तारण सुनिश्चित किया जाएगा. बता दें कि उत्तर प्रदेश खनिज परिहार नियमावली के अंतर्गत कृषि भूमि पर बाढ़ के कारण एकत्र बालू, मोरंग, बजरी, बोल्डर आदि को हटाने के अनुज्ञापत्र निर्गत किए जाने का प्रावधान है. इसी प्रकार नदी तल में स्थित निजी भूमि में उपलब्ध उपखनिजों के रिक्त क्षेत्रों को ई-निविदा प्रणाली के माध्यम से खनन परिहार स्वीकृत करने का भी नियम है.

इस तरह मिलते हैं पट्टे

इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश खनिज पट्टे नियमावली- 1963 में नया नियम 52 ग समावेशित करते हुए नदी तल के इतर के क्षेत्रों पर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित शर्तों के तहत स्वामित्व की दो गुनी धनराशि जमा करने पर अधिकतम 6 माह की अवधि के लिए भूस्वामी के पक्ष में अनुज्ञापत्र स्वीकृत किए जाने का भी प्रावधान है.

लखनऊ : निदेशक भूतत्व एवं खनिजकर्म विभाग उत्तर प्रदेश डॉ. रोशन जैकब ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि खनन पट्टे स्वीकृत करने को लेकर जनपद स्तर पर लंबित आवेदनों का शीघ्र निस्तारण किया जाए. उन्होंने कहा कि इससे उपखनिजों की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहेगी और मानसून अवधि में खनिजों की उपलब्धता की निरंतरता बनाए रखते हुए उसके मूल्य वृद्धि पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा.

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उन्होंने कहा कि अपेक्षा है कि खनन निदेशालय से निर्गत दिशा-निर्देशों एवं नियमावली के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करते हुए यथा शीघ्र आवेदनों का निस्तारण सुनिश्चित किया जाएगा. बता दें कि उत्तर प्रदेश खनिज परिहार नियमावली के अंतर्गत कृषि भूमि पर बाढ़ के कारण एकत्र बालू, मोरंग, बजरी, बोल्डर आदि को हटाने के अनुज्ञापत्र निर्गत किए जाने का प्रावधान है. इसी प्रकार नदी तल में स्थित निजी भूमि में उपलब्ध उपखनिजों के रिक्त क्षेत्रों को ई-निविदा प्रणाली के माध्यम से खनन परिहार स्वीकृत करने का भी नियम है.

इस तरह मिलते हैं पट्टे

इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश खनिज पट्टे नियमावली- 1963 में नया नियम 52 ग समावेशित करते हुए नदी तल के इतर के क्षेत्रों पर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित शर्तों के तहत स्वामित्व की दो गुनी धनराशि जमा करने पर अधिकतम 6 माह की अवधि के लिए भूस्वामी के पक्ष में अनुज्ञापत्र स्वीकृत किए जाने का भी प्रावधान है.

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