लखनऊ: महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता सड़क पर उतरे हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया. पार्टी कार्यालय से निकले कार्यकर्ताओं को बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस ने रोकने की कोशिश की. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जमकर हाथापाई हुई. कुछ प्रदर्शनकारी बैरिकेटिंग तोड़कर आगे निकल गए. पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है. वहीं कांग्रेस नेता नकुल दुबे को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है. महंगाई और बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस का यह देशव्यापी प्रदर्शन है.
कांग्रेस नेता नकुल दुबे हाउस अरेस्ट: महंगाई को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने से पहले ही तमाम कांग्रेस नेताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है. लखनऊ में नकुल दुबे के घर के बाहर देर रात से ही पुलिस लगा दी गई. नकुल ने कहा कि यह तानाशाही सरकार सभी की आवाज दबाने का काम कर रही है, जो कि लोकतंत्र के लिए खतरा है. यूपी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि कई साल पहले तो कोई सोच भी नहीं सकता था कि जो बुलडोजर मरम्मत के लिए होता है उसको लोगों का आशियाना उजाड़ने में इस्तेमाल किया जाएगा. लखनऊ में बने लोगों के पुश्तैनी घरों को अवैध बताकर सीधे तोड़ दिया जाता है.
नकुल दुबे ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में उसके लिए दूसरा विकल्प तलाशा जाता था कि निर्माण भी हो जाए और किसी का नुकसान भी ना हो. लेकिन इस सरकार ने देश को बर्बाद करके रख दिया है. आगे परिस्थितियां और भी खतरनाक होने वाली हैं. उन्होंने कहा कि भले ही सरकार उन लोगों को घरों में कैद कर ले, लेकिन जनता में जो आक्रोश पैदा हो रहा है, उससे कब तक बचेगी.
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यह है मुद्दा: उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि देश में बढ़ती महंगाई रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है. पेट्रोल-डीजल, एल.पी.जी से लेकर दाल, कुकिंग ऑयल जैसे जरूरी सामानों की कीमतें आसमान छू रहीं हैं. इससे आम जनमानस का जीना दुस्वार हो गया है. प्री-पैक्ड अनाज, आटा, शहद, दही जैसे खाद्य सामग्री पर अतार्तिक ढंग से जी.एस.टी. लगाने से महंगाई और बढ़ गई है. साथ ही देश में बेरोजगारी भी अप्रत्याशित रूप से आसमान छू रही है.
प्रवक्ता अशोक सिंह ने बताया कि देश के ग्रामीण एवं शहरी दोंनो क्षेत्रों के औपचारिक और अनौपचारिक क्षेत्रों में बडे़ पैमाने पर बेरोजगारी का एक चरण देखा जा रहा है. इसके अलावा विवादास्पद, खराब कल्पना और जल्दबाजी में तैयार की गई अग्निपथ योजना, जिसमें कई जोखिम हैं. इसमें सशस्त्र बलों की लंबे समय से चली आ रही परंपराओं और लोकाचार को ही नहीं नष्ट किया गया, बल्कि लाखों बेरोजगार युवाओं की आकांक्षाओं को भी नष्ट कर दिया गया है.
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