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अब युद्ध स्तर पर होगा कोरोना वैक्सीनेशन, रात 10 बजे तक खुलेगा बूथ

यूपी में कोरोना का वैक्सीनेशन अब युद्ध स्तर पर किया जाएगा. इसके लिए सोमवार से क्लस्टर मॉडल-2 शुरू किया गया है. एक तरफ जहां ऑन द स्पॉट पंजीकरण कर वैक्सीन लगाई जा रही है, वहीं जिला अस्पतालों में डबल शिफ्ट में रात दस बजे तक बूथ खुले रहेंगे.

अब युद्ध स्तर पर होगा कोरोना वैक्सीनेशन
अब युद्ध स्तर पर होगा कोरोना वैक्सीनेशन
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Published : Nov 1, 2021, 1:35 PM IST

लखनऊ: अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक यूपी में क्षेत्रों को क्लस्टर में बांटकर टीकाकरण किया जाएगा. इसमें दूसरी डोज लगाने के काम पर भी जोर दिया जा रहा है. इसमें फिक्स बूथ के अलावा कैम्प व घर-घर वैक्सीन की ड्राइव चलाई जा रही है. जिन इलाको में क्लस्टर बनाकर पहली डोज लगाई गई है, उन क्षेत्रों में अब दूसरी डोज भी लगेगी.


प्रधानों का होगा सम्मान
जिन गांवों में सभी को पहली डोज लग गई है उस गांव को 'प्रथम डोज संतृप्त ग्राम' की संज्ञा दी जाएगी. वहीं दूसरी डोज से संतृप्त गांव को कोविड सुरक्षित ग्राम की संज्ञा दी जाएगी. इसके लिए प्रधानों को सम्मानित किया जाएगा. टीकाकरण में आशा आंगनबाड़ी और अन्य कर्मचारी की मदद ली जा रही है. यह कर्मी टीकाकरण से वंचित लोगों के घर जाकर टीकाकरण की पर्ची दे रहे हैं.


11 हजार 632 बनाए गए बूथ

सोमवार को 11, 632 केंद्रों पर टीकाकरण किया गया है. इसमें 11,571 सरकारी और 61 निजी केंद्र बनाए गए हैं. इन पर अब तक 13 करोड़ 8 लाख के अधिक डोज लगाई गई है.


यूपी में 18 वर्ष से अधिक 66.40 फीसद के अधिक आबादी टीकाकरण की पहली डोज से कवर हो गयी है. साथ ही दूसरी डोज 21.87 फीसद से ज्यादा को लग गई है. यह कोरोना संक्रमण को कम करने में मददगार होगा. यूपी में कुल डोज अब जहां 13 करोड़ 8 लाख पार हो गई, पहली डोज का आंकड़ा अब 9 करोड़ 81 लाख पार कर गया है. वहीं दूसरी डोज लेने वालों की तादाद 3 करोड़ 25 लाख 48 हजार पार कर गई.

नवम्बर में डोज लगाने पर रहेगा जोर

राज्य में पहले चार से पांच लाख लोगों को रोज वैक्सीन लगाई जाती थी. जून के दूसरे सप्ताह से हर रोज 6 लाख टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया, वहीं 21 जून से हेल्थ टीम ने आठ लाख तक रोज डोज लगाना शुरू किया. ऐसे में जून में एक करोड़ डोज लगाने का लक्ष्य 24 दिन में हासिल कर लिया गया. जुलाई में हर रोज 10 लाख डोज लगाने का लक्ष्य तय किया गया. मगर, केंद्र सरकार से पर्याप्त मात्रा में डोज नहीं मिली. ऐसे में हर रोज 10 लाख वैक्सीन नहीं लग पाईं. वहीं, तीन अगस्त को मेगा कैम्प लगाए गए. शहर से लेकर गांव तक ऑन द स्पॉट पंजीकरण कर टीकाकरण किया गया.

यह भी पढ़ें- क्या अखिलेश यादव चुनाव नहीं लड़ेंगे?

इस दौरान 29 लाख 50 से अधिक को टीका लगाया गया. वहीं 16 अगस्त को 23 लाख 67 हजार से अधिक को टीका लगाया गया. 27 अगस्त को 'बिग वैक्सीनेशन डे' मनाया गया. इसमें 11 हजार से ज्यादा केंद्र बनाए गए. इसमें 30 लाख 686 डोज लगाने के रिकॉर्ड बना. अगस्त में दो करोड़ वैक्सीन लगाने का लक्ष्य पूरा किया गया. इसके बाद 6 सितम्बर को 33 लाख 42 हजार 360 को डोज लगी है. सितम्बर में तीन करोड़ वैक्सीन लगाने का लक्ष्य था मगर इस दौरान एक करोड़ 55 लाख ही डोज लग सकीं. वहीं, अब नवम्बर में टीकाकरण पर जोर देने का दावा किया गया.

लखनऊ: अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक यूपी में क्षेत्रों को क्लस्टर में बांटकर टीकाकरण किया जाएगा. इसमें दूसरी डोज लगाने के काम पर भी जोर दिया जा रहा है. इसमें फिक्स बूथ के अलावा कैम्प व घर-घर वैक्सीन की ड्राइव चलाई जा रही है. जिन इलाको में क्लस्टर बनाकर पहली डोज लगाई गई है, उन क्षेत्रों में अब दूसरी डोज भी लगेगी.


प्रधानों का होगा सम्मान
जिन गांवों में सभी को पहली डोज लग गई है उस गांव को 'प्रथम डोज संतृप्त ग्राम' की संज्ञा दी जाएगी. वहीं दूसरी डोज से संतृप्त गांव को कोविड सुरक्षित ग्राम की संज्ञा दी जाएगी. इसके लिए प्रधानों को सम्मानित किया जाएगा. टीकाकरण में आशा आंगनबाड़ी और अन्य कर्मचारी की मदद ली जा रही है. यह कर्मी टीकाकरण से वंचित लोगों के घर जाकर टीकाकरण की पर्ची दे रहे हैं.


11 हजार 632 बनाए गए बूथ

सोमवार को 11, 632 केंद्रों पर टीकाकरण किया गया है. इसमें 11,571 सरकारी और 61 निजी केंद्र बनाए गए हैं. इन पर अब तक 13 करोड़ 8 लाख के अधिक डोज लगाई गई है.


यूपी में 18 वर्ष से अधिक 66.40 फीसद के अधिक आबादी टीकाकरण की पहली डोज से कवर हो गयी है. साथ ही दूसरी डोज 21.87 फीसद से ज्यादा को लग गई है. यह कोरोना संक्रमण को कम करने में मददगार होगा. यूपी में कुल डोज अब जहां 13 करोड़ 8 लाख पार हो गई, पहली डोज का आंकड़ा अब 9 करोड़ 81 लाख पार कर गया है. वहीं दूसरी डोज लेने वालों की तादाद 3 करोड़ 25 लाख 48 हजार पार कर गई.

नवम्बर में डोज लगाने पर रहेगा जोर

राज्य में पहले चार से पांच लाख लोगों को रोज वैक्सीन लगाई जाती थी. जून के दूसरे सप्ताह से हर रोज 6 लाख टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया, वहीं 21 जून से हेल्थ टीम ने आठ लाख तक रोज डोज लगाना शुरू किया. ऐसे में जून में एक करोड़ डोज लगाने का लक्ष्य 24 दिन में हासिल कर लिया गया. जुलाई में हर रोज 10 लाख डोज लगाने का लक्ष्य तय किया गया. मगर, केंद्र सरकार से पर्याप्त मात्रा में डोज नहीं मिली. ऐसे में हर रोज 10 लाख वैक्सीन नहीं लग पाईं. वहीं, तीन अगस्त को मेगा कैम्प लगाए गए. शहर से लेकर गांव तक ऑन द स्पॉट पंजीकरण कर टीकाकरण किया गया.

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इस दौरान 29 लाख 50 से अधिक को टीका लगाया गया. वहीं 16 अगस्त को 23 लाख 67 हजार से अधिक को टीका लगाया गया. 27 अगस्त को 'बिग वैक्सीनेशन डे' मनाया गया. इसमें 11 हजार से ज्यादा केंद्र बनाए गए. इसमें 30 लाख 686 डोज लगाने के रिकॉर्ड बना. अगस्त में दो करोड़ वैक्सीन लगाने का लक्ष्य पूरा किया गया. इसके बाद 6 सितम्बर को 33 लाख 42 हजार 360 को डोज लगी है. सितम्बर में तीन करोड़ वैक्सीन लगाने का लक्ष्य था मगर इस दौरान एक करोड़ 55 लाख ही डोज लग सकीं. वहीं, अब नवम्बर में टीकाकरण पर जोर देने का दावा किया गया.

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