लखनऊ: राजधानी के हाल कोरोना के चलते कुछ ज्यादा ही बिगड़ गए हैं. यहां अस्पतालों में न तो मरीजों को बेड मिल पा रहे हैं और न ही ऑक्सीजन, जिस कारण गंभीर मरीज दम तोड़ रहे हैं. समुचित इलाज और ऑक्सीजन के अभाव में जान जा रही हैं. इसी बीच संक्रमण की चपेट में आए आबकारी अधिकारी की वेंटिलेटर के अभाव में सांसें थम गईं. अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक ऑक्सीजन की किल्लत मरीजों की मौत की बड़ी वजह है.
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ऑक्सीजन की कमी से मरीज की मौत
राजधानी के जानकीपुरम स्थित निजी अस्पताल में कोरोना से ग्रसित आबकारी अधिकारी जितेंद्र पाल का इलाज चल रहा था. गुरुवार की रात अचानक ऑक्सीजन का लेवल कम होने लगा. अस्पताल में ऑक्सीजन का संकट था. हालांकि डॉक्टरों ने तुरंत उन्हें वेंटिलेटर में शिफ्ट किया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. इसी तरह वृन्दावन योजना कॉलोनी निवासी विनय मलहन (52) को अस्पताल में जगह नहीं मिली. परिवारीजन लगातार सीएमओ कंट्रोल रूम में फोन कर फरियाद करते रहे. परिजनों का आरोप है कि मरीज को समय पर भर्ती नहीं किया गया. ऑक्सीजन और वेंटिलेटर समय पर न मिलने से विनय मलहन की मौत हो गई.