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Deputy Chief Minister ने कहा, काबू में आ रहा जापानी इंसेफेलाइटिस, 97 फीसदी मौतें घटीं - यूपी में तेजी से जापानी इंसेफेलाइटिस

यूपी में जापानी इंसेफेलाइटिस के मरीजों में कमी देखने को मिली (Deputy Chief Minister) है. 2017 के बाद जेई से हर साल होने वाली मौतों में करीब 97 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. ये बातें यूपी के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहीं.

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Published : Mar 18, 2023, 6:33 PM IST

लखनऊ : यूपी में तेजी से जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) काबू में आ रहा है. पूर्वांचल व दूसरे तराई इलाकों में मरीजों की संख्या बेहद कम हो गई है. एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एई) भी नियंत्रण में है. हालात यह हैं कि जेई और एई से होने वाली मौत में भी कमी दर्ज की गई है.

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि 'वर्ष 2017 के बाद से जेई और एई के मरीजों में तेजी से कमी देखने को मिली है. वर्ष 2017 के बाद जेई से हर साल होने वाली मौतों में करीब 97 फीसदी की कमी दर्ज की गई है, वहीं एई से 96 फीसदी मौतें घटी हैं. जल्द ही जेई और एई से होने वाली मौत में और कमी लानी है. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जेई पर काबू पाने के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. सभी अभिभावक बच्चों को जेई से बचाव का टीका जरूर लगवाएं. सरकारी अस्पतालों में ये टीका पूरी तरह से मुफ्त लगाया जा रहा है. माता-पिता छूटे बच्चों का टीकाकरण जरूर करें.'

घर के पास न होने दें गंदगी : उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि 'ये बीमारी संक्रमित मच्छरों के काटने से होती है. लिहाजा मच्छरों से बचाव के प्रभावी इंतजाम करें. घरों के आस-पास गंदगी न होने दें. मच्छरदानी में ही सोयें. नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग व मलेरिया विभाग नियमित फाॅगिंग व एंटीलार्वा का छिड़काव कराएं. अचानक सिर दर्द, तेज बुखार, मस्तिष्क में सूजन, उल्टी होना, इसके लक्षण हैं.'

यह भी पढ़ें : लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में बड़ा बदलाव, 9 थाना प्रभारियों को बदला गया

लखनऊ : यूपी में तेजी से जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) काबू में आ रहा है. पूर्वांचल व दूसरे तराई इलाकों में मरीजों की संख्या बेहद कम हो गई है. एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एई) भी नियंत्रण में है. हालात यह हैं कि जेई और एई से होने वाली मौत में भी कमी दर्ज की गई है.

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि 'वर्ष 2017 के बाद से जेई और एई के मरीजों में तेजी से कमी देखने को मिली है. वर्ष 2017 के बाद जेई से हर साल होने वाली मौतों में करीब 97 फीसदी की कमी दर्ज की गई है, वहीं एई से 96 फीसदी मौतें घटी हैं. जल्द ही जेई और एई से होने वाली मौत में और कमी लानी है. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जेई पर काबू पाने के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. सभी अभिभावक बच्चों को जेई से बचाव का टीका जरूर लगवाएं. सरकारी अस्पतालों में ये टीका पूरी तरह से मुफ्त लगाया जा रहा है. माता-पिता छूटे बच्चों का टीकाकरण जरूर करें.'

घर के पास न होने दें गंदगी : उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि 'ये बीमारी संक्रमित मच्छरों के काटने से होती है. लिहाजा मच्छरों से बचाव के प्रभावी इंतजाम करें. घरों के आस-पास गंदगी न होने दें. मच्छरदानी में ही सोयें. नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग व मलेरिया विभाग नियमित फाॅगिंग व एंटीलार्वा का छिड़काव कराएं. अचानक सिर दर्द, तेज बुखार, मस्तिष्क में सूजन, उल्टी होना, इसके लक्षण हैं.'

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