बेलगावी: कर्नाटक के एक सरकारी टीचर ने स्कूल में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए अपने खर्च पर फ्लाइट से हैदराबाद की यात्रा करवाई. स्कूल के 17 विद्यार्थी पहली बार उन टीचर की मेहरबानी से हवाई यात्रा का लुत्फ उठाया. हवाई जहाज से यात्रा करने वाले सभी बच्चे बेलगावी तालुक के सोनाट्टी सरकारी सीनियर प्राइमेरी कन्नड़ स्कूल के हैं.
अपने खर्च पर छात्रों को हवाई जहाज की यात्रा करवाने वाले शिक्षक का नाम प्रकाश देयनवर है. उन्होंने सरकारी स्कूल के बच्चों को उपस्थिति बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक साल पहले इस तरह की उड़ान की पेशकश की थी. वादे के मुताबिक प्रकाश ने गुरुवार (7 नवंबर) को 17 विद्यार्थियों को बेलगावी सांबरा एयरपोर्ट से हैदराबाद पहुंचाया. अभिभावकों ने खुशी-खुशी अपने बच्चों को विदा किया.
हैदराबाद की यात्रा पर कुल 2.50 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जिसमें से 2 लाख रुपये शिक्षक प्रकाश देयानावारा ने अपनी जेब से दिए हैं. बाकी पैसे विद्यार्थियों से 3-3 हजार रुपये के हिसाब से लिए गए. यात्रा के लिए नियमित रूप से स्कूल आने वाले 17 विद्यार्थियों का चयन किया गया. छात्र दो दिनों में हैदराबाद में रामोजी फिल्म सिटी, चारमीनार, गोलकोंडा किला, सालार जंग संग्रहालय और अन्य जगहों का दौरा करेंगे.
ईटीवी भारत से बात करते हुए शिक्षक प्रकाश देयनवर ने कहा, "ग्रामीण इलाकों में शिक्षा पर ज्यादा जोर नहीं था. इसलिए, आने वाले बच्चों की संख्या भी कम थी. इन सब विषयों को देखते हुए हमने छात्रों में विमान से यात्रा करने की इच्छा पैदा की. इसके बाद, बच्चों की क्लास में उपस्थिति बढ़ गई. इनमें से नियमित रूप से स्कूल आने वाले 17 छात्रों को विमान से हैदराबाद ले जाया जा रहा है."
प्लेन से पहली बार यात्रा कर रही छात्रा संस्कृति पट्टारा ने कहा कि, आसमान में विमान को उड़ता देख उसका भी मन फ्लाइट से यात्रा करने की होती थी. उसने कहा कि, उनकी फ्लाइट पर घूमने की इच्छा प्रकाश सर ने पूरी कर रहे हैं. वह काफी खुश है. छात्रा का कहना था कि, वह कभी भी स्कूल से छुट्टी नहीं ली, इसलिए उसे विमान से हैदराबाद आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.
एक अन्य छात्र शिवप्रसाद ने कहा कि, उसके कस्बे में कोई भी व्यक्ति विमान से अब तक यात्रा नहीं की है. वह इसलिए खुश है कि, वह पहली बार विमान यात्रा करने के लिए निकला है. उसने कहा कि, हैदराबाद घूमने के बाद भी वह नियमित रूप से स्कूल जाएगा. दूसरी तरफ टीचर प्रकाश ने कहा कि, इस यात्रा की सफलता के लिए वे पिछले एक साल से अथक प्रयास कर रहे थे. उन्होंने कहा कि, उनके परिवार के पास पैसे नहीं हैं, लेकिन फिर भी छात्रों को विमान से यात्रा कराने के लिए अलग से 2 लाख रुपये रखे हैं. वे ऐसा करके सरकारी स्कूल के बच्चों को एक अलग अनुभव दे रहे हैं.
एक अन्य शिक्षक रमेश गोनी ने कहा कि, पांच साल पहले सोनाट्टी स्कूल बहुत पिछड़ा हुआ था. अब उनकी मेहनत की वजह से इसका विकास हुआ है. दूसरे स्कूलों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि, व्यापारियों को सरकारी स्कूलों के विकास में आगे आना चाहिए.
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