लखनऊः उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने राष्ट्रपति, उत्तर प्रदेश के गवर्नर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजा है. पत्र में उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि एक जनप्रतिनिधि होने और कांग्रेस पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते उन पर जो कार्रवाई नहीं होनी चाहिए, वह भी की जा रही है. उन्होंने पत्र में जिक्र किया है कि बिना किसी अपराध के भी दो दिन तक आवास पर पुलिस ने बंधक बनाए रखा. यह बिल्कुल भी संवैधानिक नहीं है.
व्यक्तिगत तौर पर नहीं निभाने दिया जा रहा है दायित्व
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का कहना है कि 28 दिसंबर को कांग्रेस का स्थापना दिवस था. कांग्रेस मुख्यालय से पद यात्रा निकालते हुए हजरतगंज स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने का कार्यक्रम रखा गया था. मुख्यालय में ध्वजारोहण के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ जब पद यात्रा निकालने का कार्यक्रम किया तो पुलिस प्रशासन ने बिना किसी स्पष्ट आदेश के गेट पर ही रोक दिया. गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने नहीं जाने दिया गया. उन्होंने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है, मुझे अनगिनत बार किसी भी कार्यक्रम को करने से रोका जा रहा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते मुझे व्यक्तिगत तौर पर भी मेरे दायित्व को निभाने नहीं दिया जा रहा है. इस प्रकार अलोकतांत्रिक तरीके से स्थापना दिवस मनाए जाने से रोकना देश में स्थापित विधिक परंपराओं को रोकने के समान है.
बार-बार की जा रही है कार्रवाई
उन्होंने कहा कि कुछ महीनों से कोविड-19 अनलॉक कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश के सरकारी आंकड़ों में भी जनजीवन सामान्य रूप से चलने लगा है. ऐसी स्थिति में कोविड-19 के तहत सीआरपीसी की धारा 144 के तहत अनुचित प्रक्रिया के तौर पर एक ही व्यक्ति के खिलाफ बार-बार कार्रवाई की जा रही है. उत्तर प्रदेश विधानसभा के विधायक होने के अधिकारों का भी लगातार हनन किया जा रहा है, यह असंवैधानिक है.
एक माह में 24 बार गिरफ्तारी का आंकड़ा
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने बकायदा अपनी गिरफ्तारी का डाटा भी पत्र में उल्लिखित किया है. 26 मई से लेकर 26 दिसंबर तक की गिरफ्तारी का स्थान और तारीख दी गई है. कुल मिलाकर एक माह में प्रदेश अध्यक्ष की 24 बार गिरफ्तारी दिखाई गई है. जो प्रदेश के भिन्न-भिन्न जनपदों से है. यही वजह है कि इसे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने असंवैधानिक माना है. उन्होंने कहा है कि अपराधी न होते हुए भी एक अपराधी की तरह बर्ताव किया जा रहा है.