लखनऊ: राजधानी में जालसाजों ने दिल्ली पुलिस का अफसर बनकर एक युवक के वाट्सएप पर फर्जी गिरफ्तारी वारंट भेज दिया. फिर कॉल कर उससे जेल जाने से बचने के एवज में एक लाख की डिमांड की. बदनामी व जेल जाने से बचने के लिए युवक ने वारंट में दिए गए यूपीआई नंबर पर करीब 77 हजार रुपये भेज दिए. शक होने पर पीड़ित ने जांच की तो पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है. इंस्पेक्टर मदेयगंज प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ित ने शिकायती पत्र दिया है. मामले की जांच की जा रही है.
खदरा इलाके में जमीरउद्दीन असलम ने बताया कि 28 दिसंबर को एक कॉल आई थी. फोन करने वाले ने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी गौरव मल्होत्रा बताया. उसने कहा कि आपके नाम का गिरफ्तारी वारंट है. यही नहीं उस शख्स ने उनके वाट्सएप पर गिरफ्तारी वारंट पेपर भी भेजा. साथ ही गिरफ्तारी से बचने के लिए एक लाख रुपये की मांग की.
पीड़ित ने बताया कि वह कभी किसी गलत मामलों में नहीं रहा. इसीलिए वह उनके झांसे में फंस गया. पीड़ित ने छोटे भाई से कहकर दिए गए यूपीआई नंबर पर दो बार में 76,500 रुपये ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद डिमांड और धमकियां बढ़ती देखकर पीड़ित ने पड़ताल की तो पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है. पीड़ित जमीरउद्दीन ने मदेयगंज थाने में शिकायत की. पुलिस ने तहरीर के आधार पर धोखाधड़ी समेत गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली है.
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