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शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने अखिलेश यादव से की मुलाकात, सौंपा ज्ञापन - memorandum to akhilesh yadav

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से शिक्षक-शिक्षणेत्तर यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अखिलेश यादव को ज्ञापन सौंपा. इन विद्यालयों में कार्यरत लगभग दो हजार कर्मचारियों की आजीविका पर संकट छाया हुआ है.

memorandum to akhilesh yadav
शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल
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Published : Oct 30, 2020, 10:43 PM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से शुक्रवार को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघर्ष मोर्चा और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शिक्षक-शिक्षणेत्तर यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट कर उन्हें ज्ञापन सौंपा. इन विद्यालयों में 14-15 वर्षों से कार्यरत लगभग दो हजार कर्मचारियों की आजीविका पर संकट छाया हुआ है. अखिलेश यादव ने कर्मचारियों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है.

ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश में 746 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की स्थापना बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2005-06 में हुई थी. इनमें गरीबी रेखा से नीचे की अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग की 80 प्रतिशत बालिकाएं अध्ययन कर रही हैं. इन विद्यालयों में विगत 14-15 वर्षों से अल्प वेतनमान पर कार्यरत लगभग दो हजार कर्मचारियों, वार्डेन, फुलटाइम टीचर, पार्टटाइम टीचरों को अब बालकों के निःशुल्क शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 का हवाला देकर निकाले जाने के आदेश दिए गए हैं. अधिकतर कर्मचारियों की उम्र 50 वर्ष के ऊपर हैं, जिससे उनकी आजीविका खतरे में पड़ गया हैं. इनका जिला चयन समिति ने चयन किया था और प्रतिवर्ष उनका संविदा विस्तार होता रहा है.

शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघर्ष मोर्चा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष देश दीपक दुबे और महिला विंग की अध्यक्ष आशा रंजन ने संबंधित संगठनों के ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि 14 जुलाई 2020 को जारी राज्य परियोजना निदेशक के शासनादेश को तत्काल वापस लिया जाए. सभी कार्यरत कर्मचारियों की संविदा का बिना शर्त नवीनीकरण हो और पुराने पदों पर उनकी सेवाएं बहाल हों.

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से शुक्रवार को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघर्ष मोर्चा और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शिक्षक-शिक्षणेत्तर यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट कर उन्हें ज्ञापन सौंपा. इन विद्यालयों में 14-15 वर्षों से कार्यरत लगभग दो हजार कर्मचारियों की आजीविका पर संकट छाया हुआ है. अखिलेश यादव ने कर्मचारियों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है.

ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश में 746 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की स्थापना बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2005-06 में हुई थी. इनमें गरीबी रेखा से नीचे की अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग की 80 प्रतिशत बालिकाएं अध्ययन कर रही हैं. इन विद्यालयों में विगत 14-15 वर्षों से अल्प वेतनमान पर कार्यरत लगभग दो हजार कर्मचारियों, वार्डेन, फुलटाइम टीचर, पार्टटाइम टीचरों को अब बालकों के निःशुल्क शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 का हवाला देकर निकाले जाने के आदेश दिए गए हैं. अधिकतर कर्मचारियों की उम्र 50 वर्ष के ऊपर हैं, जिससे उनकी आजीविका खतरे में पड़ गया हैं. इनका जिला चयन समिति ने चयन किया था और प्रतिवर्ष उनका संविदा विस्तार होता रहा है.

शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघर्ष मोर्चा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष देश दीपक दुबे और महिला विंग की अध्यक्ष आशा रंजन ने संबंधित संगठनों के ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि 14 जुलाई 2020 को जारी राज्य परियोजना निदेशक के शासनादेश को तत्काल वापस लिया जाए. सभी कार्यरत कर्मचारियों की संविदा का बिना शर्त नवीनीकरण हो और पुराने पदों पर उनकी सेवाएं बहाल हों.

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