लखनऊ: बलरामपुर अस्पताल की ओटी में बिना सुविधा शुल्क लिए ऑपरेशन (Corruption in Balrampur hospital for operation) तक नहीं हो रहे हैं. डॉक्टर इम्पलांट व सामान के नाम पर शुल्क मांग रहे हैं. शुल्क न देने पर मरीजाें का ऑपरेशन टाल दिए जाने का आरोप है. नया मामला आर्थोपैडिक विभाग की ओटी को लेकर सामने आया है. आरोप है सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर ने पैर की उंगली में तार डालने की एवज में छह हजार रुपए की मांग किया. मरीज को ओटी में ले जाया गया. सिफारिश लगाने पर पैर सुन्न करने बाद ओटी से बाहर कर दिया गया. पीड़ित ने मामले की डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से शिकायत की (Complaint to Deputy CM Brajesh Pathak) है.
बाराबंकी निवासी मनोज यादव की बेटी वंशिका 13 छत से गिरकर जख्मी हो गई थी. उसके पैर की उंगली में फैक्चर हुआ था. बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर ने करीब डेढ़ हफ्ते पहले देखा था. सीनियर रेजीडेंटर ने पहले प्लास्टर जरिए उंगली ठीक होने की बात कही. प्लास्टर से कोई फायदा न होने पर डॉक्टर ने एक उंगली में तार डालने की बात कही. डॉक्टर ने तार डालने की एवज में तीमारदार से छह हजार रुपए का खर्च बताया.
मरीज के भर्ती की फाइल बन गई थी. तीन दिन तक ऑपरेशन के लिए दौड़ाया गया था. ओटी तक ले गए. पैर सुन्न करने बाद उसे ओटी से बाहर निकाल दिया गया. उसे ऑपरेशन की डेट तक नहीं दी गई. परिजन डॉक्टर से गुहार लगाते रहे मगर कोई सुनवाई न हुई. बच्ची की हालत गंभीर होता देख तीमारदार उसे निजी अस्पताल ले जाकर ऑपरेशन कराया है. सीएमएस डॉ. अतुल मेहरोत्रा के मुताबिक, मामले की शिकायत मिलती है, तो जांच कराकर आगे की कार्रवाई होगी.
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