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लखनऊ: दुश्मन पर कहर बनकर टूटते हैं ये खतरनाक सैन्य उपकरण - रक्षा मंत्रालय की तरफ से डिफेंस एक्सपो का आयोजन

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में रक्षा मंत्रालय की तरफ से डिफेंस एक्सपो आगामी माह में 5 से 9 फरवरी के बीच आयोजित किया जा रहा है. इस आयोजन में सेना के अत्याधुनिक उपकरण यहां पहुंचना शुरू हो गए हैं.

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रक्षा मंत्रालय की तरफ से डिफेंस एक्सपो का आयोजन
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Published : Jan 25, 2020, 4:09 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की सरजमीं पर फरवरी माह में होने वाले डिफेंस एक्सपो को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारियां चल रही हैं. सेना के अत्याधुनिक उपकरण यहां पहुंचने शुरू हो गए हैं. यह सैन्य उपकरण हैं जो दुश्मन पर कहर बनकर बरसते हैं और पल भर में ही सब कुछ नष्ट कर देते हैं. वृंदावन सेक्टर 14 स्थित डिफेंस एक्सपो स्थल पर टैंक, आर्टिलरी फील्ड गन, बोफोर्स तोप सहित अन्य उपकरण पहुंच चुके हैं. अन्य सैन्य उपकरणों के आने का सिलसिला जारी है.

मामले की जानकारी देते हुए संवाददाता
रक्षा मंत्रालय की तरफ से डिफेंस एक्सपो आगामी माह में 5 से 9 फरवरी के बीच आयोजित किया जा रहा है. यहां पर आने वाले लोगों को भारतीय सेना के सैन्य उपकरणों के एक से बढ़कर एक करतब देखने को मिलेंगे. लोग अपनी सेना पर गर्व करेंगे. इस एक्सपो में सिर्फ हिंदुस्तान के ही नहीं विश्व के तमाम देशों के अत्याधुनिक सैन्य उपकरण प्रदर्शित किए जाएंगे. तमाम युद्धक टैंक यहां पर पहुंच चुके हैं.

युद्धक टैंक पहुंचे

बारूदी सुरंग से बचाने वाली माइन प्रोटेक्टर व्हीकल, काउंटर माइन फ्लायल, बीएमपी, डब्ल्यूएचपी वेहीकल, एडवांस टोएड आर्टिलरी गन सिस्टम पहुंच चुके हैं. टी-90, टी-72 सारंग तोप, धनुष तोप, बोफोर्स तोप, विजयंत टैंक, अर्जुन टैंक, बारूदी सुरंग खोदने वाले सैन्य उपकरण भी डिफेंस एक्सपो स्थल पर अब तक पहुंचाए जा चुके हैं. करीब 26 तोपें यहां मौजूद हैं सेना के जवान 24 घंटे इन सैन्य उपकरणों की निगरानी में तैनात हैं.

बारूदी सुरंगों से गुजरने पर भी वाहन पर कोई असर नहीं

  • हैदराबाद में तैयार माइंस प्रोटेक्टर व्हीकल की खासियत है कि बारूदी सुरंगों से गुजरने पर भी इस वाहन पर कोई असर नहीं पड़ता.
  • यह वाहन पूरी तरह से बुलेट प्रूफ है. टी-72 युद्धक टैंक की बॉडी पर बना हुआ.
  • एंटी माइंस टैंक यानी बारूदी सुरंगों का यह दुश्मन है और उसे ढूंढ कर नष्ट करने में सक्षम है.
  • जब सैन्य वाहन युद्ध क्षेत्र से गुजरते हैं तो यह टैंक आगे चलता है और पीछे काफिला, जिससे बारूदी सुरंगों से वाहनों को कोई नुकसान न हो.
  • टी-72 और टी-90 टैंक पानी पर तैरने वाले टैंक हैं जो सेना को युद्ध में काफी मदद पहुंचाते हैं.


2 मिनट में पुल तैयार कर देते है

  • सेना के पास ऐसे भी उपकरण हैं जो दुर्गम रास्ते या फिर जहां रास्ता नहीं है वहां पर पल भर में ही पुल बना देने में सक्षम हैं.
  • महज 2 मिनट में ही 40 से 50 फीट का पुल तैयार कर देते हैं.
  • दलदली इलाकों में काफी काम आते हैं. ऐसे उपकरण भी डिफेंस एक्सपो में पहुंच चुके हैं.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की सरजमीं पर फरवरी माह में होने वाले डिफेंस एक्सपो को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारियां चल रही हैं. सेना के अत्याधुनिक उपकरण यहां पहुंचने शुरू हो गए हैं. यह सैन्य उपकरण हैं जो दुश्मन पर कहर बनकर बरसते हैं और पल भर में ही सब कुछ नष्ट कर देते हैं. वृंदावन सेक्टर 14 स्थित डिफेंस एक्सपो स्थल पर टैंक, आर्टिलरी फील्ड गन, बोफोर्स तोप सहित अन्य उपकरण पहुंच चुके हैं. अन्य सैन्य उपकरणों के आने का सिलसिला जारी है.

मामले की जानकारी देते हुए संवाददाता
रक्षा मंत्रालय की तरफ से डिफेंस एक्सपो आगामी माह में 5 से 9 फरवरी के बीच आयोजित किया जा रहा है. यहां पर आने वाले लोगों को भारतीय सेना के सैन्य उपकरणों के एक से बढ़कर एक करतब देखने को मिलेंगे. लोग अपनी सेना पर गर्व करेंगे. इस एक्सपो में सिर्फ हिंदुस्तान के ही नहीं विश्व के तमाम देशों के अत्याधुनिक सैन्य उपकरण प्रदर्शित किए जाएंगे. तमाम युद्धक टैंक यहां पर पहुंच चुके हैं.

युद्धक टैंक पहुंचे

बारूदी सुरंग से बचाने वाली माइन प्रोटेक्टर व्हीकल, काउंटर माइन फ्लायल, बीएमपी, डब्ल्यूएचपी वेहीकल, एडवांस टोएड आर्टिलरी गन सिस्टम पहुंच चुके हैं. टी-90, टी-72 सारंग तोप, धनुष तोप, बोफोर्स तोप, विजयंत टैंक, अर्जुन टैंक, बारूदी सुरंग खोदने वाले सैन्य उपकरण भी डिफेंस एक्सपो स्थल पर अब तक पहुंचाए जा चुके हैं. करीब 26 तोपें यहां मौजूद हैं सेना के जवान 24 घंटे इन सैन्य उपकरणों की निगरानी में तैनात हैं.

बारूदी सुरंगों से गुजरने पर भी वाहन पर कोई असर नहीं

  • हैदराबाद में तैयार माइंस प्रोटेक्टर व्हीकल की खासियत है कि बारूदी सुरंगों से गुजरने पर भी इस वाहन पर कोई असर नहीं पड़ता.
  • यह वाहन पूरी तरह से बुलेट प्रूफ है. टी-72 युद्धक टैंक की बॉडी पर बना हुआ.
  • एंटी माइंस टैंक यानी बारूदी सुरंगों का यह दुश्मन है और उसे ढूंढ कर नष्ट करने में सक्षम है.
  • जब सैन्य वाहन युद्ध क्षेत्र से गुजरते हैं तो यह टैंक आगे चलता है और पीछे काफिला, जिससे बारूदी सुरंगों से वाहनों को कोई नुकसान न हो.
  • टी-72 और टी-90 टैंक पानी पर तैरने वाले टैंक हैं जो सेना को युद्ध में काफी मदद पहुंचाते हैं.


2 मिनट में पुल तैयार कर देते है

  • सेना के पास ऐसे भी उपकरण हैं जो दुर्गम रास्ते या फिर जहां रास्ता नहीं है वहां पर पल भर में ही पुल बना देने में सक्षम हैं.
  • महज 2 मिनट में ही 40 से 50 फीट का पुल तैयार कर देते हैं.
  • दलदली इलाकों में काफी काम आते हैं. ऐसे उपकरण भी डिफेंस एक्सपो में पहुंच चुके हैं.
Intro:दुश्मन पर कहर बनकर टूटते हैं ये खतरनाक सैन्य उपकरण, पलभर में मचा देते हैं विरोधी खेमे में तबाही

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की सरजमीं पर फरवरी माह में होने वाले डिफेंस एक्सपो को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। सेना के अत्याधुनिक उपकरण यहां पहुंचना शुरू हो गए हैं। यह सैन्य उपकरण हैं जो दुश्मन पर कहर बनकर बरसते हैं और पल भर में ही सब कुछ नष्ट कर देते हैं। वृंदावन सेक्टर 14 स्थित डिफेंस एक्सपो स्थल पर टैंक, आर्टिलरी फील्ड गन, बोफोर्स तोप सहित अन्य उपकरण पहुंच चुके हैं। अन्य सैन्य उपकरणों के आने का सिलसिला जारी है।


Body:रक्षा मंत्रालय की तरफ से डिफेंस एक्सपो आगामी माह में 5 से 9 फरवरी के बीच आयोजित किया जा रहा है। यहां पर आने वाले लोगों को भारतीय सेना के सैन्य उपकरणों के एक से बढ़कर एक करतब देखने को मिलेंगे। लोग अपनी सेना पर गर्व करेंगे। इस एक्सपो में सिर्फ हिंदुस्तान के ही नहीं विश्व के तमाम देशों के अत्याधुनिक सैन्य उपकरण प्रदर्शित किए जाएंगे। तमाम युद्धक टैंक यहां पर पहुंच चुके हैं। बारूदी सुरंग से बचाने वाली माइन प्रोटेक्टर व्हीकल, काउंटर माइन फ्लायल, बीएमपी, डब्ल्यूएचपी वेहीकल, एडवांस टोएड आर्टिलरी गन सिस्टम पहुंच चुके हैं। टी-90, टी 72 सारंग तोप, धनुष तोप, बोफोर्स तोप, विजयंत टैंक, अर्जुन टैंक, बारूदी सुरंग खोदने वाले सैन्य उपकरण भी डिफेंस एक्सपो स्थल पर अब तक पहुंचाए जा चुके हैं। करीब 26 तोपें यहां मौजूद हैं सेना के जवान 24 घंटे इन सैन्य उपकरणों की निगरानी में तैनात हैं। हैदराबाद में तैयार माइंस प्रोटेक्टर वेहिकल की खासियत है बारूदी सुरंगों से गुजरने पर भी इस वाहन पर कोई असर नहीं पड़ता। यह वाहन पूरी तरह से बुलेट प्रूफ है। टी-72 युद्धक टैंक की बॉडी पर बना हुआ एंटी माइंस टैंक यानी बारूदी सुरंगों का यह दुश्मन है और उसे ढूंढ कर नष्ट करने में सक्षम है। जब सैन्य वाहन युद्ध क्षेत्र से गुजरते हैं तो यह टैंक आगे चलता है और पीछे काफिला, जिससे बारूदी सुरंगों से वाहनों को कोई नुकसान न हो। टी-72 और टी-90 टैंक पानी पर तैरने वाले टैंक हैं जो सेना को युद्ध में काफी मदद पहुंचाते हैं।


Conclusion:सेना के पास ऐसे भी उपकरण हैं जो दुर्गम रास्ते या फिर जहां रास्ता नहीं है वहां पर पल भर में ही पुल बना देने में सक्षम हैं। महज 2 मिनट में ही 40 से 50 फीट का पुल तैयार कर देते हैं। दलदली इलाकों में काफी काम आते हैं। ऐसे उपकरण भी डिफेंस एक्सपो में पहुंच चुके हैं। मेक इन इंडिया के तहत बनी सारंग तो डीआरडीओ की तरफ से तैयार की किए गए कई उपकरण यहां पर पहली बार प्रदर्शित होंगे।


अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096
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