लखनऊ: भाऊराव देवरस सेवा न्यास के महामना शिक्षण संस्थान में शनिवार को दीक्षारंभ समारोह आयोजित किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में स्वामी रामभद्राचार्य महाराज और मुख्य वक्ता के तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दत्तात्रेय होसबोले और सर सहकार्यवाह कृष्ण गोपाल कार्यक्रम में शामिल हुए. छात्रों को संबोधित करते हुए स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि कम सोने, कम खाने और आलस त्यागने वाले छात्रों के सफलता कदम चूमती है.
आधुनिक भारत के निर्माण में आंदोलनों का महत्वपूर्ण योगदान
मुख्य वक्ता RSS के दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि जिस तरीके से महामना प्रकल्प के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंचन किया है. वह वास्तव में प्रेरणाश्रोत है. छात्र प्रकल्प की इस संस्कृति को अपने जीवन में उतारें. दत्तात्रेय होसबोले ने बताया कि महामना मदन मोहन मालवीय जी के बारे में जितना बताया जाए, उतना कम है. महामना पंडित मदन मोहन मालवीय का आधुनिक भारत के निर्माण और स्वतंत्रता आंदोलन में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है. संस्थान महामना के आदर्शों पर चलकर विद्यार्थियों में राष्ट्रीय चेतना निर्माण करने में सहायक होगा. संस्थान में आर्थिक दृष्टि से दुर्बल छात्रों को आधुनिक भारत के निर्माण के लिए तैयार किया जाता है. महामना शिक्षण संस्थान प्रकल्प में आधुनिक भारत के निर्माण के प्रति छात्रों को शिक्षित किया जाता है.
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रामभद्राचार्य महाराज ने बताए सफलता के मंत्र
दीक्षारंभ समारोह कार्यक्रम के मौके पर जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने भाऊराव देवरस सेवा न्यास के महामना शिक्षण संस्थान को एक लाख रुपये सहयोग राशि के तौर पर भेंट की. साथ ही विद्यार्थियों को दीक्षा का अर्थ बताया. उन्होंने कहा कि छात्र सिर्फ तीन बातों का ध्यान कर लें, तो नित नई ऊंचाइयों पर पहुंच जाएंगे. कम सोने, कम खाने और आलस त्यागने वाले छात्रों के सफलता कदम चूमती है.