लखनऊः जमीन पर जबरन कब्जा कर सैकड़ो हरे वृक्ष काटने के आरोप के मामले में एक स्थानीय अदालत ने पुलिस से रिपोर्ट तलब की है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार गुप्ता ने यह आदेश एएनएस डेवलपर्स के अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराए जाने की मांग वाली अर्जी पर पारित किया है. 3 जनवरी को गोमती नगर विस्तार थाने को रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है.
शिकायतकर्ता बीरबल का अदालत में कहना था कि राजधानी के बाघामऊ इलाके में उनकी काफी जमीन है, वह इसके स्वामी हैं. कहा गया कि उनकी जमीन पर हरे पेड़ लगे हुए हैं.
आरोप है कि 22 सितंबर 2021 को एएनएस डेवलपर्स के अधिकारी व कर्मचारी पुलिस व लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को गुमराह कर उनकी जमीन पर कब्जा करने आ गए. अभियुक्तों ने जमीन पर लगे खंभे को उखाड़ कर फेंक दिया तथा बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के 150 हरे पेड़ों को काटकर उसकी लकड़ी उठा ले गए. कहा गया है कि घटना की शिकायत पुलिस कमिश्नर लखनऊ से की गई लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई.
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लेखपालों के खिलाफ मुकदमे में मांगी रिपोर्ट
एक अन्य मामले में विवादित जमीन को बेचे जाने व लाखों रुपए हड़पने के आरोपों पर इसी अदालत ने 14 दिसंबर को बख्शी का तालाब थाने से रिपोर्ट मांगी है. अदालत के समक्ष रिपोर्ट दर्ज कराए जाने की मांग वाली यह अर्जी रासा इंफ्रा कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के निदेशक राधेश्याम एवं संतोष कुमार मौर्या ने बख्शी का तालाब के लेखपाल संपूर्णानंद वर्मा एवं संतोष कुमार के विरुद्ध दाखिल की है.
आरोप है कि लेखपाल संपूर्णानंद ने अपने घर पर बुलाकर विश्वास दिलाया कि जमीन पर कोई विवाद नहीं है जिसके बाद शिकायतकर्ताओं ने संतोष कुमार वर्मा को 74 लाख 32 हजार रुपए देकर जमीन खरीद ली. जमीन का बैनामा होने के बाद पता चला कि वह विवादित है, जिसका मुकदमा अदालत में चल रहा है.
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