लखनऊ: कोरोना महामारी के शुरुआती दौर से ही बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्कूल और कॉलेजों को महामारी के नियंत्रण में आने तक बंद करने के आदेश दिए गए थे. एक साल के लंबे इंतजार के बाद यूपी में कक्षा एक से पांच तक के सभी प्राथमिक स्कूल एक मार्च से खुलने जा रहे हैं, लेकिन राजधानी लखनऊ के कई बड़े स्कूल अभी इन बच्चों को बुलाने के मूड में नहीं हैं. तमाम स्कूल ऐसे हैं जो एक महीना रुक कर माहौल देखने के बाद फैसला लेने का मन बना चुके हैं. यहां 1 मार्च के बजाय अप्रैल से कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों की ऑफलाइन क्लासेस बुलाने की तैयारी चल रही है. स्कूल संचालकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण और छोटे बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक महीने और इंतजार किया जा सकता है.
जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल के चेयरमैन सर्वेश गोयल ने बताया कि अभी स्कूल खोलने के बजाए वह कुछ दिन रुकने जा रहे हैं. द मिलेनियम स्कूल की प्रिंसिपल मंजुला गोस्वामी का कहना है कि अभी तक किसी अभिभावक ने अपनी सहमति नहीं दिखाई है. पायनियर स्कूल की प्रिंसिपल शर्मिला सिंह का कहना है कि 1 अप्रैल से ही बच्चों को बुलाने पर विचार कर रहे हैं.
लामर्ट्स में 6 मामलों से चिंता
उधर, शहर के प्रतिष्ठित एंगलो इंडियन स्कूल ला मार्टिनियर कॉलेज में 6 कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद चिंता और भी बढ़ गई है. स्कूल प्रशासन इन 6 में से 4 को दिहाड़ी मजदूर बता रहा हो, लेकिन इस ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या स्कूल खुलने के लिए यह सही समय है.
इन बातों का रखें ध्यान
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुरक्षा और भी बेहतर करने की सलाह दी जा रही है.
- नियमित रूप से मास्क पहने.
- हाथों को सनराइज करते रहे.
- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.
- सर्दी जुकाम बुखार जैसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.