लखनऊ : प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक किशोरी के साथ सोमवार सुबह गैंगरेप की घटना होने की बात सामने आई है. पीड़िता सुबह अपने घर से दूर सड़क किनारे फटे हुए कपड़ों में देखी गई. उसने स्थानीय लोगों से आप बीती बताई जिसके बाद लोगों ने पुलिक को फोन कर बुलाया. मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस उस किशोरी को थाने लेकर गई.
हालांकि घटना के संबंध में पुलिस लगातार बयान बदलती नजर आई. पुलिस ने किशोरी को जहां पहले मंद बुद्धि करार दिया तो वहीं बाद में किशोरी के मां बाप को भी उठा ले गई. परिजनों को इन तीनों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई कि वे कहां हैं और किस हाल में हैं.
हालांकि पुलिक का कहना है कि किशोरी को मेडिकल के लिए भेजने के साथ ही मामले की तफ्तीश शुरू कर दी गई है. पुलिस के काफी देर तक इस मामले में लोगों और मीडिया को गुमराह करने और लगातार बयान बदलने को लेकर भी लोगों में चर्चा जारी रही.
लोगों ने दबी जबान में पुलिस पर कुछ रसूखदारों को बचाने का आरोप भी लगाया. गौरतलब है कि शुरूआत में पुलिस यह कहती नजर आई कि किशोरी के साथ कोई घटना ही नहीं घटी है. घटना का आम लोगों के बीच खुलासा होने के बाद से ही किशोरी और उसके परिजनों को नजरबंद कर दिया गया है.
बर्थ-डे पार्टी में शामिल होने निकली थी किशोरी
जानकारी के मुताबिक किशोरी इंदिरा नगर थाना क्षेत्र के एक गांव में किराए पर निवास करती है. वह बाराबंकी की रहने वाली है. लखनऊ में किशोरी के पिता जमीनों की ब्रोकरी का काम करते हैं. किशोरी रविवार रात अपनी सहेली के घर बर्थडे पार्टी के लिए निकली थी. न तो वह बर्थडे पार्टी में पहुंची और न ही रात को घर वापस लौटी.
सुबह किशोरी अपने घर से दूर सड़क किनारे बैठी हुई रो रही थी. कपड़े फटे हुए थे. इसी बीच स्थानीय लोगों ने उसे देखा और 112 नंबर पर सूचना दी. मौके पर आई पुलिस ने मामले की तफ्तीश करने के साथ ही किशोरी को अपने साथ लेकर चली गई. इसके बाद से पुलिस इस मामले में ऐसी कोई घटना होने से भी इंकार कर रही है.
महिला सिपाही ने जड़ा था किशोरी को थप्पड़
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो सुबह लगभग 8-9 बजे के बीच एक किशोरी को सुग्गा मऊ इलाके में सड़क किनारे बैठे रोते हुए देखा गया था. किशोरी से बात करने पर उसने अपने साथ सामूहिक दुष्कर्म करने की बात कही थी.
तभी इस बात की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम को दी गई. पुलिस ने किशोरी को अपने साथ ले जाकर मामले की जांच करने की बात कही. लेकिन कुछ देर बाद ही पुलिस के बयान बदलते हुए नजर आई. प्रत्यक्षदर्शी महिला का कहना है कि थोड़ी देर बाद जब पुलिस वापस आई तो किशोरी को महिला सिपाही थप्पड़ मार रही थी.
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पुलिस दीदी ने अपने कपड़े पहनाए थे दीदी को
किशोरी की छोटी बहन ने बताया कि उसकी बहन को पुलिस वाले अंकल अपने साथ ले गए. वापस जब आए तो वह पुलिस वालों के दिए हुए कपड़े पहने हुए थी. उसके बाद फिर पुलिस लेकर चली गई. तब से वह घर नहीं आई है.
पुलिस अपने साथ उसके माता पिता को भी साथ ले गई है. कहां ले गई, यह जानकारी नहीं दी गई. इस बारे में पुलिस से जानकारी की गई तो पुलिस ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया है.
रास्ता भूलने पर पुलिस से मांगी थी मदद
वहीं, एसीपी गाजीपुर सुनील कुमार की मानें तो एक किशोरी के साथ घटना की बात सामने आ रही थी. इस मामले की जांच की गई और उस किशोरी से बात की गई. उसने अपने साथ किसी तरह की घटना होने से इंकार किया है. किशोरी का दिमाग का इलाज चल रहा है.
ऐसा उसके परिजनों ने पुलिस को बताया है. एसीपी का कहना है कि किशोरी का बयान लिया गया है. उसने लिखित तौर पर उसके साथ कुछ भी न होने की बात कही है. वह अपनी सहेली के घर जन्मदिन पार्टी में जा रही थी लेकिन रास्ता भूलने पर ही पुलिस को फोन किया गया था.
इन सवालों के नहीं मिले जवाब
देखने वाली बात यह है कि अगर किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात नहीं हुई है तो उसने लोगों से ऐसी बात क्यों कही? पुलिस भी इस मामले पर घंटों गुमराह क्यों करती नजर आई? किशोरी के साथ अगर घटना नहीं हुई तो उसके पहने हुए कपड़े कहां गए और कपड़े क्यों बदलाये गए? किशोरी और उसके परिजनों को आखिरकार पुलिस ने क्यों कर दिया नजरबंद?