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ठेंगे पर परिवहन विभाग के नियम, बिना एचएसआरपी के गाड़ियां डिलीवर कर रहे डीलर

वाहनों के शोरूम मालिक परिवहन विभाग के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं. नियम ये है कि कोई भी नया वाहन शोरूम से बिना हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट (एचएसआरपी) लगे बाहर नहीं आएगा. इसके बावजूद धड़ल्ले से नए वाहनों की डिलीवरी बिना हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के की जा रही है.

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Published : Dec 2, 2022, 10:39 AM IST

Updated : Dec 2, 2022, 11:50 AM IST

लखनऊ. वाहनों के शोरूम मालिक परिवहन विभाग के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं. नियम ये है कि कोई भी नया वाहन शोरूम से बिना हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट (एचएसआरपी) लगे बाहर नहीं आएगा. इसके बावजूद धड़ल्ले से नए वाहनों की डिलीवरी बिना हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के की जा रही है. लखनऊ में परिवहन विभाग का मुख्यालय है. सभी सीनियर अधिकारी यहीं बैठते हैं और जिन रास्तों से हर रोज उनका गुजरना होता है, उन रास्तों पर तमाम शोरूम भी पड़ते हैं. इसके बावजूद जिम्मेदारों को यह नजर नहीं आ रहा है.

जानकारी देते संवाददाता अखिलेश्वर पांडेय.

बता दें. परिवहन विभाग (transport Department) का नियम है कि कोई भी वाहन शोरूम के बाहर तब तक किसी भी वाहन स्वामी को डिलीवर नहीं किया जाएगा जब तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट (High Security Registration Number Plate) से लैस ना हो. बहरहाल राजधानी में इस नियम के कोई मायने नहीं रह गए हैं. शोरूम मालिक बेखौफ होकर नए वाहन बिना नंबर प्लेट के ही डिलीवर कर रहे हैं. सड़कों पर ऐसे दोपहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहनों की भरमार हो गई है. अगर बिना नंबर प्लेट के वाहनों की डिलीवरी की बात करें तो तकरीबन 80 फीसद शोरूम के डीलर ऐसा कर रहे हैं.


एचएसआरपी न होने से नुकसान : वाहन स्वामियों को यह सोचना चाहिए कि अगर बिना नंबर के वाहन लेकर सड़क पर उतरते हैं और कोई दुर्घटना हो जाती है. जिसमें वाहन क्षतिग्रस्त हो जाता है तो इसके एवज में उन्हें इंश्योरेंस (बीमा) का भी लाभ नहीं मिलेगा. लिहाजा वाहन स्वामी भी सोच समझकर ही बिना नंबर के गाड़ी लेकर सड़क पर उतरें. परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि बिना नंबर के नए वाहन को अगर शोरूम से डिलीवर किया जाता है तो इसके लिए वाहन स्वामी के साथ ही शोरूम मालिक भी जिम्मेदार हैं. यह परिवहन विभाग के नियमों का उल्लंघन है. चेकिंग के दौरान ऐसे वाहन अगर पकड़े जाते हैं तो चालान की कार्रवाई होती है. इसकी भरपाई वाहन स्वामी को ही करना होता है. शोरूम के डीलर पर भी ₹5000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. जो शोरूम मालिक ज्यादा गाड़ियां बिना नंबर के ही डिलीवर कर रहे हैं उनका ट्रेड सर्टिफिकेट तक रद्द हो सकता है.



ए/एफ और टी/सी को न समझें टेंपरेरी नंबर : आम लोगों को यह मालूम ही नहीं होता है कि नए वाहन पर जहां हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (High Security Registration Number Plate) लगनी होती है वहां पर वाहन स्वामी या फिर टीसी का लाल कलर का एक पेपर चस्पा करते हैं. वाहन स्वामी को समझा दिया जाता है कि ये टेंपरेरी नंबर है यही समझकर वाहन स्वामी बिना नंबर के ही वाहन लेकर सड़क पर उतर जाते हैं जबकि हकीकत ये है कि ये एप्लाइड फॉर और शोरूम का ट्रेड सर्टिफिकेट नंबर होता है. ऐसे में वाहन स्वामियों को जागरूक होने की आवश्यकता है और सतर्क रहने की भी जरूरत है.


क्या कहते हैं एनआरएससी मेंबर : राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य डाॅ. कमल सोई (Member of National Road Safety Council, Dr. Kamal Soi) का कहना है कि अगर कोई नियमों का पालन नहीं करता है तो कार्रवाई तो होनी चाहिए. यह नियम सरकार ने ही बनाया था कि कोई भी गाड़ी एएफ नजर नहीं आएगी. शोरूम के अंदर ही आपको नंबर दिया जाएगा. गाड़ी तभी बाहर निकलेगी जब उसके ऊपर एचएसआरपी (High Security Registration Number Plate) लग जाएगी. अगर कोई नियम की अवहेलना करता है तो उसको जेल भी हो सकती है. उसका शोरूम भी बंद हो सकता है, तो इसका पालन कराना चाहिए.



परिवहन विभाग के उप परिवहन आयुक्त (लखनऊ जोन) निर्मल प्रसाद (Nirmal Prasad, Deputy Transport Commissioner (Lucknow Zone) of Transport Department) का कहना है कि शोरूम मालिकों (showroom owners) को स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के कोई भी गाड़ी डिलीवर न करें. अगर ऐसा करते हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. विशेष तौर पर ऐसे शोरूम मालिकों (showroom owners) के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा. साथ ही सड़क पर चल रहे बिना नंबर के नए वाहनों पर चेकिंग अधिकारियों से कार्रवाई कराई जाएगी.

यह भी पढ़ें : एड्स लाइलाज है, जागरूकता से बचाव संभव है, विश्व एड्स दिवस पर हुए कार्यक्रम

लखनऊ. वाहनों के शोरूम मालिक परिवहन विभाग के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं. नियम ये है कि कोई भी नया वाहन शोरूम से बिना हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट (एचएसआरपी) लगे बाहर नहीं आएगा. इसके बावजूद धड़ल्ले से नए वाहनों की डिलीवरी बिना हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के की जा रही है. लखनऊ में परिवहन विभाग का मुख्यालय है. सभी सीनियर अधिकारी यहीं बैठते हैं और जिन रास्तों से हर रोज उनका गुजरना होता है, उन रास्तों पर तमाम शोरूम भी पड़ते हैं. इसके बावजूद जिम्मेदारों को यह नजर नहीं आ रहा है.

जानकारी देते संवाददाता अखिलेश्वर पांडेय.

बता दें. परिवहन विभाग (transport Department) का नियम है कि कोई भी वाहन शोरूम के बाहर तब तक किसी भी वाहन स्वामी को डिलीवर नहीं किया जाएगा जब तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट (High Security Registration Number Plate) से लैस ना हो. बहरहाल राजधानी में इस नियम के कोई मायने नहीं रह गए हैं. शोरूम मालिक बेखौफ होकर नए वाहन बिना नंबर प्लेट के ही डिलीवर कर रहे हैं. सड़कों पर ऐसे दोपहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहनों की भरमार हो गई है. अगर बिना नंबर प्लेट के वाहनों की डिलीवरी की बात करें तो तकरीबन 80 फीसद शोरूम के डीलर ऐसा कर रहे हैं.


एचएसआरपी न होने से नुकसान : वाहन स्वामियों को यह सोचना चाहिए कि अगर बिना नंबर के वाहन लेकर सड़क पर उतरते हैं और कोई दुर्घटना हो जाती है. जिसमें वाहन क्षतिग्रस्त हो जाता है तो इसके एवज में उन्हें इंश्योरेंस (बीमा) का भी लाभ नहीं मिलेगा. लिहाजा वाहन स्वामी भी सोच समझकर ही बिना नंबर के गाड़ी लेकर सड़क पर उतरें. परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि बिना नंबर के नए वाहन को अगर शोरूम से डिलीवर किया जाता है तो इसके लिए वाहन स्वामी के साथ ही शोरूम मालिक भी जिम्मेदार हैं. यह परिवहन विभाग के नियमों का उल्लंघन है. चेकिंग के दौरान ऐसे वाहन अगर पकड़े जाते हैं तो चालान की कार्रवाई होती है. इसकी भरपाई वाहन स्वामी को ही करना होता है. शोरूम के डीलर पर भी ₹5000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. जो शोरूम मालिक ज्यादा गाड़ियां बिना नंबर के ही डिलीवर कर रहे हैं उनका ट्रेड सर्टिफिकेट तक रद्द हो सकता है.



ए/एफ और टी/सी को न समझें टेंपरेरी नंबर : आम लोगों को यह मालूम ही नहीं होता है कि नए वाहन पर जहां हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (High Security Registration Number Plate) लगनी होती है वहां पर वाहन स्वामी या फिर टीसी का लाल कलर का एक पेपर चस्पा करते हैं. वाहन स्वामी को समझा दिया जाता है कि ये टेंपरेरी नंबर है यही समझकर वाहन स्वामी बिना नंबर के ही वाहन लेकर सड़क पर उतर जाते हैं जबकि हकीकत ये है कि ये एप्लाइड फॉर और शोरूम का ट्रेड सर्टिफिकेट नंबर होता है. ऐसे में वाहन स्वामियों को जागरूक होने की आवश्यकता है और सतर्क रहने की भी जरूरत है.


क्या कहते हैं एनआरएससी मेंबर : राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य डाॅ. कमल सोई (Member of National Road Safety Council, Dr. Kamal Soi) का कहना है कि अगर कोई नियमों का पालन नहीं करता है तो कार्रवाई तो होनी चाहिए. यह नियम सरकार ने ही बनाया था कि कोई भी गाड़ी एएफ नजर नहीं आएगी. शोरूम के अंदर ही आपको नंबर दिया जाएगा. गाड़ी तभी बाहर निकलेगी जब उसके ऊपर एचएसआरपी (High Security Registration Number Plate) लग जाएगी. अगर कोई नियम की अवहेलना करता है तो उसको जेल भी हो सकती है. उसका शोरूम भी बंद हो सकता है, तो इसका पालन कराना चाहिए.



परिवहन विभाग के उप परिवहन आयुक्त (लखनऊ जोन) निर्मल प्रसाद (Nirmal Prasad, Deputy Transport Commissioner (Lucknow Zone) of Transport Department) का कहना है कि शोरूम मालिकों (showroom owners) को स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के कोई भी गाड़ी डिलीवर न करें. अगर ऐसा करते हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. विशेष तौर पर ऐसे शोरूम मालिकों (showroom owners) के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा. साथ ही सड़क पर चल रहे बिना नंबर के नए वाहनों पर चेकिंग अधिकारियों से कार्रवाई कराई जाएगी.

यह भी पढ़ें : एड्स लाइलाज है, जागरूकता से बचाव संभव है, विश्व एड्स दिवस पर हुए कार्यक्रम

Last Updated : Dec 2, 2022, 11:50 AM IST
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