लखनऊ : देश की आधी आबादी को उनका हक दिलाना ऐसा प्रतीत होता है की बस थाली सजाई गई. बीजेपी की भी टैग लाइन है की ऐसा कोई सगा नहीं जिसको हमने ठगा नहीं. ये झुनझुना है बीजेपी का और उन्होंने महिलाओं की इंटेलिजेंस को बहुत कम तौला है. अगर ये महिला आरक्षण बिल लागू करना चाहते तो ये तत्काल लागू करते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस बिल की असलियत है की महिला आरक्षण का इंतजार बढ़ता रहेगा और गृहमंत्री कह रह हैं कि 2029 तक लागू होगा और बाकी सांसदों के अनुसार 2039 तक लागू होगा. अडानी का महाघोटाला छुपाने के लिए पहले इंडिया का नाम बदलने की राजनीति हुई और जब उससे काम नहीं बना तो महिला बिल ले आए, जिसके लिए उन्हें अनिश्चितकाल का इंतजार है. इस बिल में अनुसूचित जन जातीय जनगणना की जरूरत है.' यह बात कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और कांग्रेस वर्किंग कमेटी की सदस्य सुप्रिया श्रीनेत ने पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कही.
उन्होंने कहा कि 'राजीव गांधी जब महिला आरक्षण बिल ला रहे थे तो सात लोगों ने इसका विरोध किया, जिसमें बीजेपी के सांसद थे, लेकिन हमने समर्थन किया. कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कांग्रेस की 21 महिलाओं ने 21 राज्यों में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. देश की आधी आबादी पिछले 27 वर्षों से लड़ाई लड़ रही थी. आज आधी आबादी अपने आप को ठगा हुआ समझ रही है. सरकार ने बिल ले आई है, लेकिन ये 2039 से पहले लागू होने वाला नहीं है. उनके अपने सांसद बोल रहे ये मैं नहीं बोल रही हूं. 2039 में हो सकता है इसको लागू किया जाए. उन्होंने कहा कि 1989 में महिला आरक्षण बिल जब आया था तो लोगों ने विरोध किया था. महिलाओं को झुनझुना नहीं पकड़ना चाहिए.'