लखनऊ: राजधानी के बलरामपुर हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने बिना रेफरल कागज के मरीज का इलाज करने से मना कर दिया. इस दौरान 60 वर्षीय मरीज एंबुलेंस में ही पड़ा रहा और फिर उसकी मौत हो गई. डॉक्टरों की इस लापरवाही का डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लेते हुए घटना के वक्त ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों से जवाब तलब किया है. साथ ही बलरामपुर अस्पताल के निदेशक को जांच सौंपते हुए दो दिनों में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए है.
दरअसल, बीते दिनों निगोहां निवासी 60 वर्षीय जयराम मारपीट में गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे. जिसके बाद उन्हें पीजीआई एपैक्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां उनका प्राथमिक उपचार कर केजीएमयू रेफर कर दिया गया. घायल जयराम के परिजन निजी एम्बुलेंस से उन्हे बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे गए थे. परिजनों ने आरोप लगाया कि वहां डॉक्टर मरीज को भर्ती करने के बजाए रेफरल पेपर मांगने लगे. जिसके बाद परिजन घायल मरीज को गंभीर स्थिति में एंबुलेंस में लिटा कर कागजों को देखने में उलझ गए.
जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मरीज की हालत गंभीर देखते हुए परिजन करीब आधे घंटे तक उसको भीषण गर्मी में एम्बुलेंस में रखने के बाद ट्रॉमा सेंटर ने जा रहे थे, तभी रास्ते में रोगी की मौत हो गई थी. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया है कि घटना बेहद संवेदनशील है और डॉक्टर-कर्मचारियों ने घोर लापरवाही बरती है. अस्पताल के निदेशक को पूरे प्रकरण की जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं. यदि जांच में इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर और कर्मचारियों की लापरवाही उजागर होती है तो कठोर कार्रवाई की जाएगी. मरीजों के इलाज में लापरवाही किसी भी दशा में बर्दास्त नहीं की जाएगी.
डिप्टी सीएम ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए कहा कि योगी सरकार लगातार स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए कदम उठा रही है. सरकार की छवि खराब करने वाले डॉक्टर व कर्मचारी व अन्य अधिकारियों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जायेगा, कठोर कार्रवाई की जाएगी.
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