ETV Bharat / state

इंदौर सेंट्रल जेल से रिहा हुए स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी - Munawar Faruqi

सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बावजूद भी माना जा रहा था कि स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी की रात जेल में ही बीतेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्हें शनिवार देर रात इंदौर सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया.

Indore News
मुनव्वर फारूकी की जेल से रिहाई.
author img

By

Published : Feb 7, 2021, 3:01 AM IST

इंदौर: स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को शनिवार की देर रात केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया. फारूकी पर हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप था. निचली अदालतों से बेल की अर्जी खारिज होने के बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से उसे अंतरिम जमानत मिली थी. मुनव्वर को जेल के दूसरे दरवाजे से सबकी नजरों से बचाते हुए रिहा किया गया. आशंका जताई जा रही थी कि मुनव्वर पर हिंदूवादी संगठन हमला कर सकते हैं.

50 हजार रुपये की जमानत राशि व मुचलके पर मिली जमानत

फारूकी के खिलाफ इंदौर में एक जनवरी की रात एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें उस पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगा था. फारूकी के वकीलों ने इंदौर की जिला अदालत में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का आदेश पेश कर औपचारिकताएं पूरी कीं. स्थानीय अदालत ने 50 हजार रुपये की जमानत और इतनी ही राशि के मुचलके पर फारूकी को केंद्रीय जेल से रिहा करने का आदेश दिया था.

क्यों नहीं हुई थी रिहाई

शनिवार को देर रात में फारूकी को केंद्रीय जेल से रिहा किया गया. इससे पहले केंद्रीय जेल के एक अधिकारी ने कहा कि प्रयागराज की एक कोर्ट ने वहां दर्ज मामले में फारूकी को 18 फरवरी को पेश किए जाने को आदेश दिया है. लिहाजा जेल मैन्युअल के हिसाब से फारूकी को रिहा करने के लिए प्रयागराज की अदालत या सरकार के किसी सक्षम प्राधिकारी के आदेश की जरूरत होगी.

1 जनवरी को दर्ज हुआ था मामला

बीजेपी के विधायक मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य गौड़ की शिकायत पर फारूकी और चार अन्य लोगों के खिलाफ एक जनवरी को मामला दर्ज किया गया. एकलव्य गौड़ का आरोप था कि मुनव्वर फारूकी ने शहर के एक कैफे में आयोजित कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं.

सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ

स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी ने हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज हो जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई, जिसके बाद मुनव्वर को अंतरिम जमानत दे दी गई. इसके अलावा इलाहाबाद हाई कोर्ट से जारी प्रोडक्शन वारंट पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक भी लगाई थी. मुनव्वर फारूकी के खिलाफ दाखिल दूसरे राज्यों में मुकदमों को खारिज किए जाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नोटिस जारी किया गया छा.

सुप्रीम कोर्ट में मुनव्वर फारूकी ने कुल दो याचिकाएं दायर की थीं. एक में उसने खुद को जमानत पर रिहा करने की गुहार लगाई. वहीं दूसरी याचिका में अपने खिलाफ दर्ज अलग-अलग राज्यों में मुकदमों को एक जगह ट्रांसफर करने की मांग की.

  • यह आदेश पारित हुवे लगभग 30 घंटे हो चुके हैं। फिर भी, मध्य प्रदेश पुलिस और जेल अधिकारियों द्वारा आदेश को कम आंका जा रहा है।

    क्या यह सब म.प्र. के मुख्यमंत्री के संज्ञान में है या बिना उनके जानकारी के हो रहा है?

    — P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 6, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने उठाए थे सवाल

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने फारूकी को रिहा न करने पर सवाल उठाए थे. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार सुबह अंतरिम जमानत का आदेश पारित किया था. लेकिन अभी तक फारूकी को रिहाई नहीं मिल सकी. एमपी पुलिस और जेल प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के आदेश को कमतर करने का प्रयास कर रहे हैं.

इंदौर: स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को शनिवार की देर रात केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया. फारूकी पर हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप था. निचली अदालतों से बेल की अर्जी खारिज होने के बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से उसे अंतरिम जमानत मिली थी. मुनव्वर को जेल के दूसरे दरवाजे से सबकी नजरों से बचाते हुए रिहा किया गया. आशंका जताई जा रही थी कि मुनव्वर पर हिंदूवादी संगठन हमला कर सकते हैं.

50 हजार रुपये की जमानत राशि व मुचलके पर मिली जमानत

फारूकी के खिलाफ इंदौर में एक जनवरी की रात एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें उस पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगा था. फारूकी के वकीलों ने इंदौर की जिला अदालत में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का आदेश पेश कर औपचारिकताएं पूरी कीं. स्थानीय अदालत ने 50 हजार रुपये की जमानत और इतनी ही राशि के मुचलके पर फारूकी को केंद्रीय जेल से रिहा करने का आदेश दिया था.

क्यों नहीं हुई थी रिहाई

शनिवार को देर रात में फारूकी को केंद्रीय जेल से रिहा किया गया. इससे पहले केंद्रीय जेल के एक अधिकारी ने कहा कि प्रयागराज की एक कोर्ट ने वहां दर्ज मामले में फारूकी को 18 फरवरी को पेश किए जाने को आदेश दिया है. लिहाजा जेल मैन्युअल के हिसाब से फारूकी को रिहा करने के लिए प्रयागराज की अदालत या सरकार के किसी सक्षम प्राधिकारी के आदेश की जरूरत होगी.

1 जनवरी को दर्ज हुआ था मामला

बीजेपी के विधायक मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य गौड़ की शिकायत पर फारूकी और चार अन्य लोगों के खिलाफ एक जनवरी को मामला दर्ज किया गया. एकलव्य गौड़ का आरोप था कि मुनव्वर फारूकी ने शहर के एक कैफे में आयोजित कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं.

सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ

स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी ने हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज हो जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई, जिसके बाद मुनव्वर को अंतरिम जमानत दे दी गई. इसके अलावा इलाहाबाद हाई कोर्ट से जारी प्रोडक्शन वारंट पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक भी लगाई थी. मुनव्वर फारूकी के खिलाफ दाखिल दूसरे राज्यों में मुकदमों को खारिज किए जाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नोटिस जारी किया गया छा.

सुप्रीम कोर्ट में मुनव्वर फारूकी ने कुल दो याचिकाएं दायर की थीं. एक में उसने खुद को जमानत पर रिहा करने की गुहार लगाई. वहीं दूसरी याचिका में अपने खिलाफ दर्ज अलग-अलग राज्यों में मुकदमों को एक जगह ट्रांसफर करने की मांग की.

  • यह आदेश पारित हुवे लगभग 30 घंटे हो चुके हैं। फिर भी, मध्य प्रदेश पुलिस और जेल अधिकारियों द्वारा आदेश को कम आंका जा रहा है।

    क्या यह सब म.प्र. के मुख्यमंत्री के संज्ञान में है या बिना उनके जानकारी के हो रहा है?

    — P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 6, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने उठाए थे सवाल

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने फारूकी को रिहा न करने पर सवाल उठाए थे. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार सुबह अंतरिम जमानत का आदेश पारित किया था. लेकिन अभी तक फारूकी को रिहाई नहीं मिल सकी. एमपी पुलिस और जेल प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के आदेश को कमतर करने का प्रयास कर रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.