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खुद को एडीजी और विधायक बताने वाले जालसाज भाई गिरफ्तार, कार में लगी थी लाल बत्ती और पुलिस का स्टीकर - डीसीपी ईस्ट हृदेश कुमार

लखनऊ में बुधवार को खुद को एडीजी और विधायक बताने वाले जालसाज भाई गिरफ्तार (Fraudster brothers arrested in Lucknow) कर लिये गये. एक भाई खुद को एडीजी और दूसरी खुद को विधायक बताता था.

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एडीजी और विधायक बताने वाले जालसाज भाई गिरफ्तार Crime News UP Fraudster brother arrested in Lucknow डीसीपी ईस्ट हृदेश कुमार जालसाज भाई गिरफ्तार
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 24, 2023, 7:12 AM IST

लखनऊ: बुधवार को राजधानी में बुजुर्ग किसानों से खुद को एडीजी और विधायक बता कर ठगी करने वाले दो शातिर जालसाजों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आरोपी सुल्तानपुर निवासी शैलेन्द्र कुमार और रविंद्र कुमार सगे भाई हैं. रविंद्र का मोबाइल नंबर ट्रू-कॉलर पर एडीजी लखनऊ के नाम से शो होता है. यहां तक उसने खुद को अधिकारी बताने के बाद भी दारोगा की वर्दी में फोटो लगा रखी है. वह टोल पर लोगों को दिखाकर रौब गांठता था. वहीं दूसरा भाई शैलेंद्र खुद को विधायक बताता है.

डीसीपी ईस्ट हृदेश कुमार के मुताबिक, वर्ष 2019 में दोनों आरोपी शैलेंद्र और रविंद्र के खिलाफ चिनहट थाने में धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी. तब से ही इन आरोपियों की तलाश जारी थी. बुधवार को सूचना मिली कि ये दोनों सुल्तानपुर की ओर से गाड़ी पर लाल नीली बत्ती लगाकर जा रहे हैं. अहियामऊ पुल के पास पुलिस टीम ने चेकिंग शुरू की. अर्जुनगंज की तरफ से आ रही इनोवा गाड़ी पर लाल बत्ती और आगे-पीछे पुलिस लिखा हुआ था. वहीं उसके पीछे आ रही फॉर्चूनर गाड़ी पर विधायक का स्टीकर और बीजेपी का झंडा लगा हुआ था.

यह देख पुलिस ने दोनों गाडियों को रोककर पूछताछ शुरू की, तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. डीसीपी ईस्ट के मुताबिक, गाड़ी में शैलेश और रविंद्र कुमार सवार थे. इनके पास से पुलिस अधिकारी का परिचय पत्र, 2 हजार रुपये के नकली नोट समेत अन्य कई चीजें बरामद हुईं. पूछताछ में शैलेंद्र ने बताया कि वे लोग पुलिस अधिकारी या विधायक नहीं है, बल्कि जमीनों की खरीद फरोख्त का काम करते हैं. आरोपियों ने बताया कि बुजुर्ग किसानों को जाल में फंसाने के लिए वे लोग 2 हजार रुपये की नकली नोट रखते थे, ताकि किसान उन्हें पुलिस अधिकारी समझ बैठें. वहीं टोल टैक्स बचाने के लिए गाड़ी पर विधायक की प्लेट लगा रखी थी.

किसानों से ली थी जमीन, फिर नहीं दिए एक करोड़: नवंबर 2019 को चिनहट स्थित क्रिस्टल व्यू अपार्टमेंट निवासी सिराह अहमद ने सुरेंद्र पाठक, रविंद्र कुमार और छोटे लाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. सिराह का आरोप था कि सुरेंद्र और रविंद्र ने सुलतानपुर के आसपास के किसानों की जमीन उनको बेची थी. जमीन खरीदने के एवज में उन्हें पांच चेक दी गई थीं, जो बाउंस हो गई थीं. जब उनसे पैसे मांगे गए, तो जमीन के एक करोड़ के बजाए उन्हें दो लाख ही देने को तैयार हुए थे. उसके बाद रुपये देने से ही इंकार कर दिया. (Crime News UP)

ये भी पढ़ें- झाड़फूंक के नाम पर तांत्रिक किशोरी से कर रहा था रेप, गर्भवती होने खिलाई दवाई तो खुला राज

लखनऊ: बुधवार को राजधानी में बुजुर्ग किसानों से खुद को एडीजी और विधायक बता कर ठगी करने वाले दो शातिर जालसाजों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आरोपी सुल्तानपुर निवासी शैलेन्द्र कुमार और रविंद्र कुमार सगे भाई हैं. रविंद्र का मोबाइल नंबर ट्रू-कॉलर पर एडीजी लखनऊ के नाम से शो होता है. यहां तक उसने खुद को अधिकारी बताने के बाद भी दारोगा की वर्दी में फोटो लगा रखी है. वह टोल पर लोगों को दिखाकर रौब गांठता था. वहीं दूसरा भाई शैलेंद्र खुद को विधायक बताता है.

डीसीपी ईस्ट हृदेश कुमार के मुताबिक, वर्ष 2019 में दोनों आरोपी शैलेंद्र और रविंद्र के खिलाफ चिनहट थाने में धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी. तब से ही इन आरोपियों की तलाश जारी थी. बुधवार को सूचना मिली कि ये दोनों सुल्तानपुर की ओर से गाड़ी पर लाल नीली बत्ती लगाकर जा रहे हैं. अहियामऊ पुल के पास पुलिस टीम ने चेकिंग शुरू की. अर्जुनगंज की तरफ से आ रही इनोवा गाड़ी पर लाल बत्ती और आगे-पीछे पुलिस लिखा हुआ था. वहीं उसके पीछे आ रही फॉर्चूनर गाड़ी पर विधायक का स्टीकर और बीजेपी का झंडा लगा हुआ था.

यह देख पुलिस ने दोनों गाडियों को रोककर पूछताछ शुरू की, तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. डीसीपी ईस्ट के मुताबिक, गाड़ी में शैलेश और रविंद्र कुमार सवार थे. इनके पास से पुलिस अधिकारी का परिचय पत्र, 2 हजार रुपये के नकली नोट समेत अन्य कई चीजें बरामद हुईं. पूछताछ में शैलेंद्र ने बताया कि वे लोग पुलिस अधिकारी या विधायक नहीं है, बल्कि जमीनों की खरीद फरोख्त का काम करते हैं. आरोपियों ने बताया कि बुजुर्ग किसानों को जाल में फंसाने के लिए वे लोग 2 हजार रुपये की नकली नोट रखते थे, ताकि किसान उन्हें पुलिस अधिकारी समझ बैठें. वहीं टोल टैक्स बचाने के लिए गाड़ी पर विधायक की प्लेट लगा रखी थी.

किसानों से ली थी जमीन, फिर नहीं दिए एक करोड़: नवंबर 2019 को चिनहट स्थित क्रिस्टल व्यू अपार्टमेंट निवासी सिराह अहमद ने सुरेंद्र पाठक, रविंद्र कुमार और छोटे लाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. सिराह का आरोप था कि सुरेंद्र और रविंद्र ने सुलतानपुर के आसपास के किसानों की जमीन उनको बेची थी. जमीन खरीदने के एवज में उन्हें पांच चेक दी गई थीं, जो बाउंस हो गई थीं. जब उनसे पैसे मांगे गए, तो जमीन के एक करोड़ के बजाए उन्हें दो लाख ही देने को तैयार हुए थे. उसके बाद रुपये देने से ही इंकार कर दिया. (Crime News UP)

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