लखनऊ: वाणिज्य कर विभाग में अपनी संपत्तियों का ब्यौरा न देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. सरकार के बार-बार निर्देश के बावजूद करीब 1300 से अधिक अधिकारी अपनी संपत्तियों की जानकारी नहीं भेज रहे हैं. अब ऐसे अफसरों को चिह्नित करते हुए उनसे जवाब तलब किया जाएगा. इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर शासन में रिपोर्ट भेजी जाएगी. फिलहाल अफसरों को संपत्ति की जानकारी न दिए जाने पर अल्टीमेटम दिया गया है.
वाणिज्य कर विभाग ने फिर भेजा अफसरों को निर्देश
वाणिज्य कर मुख्यालय ने सभी श्रेणी के विभागीय अधिकारियों को वर्ष 2020-21 तक की संपत्तियों का विवरण देने के निर्देश दिए हैं. यह विवरण 30 अप्रैल तक वाणिज्य कर कमिश्नर कार्यालय में उपलब्ध कराना है. इससे पहले भी सभी अफसरों को एक प्रारूप भेजा गया था, जिसमें अपनी संपत्ति की जानकारी भेजनी थी. इस प्रारूप में भू-संपत्तियों के अलावा गृह व अन्य प्रकार की संपत्तियों का अलग-अलग विवरण भेजने को कहा गया था, लेकिन किसी अधिकारी ने विवरण नहीं भेजा था.
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सगे संबंधियों की संपत्तियों की भी देनी थी जानकारी
प्रारूप में अधिकारी और कर्मचारी को अपने पति या पत्नी, बेटे और आश्रित सगे संबंधियों के नाम की संपत्तियों के बारे में भी जानकारी देनी थी. वाणिज्य कर कमिश्नर कार्यालय को करीब 1300 अफसरों ने अपनी संपत्तियों की जानकारी नहीं भेजी है. कई बार रिमाइंडर लेटर भी भेजा गया, लेकिन इन अफसरों ने जानकारी देना उचित नहीं समझा. इसके बाद अब विभाग की तरफ से इन अफसरों को अल्टीमेटम दिया गया है.
जानकारी न देने वाले अफसरों से होगा सवाल-जवाब
शासन के निर्देश के बाद अब कमिश्नर कार्यालय ने ऐसे अफसरों को चिह्नित किया है. इनसे सवाल जवाब करने का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा. इसके बाद पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी और वहां से कार्रवाई की जाएगी. इसको लेकर अब विभाग के अफसरों में हलचल मची हुई है.
इन अफसरों से मांगी गई है जानकारी
वाणिज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर ज्वाइंट कमिश्नर डिप्टी व असिस्टेंट कमिश्नर के अलावा सभी वाणिज्य कर अधिकारी, संयुक्त निदेशक, उपनिदेशक, सांख्यिकी अधिकारी व अपर सांख्यिकी अधिकारी स्तर के जितने भी अधिकारी हैं, सभी से उनकी संपत्तियों की जानकारी मांगी गई है. विभाग में करीब इस स्तर के 2000 अधिकारी हैं. इनमें से करीब 700 के आस-पास अधिकारियों ने अपनी संपत्तियों की जानकारी दी है, जबकि अन्य बचे हुए करीब 1300 अफसरों ने अपनी जानकारी नहीं दी है.