लखनऊ : अल्पसंख्यक कांग्रेस(Minority Congress) की तरफ से प्रत्येक रविवार को फेसबुक पर स्पीक अप माइनॉरिटी अभियान लाइव किया जा रहा है. इसी क्रम में आज स्पीक अप माइनॉरिटी अभियान का 10वां संस्करण फेसबुक पर लाइव किया गया. आयोजित कार्यक्रम में आज का विषय 'क्यों राहुल गांधी को ही निशाना बनाती है मोदी सरकार' रखा गया. बता,दें कि कांग्रेस का माइनॉरिटी विभाग प्रत्येक रविवार को विपक्षी दलों की कमियां उजागर करने व अल्पसंख्यक वोटरों को जागरुक करने के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है.
रविवार को आयोजित कार्यक्रम में अल्पसंख्यक कांग्रेस के अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने विपक्षी दलों को जमकर घेरा. साथ ही उन्होंने पार्टी के नेता राहुल गांधी की जमकर तारीख की. शाहनवाज आलम ने कहा कि राहुल गांधी एक मात्र राजनेता हैं, जो आरएसएस(RSS) की देश विरोधी विचारधारा पर सवाल उठाते हैं. राजीव गांधी, इंदिरा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू भी हमेशा संघ की विचारधारा के विरोधी रहे हैं. इसीलिए भाजपा गांधी-नेहरू परिवार के लोगों से द्वेष रखती है. कार्यक्रम में संबोधन के समय कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम ने सपा, बसपा व बीजेपी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक, दलित व दूसरे कमजोर तबकों पर बीजेपी सरकार के हमलों के खिलाफ सिर्फ राहुल और और प्रियंका गांधी ही सड़कों पर उतरकर लड़ रही हैं.
अखिलेश यादव और मायावती अपने कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न पर भी चुप रहते हैं. अल्पसंख्यक कांग्रेस के अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने कहा नोटबंदी हो, जीएसटी हो किसान आंदोलन हो अथवा कोरोना में सरकार की असंवेनशीलता की बात हो सभी मामलों में सिर्फ राहुल गांधी ही मोदी सरकार से संसद से लेकर सड़क तक लड़ रहे हैं. यही वजह है कि मोदी सरकार राहुल गांधी की जासूसी करवाती है.
उन्होंने आगे कहा आखिर क्या वजह है कि पीएम मोदी को अखिलेश यादव की जासूसी कराने की आवश्यकता नहीं पड़ी. इन सभी बातों से साबित करता है कि भाजपा कांग्रेस को अपने लिए चुनौती मानती है और सपा नेताओं को अपना दोस्त मानती है. शाहनवाज आलम ने बताया कि फेसबुक लाइव के माध्यम से आज मुसलमानों को बताया गया कि 2009 में यादव मतों का 73 प्रतिशत वोट सपा को मिला जो 2014 में घटकर 53 प्रतिशत हो गया. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा को बसपा से गठबंधन के बावजूद सिर्फ 29 प्रतिशत यादव वोट ही मिला.
सपा को जीत भी सिर्फ मुस्लिम बहुल सीटों पर मिली है. बदायूं, फिरोजाबाद, कन्नौज, इटावा जैसी यादव बहुल सीटें बुरी तरह हार गईं, क्योंकि मुलायम सिंह यादव के सजातीय वोटरों ने भाजपा को वोट दिया. उन्होंने बताया कि 2007 के विधानसभा चुनाव में यादव मतों का 72 प्रतिशत और 2012 में 66 प्रतिशत मत सपा को मिला. लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ 40 प्रतिशत यादव वोट ही सपा को मिला.
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