लखनऊ: सातवें वेतनमान को एसजीपीजीआई की तर्ज पर लागू करने की मांग को लेकर गुरुवार को लोहिया संस्थान के चिकित्सकों ने अफसरों का घेराव किया. साथ ही चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार का एलान कर दिया.
गौरतलब है कि लोहिया संस्थान के डॉक्टर कई दिनों से काला फीता बांधकर काम कर रहे थे. संस्थान के निदेशक व वित्त अधिकारी से लंबित मांगों को लेकर ज्ञापन भी दिया था. लेकिन मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई. गुरुवार को डॉक्टरों का धैर्य जवाब दे गया. इसके बाद चिकित्सक प्रदर्शन पर उतर आए.
गुरुवार को संस्थान के प्रेक्षागृह में सभी डॉक्टर इकट्ठा हुए. इस दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. डीके श्रीवास्तव ने कहा की डॉक्टर कोरोना काल में जुटे रहे, अपनी जान तक की परवाह नहीं की. वर्षों से लंबित एसजीपीजीआइ के समान वेतनमान देने की मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है.
ऐसे में शनिवार से आंदोलन तेज किया जाएगा. कहा कि शनिवार को एक घंटे ओपीडी में डॉक्टर मरीज नहीं देखेंगे और शिक्षण कार्य भी नहीं होगा. साथ ही सोमवार को दो घंटे कार्य बहिष्कार करेंगे.
यह भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल ने जारी किया चुनावी मांगपत्र, राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र में शामिल करने की मांग
एसोसिएशन के सचिव डॉ. विकास के मुताबिक डॉक्टरों ने लंबे समय तक धैर्य बनाये रखा. मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. ऐसे में आंदोलन ही विकल्प है. सोमवार से दो घंटे कार्यबहिष्कार किया जाएगा. इमरजेंसी सेवाओं का संचालन जारी रहेगा.
कहा कि साल 2020 से संस्थान के डॉक्टर पीजीआई के समान सांतवा वेतनमान की मांग कर रहे हैं. डॉक्टरों का हर महीने 20 से 40 हजार का नुकसान हो रहा है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप