लखनऊ: राजधानी के छठे मिल स्थिति दूध मंडी के किसानों की हालत दिन-पर-दिन खराब होती जा रही है. इसके कारण किसानों को अपने घर परिवार को पालना मुश्किल होता जा रहा है. उनका मानना है कि जिस तरीके से सरकार ने कोरोना वायरस बढ़ने के बाद लॉकडाउन लगाया है, उसके बाद से उनके व्यापार में कमी आई है.
गांव के दूध किसानों का कहना है कि जब वह लॉकडाउन के पहले दुग्ध मंडी में दूध की सप्लाई करने आते थे. उस समय दूध की कीमत उनको 50 से 60 में मिलती थी और आज के समय की कीमत की बात करें तो उनको 40 से 45 रुपये दूध की कीमत मिलती है. हफ्ते में 2 दिन बंदी के चलते उनका दूध भी खराब हो जाता है. किसानों ने बताया कि इस दूध मंडी में लगभग 200 गांव के किसान दूध को सप्लाई करते हैं.
जिस तरह से कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है और दिन पर दिन मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. उसको देखते हुए सरकार ने पूरे प्रदेश में हफ्ते में 2 दिन लॉकडाउन करने का आदेश जारी किया था. इसका असर दूध बेचने वाले किसानों पर पड़ा है. क्योंकि 3 महीने का इससे पहले भी लॉकडाउन जब रहा उस समय पूरी तरह से व्यापार पहले ही चौपट हो गया था. जैसे तैसे लॉकडाउन खुलने के बाद से फिर से व्यापार शुरु हो पाया था, लेकिन फिर से दो दिन लॉकडाउन के चलते अब मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है.