आजमगढ़ : मिर्जापुर ब्लाक के गांव बीनापारा में बना हाईटेक पंचायत सचिवालय लोगों का ध्यान खींच रहा है. यूपी के अन्य सचिवालयों के लिए यह किसी नजीर से कम नहीं है. यह कई आधुनिक सुविधाओं से लैस है. शौचालय और स्नानघर के अलावा सोलर सिस्टम भी है. मीटिंग हॉल भी आधुनिक लाइटों से सुसज्जित है. रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगा है. ग्राम प्रधान का कार्यालय डीएम आफिस को भी टक्कर देता नजर आ रहा है. जिले के अन्य सभी ग्राम पंचायतों में भी पंचायत घर व ग्राम सचिवालय का विकास कराया जा रहा है.
मिर्जापुर ब्लाक का बीनापारा ग्राम पंचायत जिले की 1858 ग्राम पंचायतों में अपनी अलग पहचान बना चुका है. इसकी चर्चा पूरे सूबे में होने लगी है. करीब 3030 की आबादी वाले गांव बीनापारा में कुल 28 सोलर लाइट भी लगी हैं. सरकार ने जब ग्राम पंचायत घरों को ग्राम सचिवालय में बदलने की योजना शुरू की, उसके बाद बीनापारा ग्राम पंचायत को 21 लाख 78 हजार रुपये का बजट आवंटित हुआ.
मेन रोड से लेकर शौचालय तक सब चकाचक : करीब 19 लाख रुपये अब तक खर्च हुए हैं. काम 49 लाख का हुआ है. इसमें राष्ट्रीय ग्रामीण स्वराज अभियान के तहत हॉट बाजार में 8 लाख 90 हजार, अन्नपूर्णा भवन में पांच लाख 71 हजार, सामुदायिक शौचालय पर 7 लाख रुपये खर्च किए गए हैं. इसी कड़ी में सामुदायिक मिलन केंद्र पर 15 लाख रुपये, मेन रोड इंटरलॉकिंग में 7 लाख, रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में 1 लाख 75 हजार रुपये खर्च किए गए हैं.
एक ही जगह पर हो रहा समस्याओं का समाधान : सचिवालय में टाइल्स भी लगा हुआ है. ग्राम पंचायत सचिव, लेखपाल, ग्राम रोजगार सेवक एक ही छत के नीचे बैठकर काम कर रहे हैं. ग्राम सचिवालय में जन सुविधा केंद्र भी है. यहां ऑनलाइन आवेदन तथा सूचनाओं की फीडिंग होती है. लोगों को ब्लॉक और तहसील की दौड़ से छुटकारा मिला है. ग्राम सचिवालय पर ही लेखपाल, रोजगार सेवक, ग्राम पंचायत अधिकारी और प्रधान एक ही स्थान पर मिलते हैं.
गांव में डोर-टू डोर उठ रहा कूड़ा : हॉट बाजार में यहां रोजमर्रा के सामान मिलते हैं. ऑनलाइन पढ़ने के लिए आधुनिक लाइब्रेरी भी है. इसके अलावा मॉडल स्कूल, सामुदायिक शौचालय, आंगनबाड़ी भवन, खेल का मैदान, सीसीरोड व इंटरलाकिंग, व्यक्तिगत शौचालय, जलनिकासी के लिए नाली भी है. सबसे बड़ी बात यह है कि शहरों की तर्ज पर गांव में भी डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन किया जा रहा है.
सचिवालय में बच्चों के लिए आधुनिक लाइब्रेरी : बीनापारा ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान असलम खान का कहना है कि वे एक स्क्रैप का कारोबार करते थे. गांव से उनका बड़ा लगाव है. पूर्व में महिला सीट होने पर उनकी पत्नी यहां से ग्राम प्रधान चुनी गईं थीं. इसके बाद अब वह खुद ग्राम प्रधान हैं. असलम खान केवल आठवीं तक पढ़े हैं लेकिन सचिवालय में बच्चों के लिए उन्होंने हाईटेक लाइब्रेरी बनवा रखी है. आधुनिक सचिवालय को बनवाने में करीब 2 साल का वक्त लगा.
जिम और मिनी स्टेडियम बनने बाकी : अहम बात ये है कि पूरा ग्राम सचिवालय सोलर पैनल से चलता है. इसमें पुलिस का रूम भी बना है. ग्राम प्रधान असलम खान कहते हैं कि अभी भी विकास पूरा नहीं हुआ है. उनका सपना है कि सचिवालय में जिम और एक मिनी स्टेडियम भी बनाया जाए. इसके लिए वह प्रयासरत हैं. ग्राम पंचायत बीनापारा में किए गए विकास कार्यों की मुख्य विकास अधिकारी परीक्षित खटाना ने भी सराहना की है. उनका है कि कोशिश होगी कि जिले की सभी ग्राम पंचायतों में इस तरह की व्यवस्था हो.
सचिवालय में जन्म, मृत्यु समेत सभी तरह के प्रमाण पत्र बनने लगे हैं. अब इसके लिए गांव के लोगों को परेशान नहीं होना पड़ता है. सचिवालय में पुलिस रूम भी बना है. लेखपाल भी बैठते हैं. बिजली विभाग हर महीने की 29 तारीख को सचिवालय में कैंप में लगाता है. सचिवालय 5म ई 2022 से बनना शुरू हुआ था. यह नवंबर 2024 में बनकर तैयार हो गया.
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