लखनऊ: 50 संपत्तियों के रिकॉर्ड से छेड़छाड़ मामले की जांच के लिए साइबर एक्सपर्ट की टीम ने दूसरे दिन भी लखनऊ विकास प्राधिकरण पहुंचकर छानबीन की. टीम ने सातवीं मंजिल पहुंचकर एलडीए के एग्जीक्यूटिव सिस्टम कार्यालय में कर्मचारियों से पूछताछ की. योजना देख रहे सभी बाबुओं के नाम, मोबाइल नंबर और यूजर आइडी का ब्यौरा मांगा गया है. टीम अलग-अलग विभागों से भी संपर्क कर रही है. टीम की सक्रियता से प्राधिकरण में हड़कंप मचा हुआ है.
कर्मचारियों व अधिकारियों से पूछताछ
साइबर एक्सपर्ट की पांच सदस्यीय टीम ने एलडीए में बुधवार को पहले दिन पूछताछ की. इसके बाद गुरुवार को भी टीम ने इस मामले से जुड़े कर्मचारियों और अधिकारियों से पूछताछ की.
50 से अधिक संपत्तियों में हेराफेरी का पहला मामला
बता दें कि एक साथ 50 से अधिक संपत्तियों में हेराफेरी का यह मामला पहली बार पकड़ा गया है. ऐसा माना जा रहा है कि प्राधिकरण के कुछ कर्मचारियों व अधिकारियों ने मिलकर पुरानी व रिक्त सम्पत्तियां ऐसे लोगों को रजिस्ट्री कर दी है, जिन्हें यह आवंटित ही नहीं थी. डिस्पोजल रजिस्टर में भी रिकॉर्ड दर्ज नहीं किया गया है. पहले भी यह खेल होता रहा है. पूर्व आवंटी का नाम काट कर उसकी जगह नए लोगों का नाम जोड़ा गया. फिर कंप्यूटर में इनके नाम दर्ज कराकर फाइलों को कंप्यूटराइज्ड कराया गया.
जांच के दायरे में कर्मचारी और बाबू
यह फर्जीवाड़ा एलडीए की चार योजनाओं के भूखण्डों में हुआ है. गोमतीनगर में संपत्तियां सबसे ज्यादा महंगी हैं. इसलिए यहां के मामले सबसे ज्यादा हैं. दूसरे नंबर पर जानकीपुरम तथा तीसरे नंबर पर प्रियदर्शिनी कॉलोनी है. कानपुर रोड योजना के भी कुछ मामले हैं. बताया जा रहा है कि पूरे मामले की जांच के दायरे में करीब एक दर्जन कर्मचारी हैं. जांच शुरू होने पर कई लोग छुट्टी पर चले गए हैं तो कुछ फील्ड के बहाने से इधर-उधर हैं.