लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर तमाम राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर निशाना साध रही हैं. ऐसे में एक बार फिर से कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम ने सपा अध्यक्ष अखिलेश पर निशाना साधा है. अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कहा है कि जो अखिलेश यादव अपने संसदीय सीट आजमगढ़ में सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन में पुलिस दमन की शिकार महिलाओं से मिलने तक नहीं गए, उनके इस बयान पर कोई यकीन नहीं करेगा कि सपा सरकार में आने पर इन मुकदमों को वापस ले लेगी. दरअसल, आजगढ़ में सीएए-एनआरसी के विरोध में हुए आंदोलन के वक्त कई महिलाएं व पुरुषों पर मुकदमें किए गए थे. इसको लेकर अखिलेश ने बयान दिया है कि सपा की सरकार आने पर ये मुकदमे हटा लिए जाएंगे.
वादे से मुकरते रहे हैं अखिलेश
शाहनवाज ने कहा कि प्रदेश का मुसलमान जान चुका है कि जो सपा अपने संस्थापक नेता आजम खान के मुकदमों की पैरवी नहीं कर सकती. वो आम मुसलमानों पर से मुकदमे हटाने की बात करके सिर्फ लोगों को गुमराह करना चाहती है. उन्होंने कहा कि मुसलमान भूला नहीं है कि 2012 विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र में भी सपा ने वादा किया था कि सरकार बनने पर बेगुनाह मुसलमानों पर से मुकदमे हटा लेगी, लेकिन मुख्यमंत्री बनते ही अखिलेश यादव अपने वादे से मुकर गए थे. शाहनवाज ने कहा कि मुसलमान जानता है कि जब सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन में लोग मारे जा रहे थे, तब सिर्फ प्रियंका गांधी ही सड़क पर उतरी थीं. यहां तक की अखिलेश यादव अपने संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ भी पीड़ितों से मिलने नहीं गए, वहां पर भी प्रियंका गांधी ही गईं.
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सपा पर हमलावर कांग्रेस
बता दें कि कांग्रेस अल्पसंख्यक के चेयरमैन शाहनवाज आलम लगातार समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को घेरने के लिए मुखर हैं. लगातार आजम खान को लेकर वे अखिलेश यादव पर हमलावर रहे हैं. दरअसल, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी सरकार बनने के बाद सीएए-एनआरसी के मुकदमों को हटाने की बात कही थी, जिस पर हमला बोलते हुए कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने अखिलेश यादव पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि अखिलेश आजम पर से मुकदमे हटाने तक की मांग नहीं कर पाए. आगे उन्होंने कहा कि मुसलमान भूला नहीं है कि 2012 में भी बेगुनाह मुसलमानों पर से मुकदमे हटाने के वादे से अखिलेश यादव मुकर गए थे. वहीं उनका कहना था कि आजमगढ़ के पीड़ितों से भी मिलने अखिलेश नहीं गए, वहां प्रियंका गईं थीं मिलने.