लखनऊ: महाकुंभ 2025 की 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ की शुरूआत हो जाएगी. जिसको लेकर योगी सरकार की ओर से विश्वस्तरीय इंतजाम किए गए हैं. लेकिन इन तमाम इंतजामों पर साइबर अटैकर्स पानी फेर सकते हैं इसका अंदेशा सुरक्षा एजेंसी को सता रहा है. जिसको देखते हुए यूपी पुलिस ने महाकुंभ को साइबर अटैक प्रूफ बनाने के लिए 150 पुलिसकर्मियों की साइबर फोर्स बनाई है. जिसकी मॉनिटरिंग प्राइवेट साइबर सुरक्षा एजेंसी के 6 एक्सपर्ट कर रहे हैं. इसके अलावा देश की सबसे बड़ी तकनीकी एजेंसी सर्ट इन और एनटीआरओ भी महाकुंभ की सुरक्षा में तैनात की गई है.
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि, साइबर अटैकर्स और साइबर ठगों के साथ साथ सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले अपराधियों के खतरे को देखते हुए महाकुंभ के लिए तैयार की गई साइबर फौर्स को अलग अलग जिम्मेदारी दी गई है. उन्होंने बताया कि, फिजिकल पेट्रोलिंग की ही तरह इस बार महाकंभ में हमारी स्पेशल साइबर फोर्स साइबर पेट्रोलिंग कर रही है. ये टीम 24 घंटे सातों दिन साइबर स्पेस में ऐसी वेबसाइट पर नजर रख रही है, जो संगमनगरी और महाकुम्भ से सम्बंधित है. यदि टीम को थोड़ा भी अंदेशा होता है कि ये वेबसाइट फर्जी है या उसमें झूठी जानकारी दी जा रही है तो तत्काल उस वेबसाइट को निष्क्रिय किया जा रहा है. इसके अलावा DDOS अटैक, रैंसमवेयर अटैक, पोर्ट स्कैनिंग करने के काम को फिल्टर आईटी के स्पेशल 6 टीम कर रही है.
महाकुंभ के दौरान साइबर सुरक्षा की जिम्मेदारी सर्ट इन को भी सौंपी गई है. जबकि टेली कम्युनिकेशन सिक्योरिटी की जिम्मेदारी टेलिकॉम डिपार्टमेंट को दी गई है, जो फोन और वायरलेस हैकिंग को रोकेगी. इसके अलावा सोशल मीडिया में किसी भी प्रकार की अफवाह ना फैलाई जा सके, या फिर महाकुंभ से जुड़े सोशल मीडिया एकाउंट को हैक ना किया जा सके इसकी निगारानी एनटीआरओ देखेगा.
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि, महाकुंभ का आयोजन एक महीने से अधिक चलेगा, जिसमें 45 करोड़ से अधिक लोग शामिल होंगे. ऐसे में उनकी या फिर उनसे जुड़े लोगों कि सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जायेगा. यही वजह है कि, हमारी साइबर पुलिस आधुनिक उपकरण और लेटेस्ट टेक्निलॉजी का इस्तमाल करने के साथ ही अन्य साइबर एक्सपर्ट की भी मदद ले रही है. उन्होंने बताया कि, साइबर सुरक्षा के लिए महाकुंभ से जुड़ी वेबसाइट, होस्टिंग सर्वर और मोबाइल एप की स्टैण्डर्डसेशन टेस्टिंग एंड क्वालिटी सर्टिफिकेशन (STQC), एमईआईटीवाई, एनआईआईपीसी, सर्टिन आईआईआईटीवाई से ऑडिट करवाया गया है. इसके अलावा IIT कानपुर, IIIT इलाहाबाद भी मदद कर रही है.
यह भी पढ़ें : महाकुंभ 2025; HMPV को लेकर अखाड़ा परिषद ने की अपील, रवींद्र पुरी बोले- जिसमें लक्षण दिखे, वो तंबू में ही रहे