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लखनऊ: केजीएमयू ट्रामा में ड्यूटी में ड्रामा करने वाले डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई - लखनऊ ताजा समाचार

राजधानी लखनऊ में स्थित केजीएमयू ट्रामा सेंटर की ड्यूटी को लेकर एक शिक्षक और अफसर आमने-सामने आ गए. बड़े पदों पर तैनात अफसरों ने डॉक्टरों की इमरजेंसी ड्यूटी को जायज ठहराया है. वहीं कई ने इसका विरोध किया है.

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डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई.
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Published : Feb 13, 2020, 12:03 PM IST

लखनऊ: राजधानी के केजीएमयू ट्रामा सेंटर की ड्यूटी को लेकर एक शिक्षक और अफसर आमने-सामने आ गए. पदों पर काबिज अफसरों ने डॉक्टरों की इमरजेंसी ड्यूटी को जायज ठहराया है. वहीं तमाम ने इसका विरोध किया है. साथ ही ट्रामा सेंटर में फैली अव्यवस्था की वजह से प्रशासनिक व्यवस्थाएं भी फेल होना बताया है

इसकी वजह से ट्रामा सेंटर की व्यवस्थाएं डॉक्टरों की ड्यूटी तय न होने की वजह से तमाम दिक्कतों से गुजर रही है. इस पूरे मामले पर केजीएमयू प्रशासन ने डॉक्टरों द्वारा ड्यूटी के मना करने पर कार्रवाई का मन बनाया है.

डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई.
राजधानी लखनऊ के केजीएमयू में 400 बेड का ट्रामा सेंटर है. यहां कुल 556 शिक्षकों के पद हैं. वहीं 750 जूनियर डॉक्टर के हैं. बावजूद इसके इमरजेंसी सेवाएं चरमराई हुई हैं. ट्रामा सेंटर में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है. मरीजों को निजी अस्पताल में रेफर करने का धंधा चल रहा है. ऐसे में शासन भी सख्त हो गया है.हालात अभी भी जस के तस कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट ने कुलपति की तर्ज पर ट्रामा सेंटर में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने का निर्देश दिया था. 3 वर्ष में तीन बार आदेश जारी कर चुके हैं, लेकिन डॉक्टरों ने इसका पालन नहीं किया. वहीं 31 जनवरी को जारी आदेश में अल्टीमेटम भी दिया गया, लेकिन व्यवस्था 6 दिन बाद ही नहीं सुधर सकी. ऐसे में 6 फरवरी से डॉक्टरों की लिस्ट बनाकर ट्रामा सेंटर के प्रभारी संतोष कुमार ने कुलपति को कार्रवाई के लिए भेज दिया है. इसको लेकर के शिक्षकों और डॉक्टरों में काफी रोष है. आनन-फानन में बैठकों का दौर शुरू हो गया है, लेकिन हालात अभी भी जस के तस बने हुए हैं.

आदेशों को न मानने पर होगी कार्रवाई
दरअसल, डॉक्टरों शिक्षकों में ट्रामा सेंटर दूत्य4 के विरोध में संस्थान के प्रशासनिक पदों पर काबिज डॉक्टरों ने इमरजेंसी ड्यूटी आदेश को जायज ठहराया. वहीं ट्रामा में फैली अव्यवस्था को प्रशासनिक फैल्योर भी बताया जा रहा है. इस दौरान ड्यूटी करने या न करने पर अभी तक दोनों ही पक्षों की तरफ से कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है. वहीं इस पूरे मसले पर अभी तक प्रशासन की तरफ से भी कोई सख्ती नहीं दिखी है. हालांकि शासन की तरफ से यह सख्त आदेश दिया गया है कि यदि डॉक्टरों द्वारा केजीएमए प्रशासन के दिए आदेशों की अवहेलना होगी तो डॉक्टरों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: बजट सत्र के पहले ही दिन विधानसभा गेट पर विपक्ष ने दिया धरना

लखनऊ: राजधानी के केजीएमयू ट्रामा सेंटर की ड्यूटी को लेकर एक शिक्षक और अफसर आमने-सामने आ गए. पदों पर काबिज अफसरों ने डॉक्टरों की इमरजेंसी ड्यूटी को जायज ठहराया है. वहीं तमाम ने इसका विरोध किया है. साथ ही ट्रामा सेंटर में फैली अव्यवस्था की वजह से प्रशासनिक व्यवस्थाएं भी फेल होना बताया है

इसकी वजह से ट्रामा सेंटर की व्यवस्थाएं डॉक्टरों की ड्यूटी तय न होने की वजह से तमाम दिक्कतों से गुजर रही है. इस पूरे मामले पर केजीएमयू प्रशासन ने डॉक्टरों द्वारा ड्यूटी के मना करने पर कार्रवाई का मन बनाया है.

डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई.
राजधानी लखनऊ के केजीएमयू में 400 बेड का ट्रामा सेंटर है. यहां कुल 556 शिक्षकों के पद हैं. वहीं 750 जूनियर डॉक्टर के हैं. बावजूद इसके इमरजेंसी सेवाएं चरमराई हुई हैं. ट्रामा सेंटर में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है. मरीजों को निजी अस्पताल में रेफर करने का धंधा चल रहा है. ऐसे में शासन भी सख्त हो गया है.हालात अभी भी जस के तस कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट ने कुलपति की तर्ज पर ट्रामा सेंटर में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने का निर्देश दिया था. 3 वर्ष में तीन बार आदेश जारी कर चुके हैं, लेकिन डॉक्टरों ने इसका पालन नहीं किया. वहीं 31 जनवरी को जारी आदेश में अल्टीमेटम भी दिया गया, लेकिन व्यवस्था 6 दिन बाद ही नहीं सुधर सकी. ऐसे में 6 फरवरी से डॉक्टरों की लिस्ट बनाकर ट्रामा सेंटर के प्रभारी संतोष कुमार ने कुलपति को कार्रवाई के लिए भेज दिया है. इसको लेकर के शिक्षकों और डॉक्टरों में काफी रोष है. आनन-फानन में बैठकों का दौर शुरू हो गया है, लेकिन हालात अभी भी जस के तस बने हुए हैं.

आदेशों को न मानने पर होगी कार्रवाई
दरअसल, डॉक्टरों शिक्षकों में ट्रामा सेंटर दूत्य4 के विरोध में संस्थान के प्रशासनिक पदों पर काबिज डॉक्टरों ने इमरजेंसी ड्यूटी आदेश को जायज ठहराया. वहीं ट्रामा में फैली अव्यवस्था को प्रशासनिक फैल्योर भी बताया जा रहा है. इस दौरान ड्यूटी करने या न करने पर अभी तक दोनों ही पक्षों की तरफ से कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है. वहीं इस पूरे मसले पर अभी तक प्रशासन की तरफ से भी कोई सख्ती नहीं दिखी है. हालांकि शासन की तरफ से यह सख्त आदेश दिया गया है कि यदि डॉक्टरों द्वारा केजीएमए प्रशासन के दिए आदेशों की अवहेलना होगी तो डॉक्टरों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

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