लखनऊ : राजधानी में लगातार कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है. प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद राजधानी लखनऊ में अभी भी कोरोना मरीजों को ना तो अस्पतालों बेड मिल रहा है और ना ही ऑक्सीजन और वेंटीलेटर. जिसकी वजह से बड़ी संख्या में मरीज अस्पतालों बाहर ही दम तोड़ रहे हैं.
लखनऊ के अस्पतालों की हालत किसी से छिपी नहीं है. यहां पर रोज बड़ी संख्या में मरीज इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं. राजधानी के श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों में देर रात तक बड़ी संख्या में डेड बॉडी अंतिम संस्कार के लिए पहुंच रही हैं. श्मशान घाटों पर लगी कतारें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं, ऐसे में शवों के अंतिम संस्कार के लिए मृतकों के परिजनों घंटों इतजार करना पड़ रहा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार को लखनऊ में 5239 कोरोना संक्रमित पाए गए, जबकि 19 मरीजों की संक्रमण से मौत हो गई. उधर, राजधानी के दोनों श्मशान घाटों पर गुरुवार को कुल 158 शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे. इसमें से 98 शवों का अंतिम संस्कार भैंसा कुंड के श्मशान घाट पर किया गया, जबकि 60 शवों का अंतिम संस्कार गुलाला घाट पर किया गया.
रिवर फ्रंट पर जलाई गई डेड बॉडी
लखनऊ जिला प्रशासन ने भले ही भैसा कुंड श्मशान घाट पर मजिस्ट्रेट को तैनात किया है. लेकिन, अभी तक यहां की व्यवस्था में सुधार नहीं हो पाया है. यही कारण है कि जब गुरुवार रात भैसा कुंड श्मशान घाट पर लोगों को अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने के लिए जगह नहीं मिली, तो कई मृतकों के परिजनों ने रिवर फ्रंट शवों का अंतिम संस्कार कर दिया. उधर, नगर निगम के अधिकारी इस बारे में कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं.
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137 व्यक्तियों से वसूला गया जुर्माना
नगर निगम द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर मास्क का प्रयोग न करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध चलाए गए अभियान के अंतर्गत गुरुवार को 137 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई. इस दौरान पुलिस ने कुल 13,500 रुपये जुर्माना वसूला. इसके साथ ही लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने की अपील की गई, ताकि संक्रमण को रोका जा सके.