लखनऊ: 4 जून, रात 2 बजे का वक्त, घर के अंदर मां की लाश, कातिल भाई का खौफ. फिर भी निकल पड़ी वो 10 साल की मासूम, मदद के लिए हर दरवाजे पर दस्तक दी, दर्जनों कुंडियां खटखटाई, डोर वेल बजाया, लेकिन किसी ने उस बच्ची की सिसकियों से भरी आवाज नहीं सुनी. ये दास्तां है उस 10 साल की बच्ची की जिसने अपनी भाई को अपनी मां की हत्या करते हुए देखा था.
राजधानी में PUBG हत्याकांड की इकलौती चश्मदीद 10 साल की बेटी घटना के 11 दिन बाद अपने परिवार वालों से बात कर रही है. बेटी धीरे-धीरे हर वो राज खोल रही, जो अब तक किसी के सामने नहीं आ सके हैं. बेटी ने अपने रिश्तेदार को बताया है कि भाई ने जब मां की हत्या कर घर से बाहर गया था. उसी रात उसने पड़ोस में कई लोगों के घर पर घंटी बजाई थी, लेकिन दरवाजा किसी ने नहीं खोला. यही नहीं उसने बेड पर तड़पती मां को गले भी लगाना चाहा था, लेकिन दोनों ही मौके पर भाई आ गया था.
बेटी ने पड़ोसियों से मांगी थी मदद
मासूम बेटी मौजूदा समय अपने रिश्तेदार के साथ चंदौली में है. पिछले 10 दिनों से वो किसी से भी बात नहीं कर रही थी, लेकिन अब वो धीरे-धीरे अपनी महिला रिश्तदार से बातचीत कर रही है. बेटी ने बताया कि देर रात जब भाई ने मां को गोली मारी और उसके बाद घर से बाहर चला गया था तो उसने भागकर कई पड़ोसियों के घर की घंटी बजाकर मदद मांगनी चाही थी, लेकिन दरवाजा नहीं खुला. वो और किसी के घर जाती तब तक भाई स्कूटी से वापस आ गया और उसे घर ले जाकर टॉयलेट में बंद कर दिया.
तड़पती मां को देख गल लगाने का किया मन
मासूम बेटी ने रिश्तेदार को बताया है कि भाई 4 जून की रात को जब मां को मार कर बाहर गया तब उसने बैडरूम का दरवाजा खोला तो मां बेड पर छटपटा रही थी. बेटी ने बताया कि मां के सिर से खून बह रहा था. उनके दोनों हाथ जोर-जोर से हिल रहे थे. पैर भी बहुत तेज झटक रहीं थी. मै बहुत डर गई. फिर भी कमरे में अंदर जाकर उनके पास गई. उनका हाथ छुआ लेकिन उन्होंने मुझे नहीं पकड़ा. बेटी में बताया कि मैं मां के गले लगना चाह रही थी, तभी स्कूटी की आवाज सुनाई दी. मैं मां को उसी हाल में छोड़कर दरवाजे में ताला लगाकर स्टडी रूम में सो गई.
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