लखनऊ: सरकार द्वारा ओबीसी में आरक्षण को तीन श्रेणियों में बांटने और एससी में आरक्षण को दो श्रेणियों में विभाजित करने के प्रस्तावित फैसले पर कांग्रेस ने सरकार पर प्रहार किया है. कहा कि भाजपा कभी भी आरक्षित वर्ग की समर्थक रही ही नहीं है. कांग्रेस ने सरकार के इस कदम को बिल्कुल सही नहीं ठहराया है. कांग्रेस का साफ कहना है कि अगर आरक्षण की बात चलती है, इसे श्रेणियों में विभाजित करने की बात हो रही है तो प्राइवेट सेक्टर में भी यह लागू होना चाहिए.
'मोहन भागवत कह रहे हैं आरक्षण पर बहस होनी चाहिए'
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. अनूप पटेल का कहना है कि बीजेपी कभी भी अपने स्थापना काल से आरक्षित वर्ग की समर्थक नहीं रही है. मंडल के समय यह कमंडल लेकर आए और आज फिर से उसी तरह की तैयारी हो रही है. मोहन भागवत के बयान को देख लीजिए वह कह रहे आरक्षण पर बहस होनी चाहिए. इससे पहले बिहार के चुनाव थे, तब उन्होंने कहा था कि आरक्षण खत्म हो जाना चाहिए.
वर्तमान की स्थितियां देख लीजिए, कहीं पर भी ओबीसी की सीटें नहीं भरी हैं. कांग्रेस सरकार ने पहले से ही कैटिगराइजेशन किया था. केरल की सरकार हो या कर्नाटक की या फिर आंध्र प्रदेश की. हमने सभी जगह, सभी वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है. हाल ही में मध्यप्रदेश में हमने ओबीसी का रिजर्वेशन 27 परसेंट किया है. छत्तीसगढ़ में ओबीसी का रिजर्वेशन दोगुना किया है. एससी का रिजर्वेशन बढ़ाया है.
कांग्रेस पार्टी की सरकार से मांग है कि अगर आरक्षण का कैटिगराइजेशन हो ही रहा है तो यह प्राइवेट सेक्टर पर भी लागू किया जाए. सरकारी टेंडर ठेके में ओबीसी, एससी और एसटी का कैटिगराइजेशन करके आरक्षण दिया जाए. सरकार जो कैटिगराइजेशन कर रही है अगर उसमें सीटें खाली हो रही हो तो सिर्फ जनरल में न कनवर्ट हों. वह सीटें विद इन कैटेगरी में ही रहें ताकि सामाजिक न्याय लागू हो सके.
डॉ. अनूप पटेल, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस