लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सरकार शीघ्र ही बाढ़ की समस्या का स्थाई हल निकालेगी. इस बाबत कार्ययोजना तैयार हो रही है. जब तक ऐसा नहीं होता है. तब तक बाढ़ से सुरक्षा के लिए सभी संवेदनशील जगहों पर समय से मानक के अनुसार काम होगा. यही वजह है कि हिमालय से लगे तराई के इलाके में इस साल औसत से दो-तीन गुना बारिश हाेने के बावजूद कहीं भी बाढ़ के कारण गंभीर समस्या उत्पन्न नहीं हुई है.
'किसानों के प्रति हमारी प्रति प्रतिबद्धता'
सीएम योगी गुरुवार को अपने आवास पर बाढ़ प्रभावित 19 जिलों के 3,48,511 किसानों को उनकी फसलों की क्षतिपूर्ति के बदले 113.21 करोड़ रुपये का ऑनलाइन भुगतान कर रहे थे. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हालांकि आपकी मेहनत और क्षति की तुलना में यह रकम मामूली है, लेकिन मरहम जैसी यह रकम आपके हितों की प्रति हमारी प्रतिबद्धता का सबूत है.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई और मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार किसानों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है. कोरोना के असाधारण संकट से लेकर वैश्विक आर्थिक मंदी तक अगर भारत की अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं रहा, तो इसकी वजह खेतीबाड़ी की मजबूती और इसे अपने खून-पसीने से लगातार बेहतर बनाने वाले हमारे किसान भाई ही रहे. ऐसे में हमारा भी फर्ज है कि किसानों को उनके उपज का वाजिब दाम मिले. किसी भी स्तर पर उनका शोषण न हो. इसके लिए जिले के डीएम को निर्देश दिए जा चुके हैं.
'किसानों का शोषण करने वालों को मिलेगा दंड'
सीएम ने चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी किसानों का शोषण करेगा, उसे दंडित किया जाएगा. केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुना करने के लिए पीएम सिंचाई, पीएम फसल बीमा, पीएम किसान सम्मान निधि जैसी कई योजनाएं भी चला रही हैं.
कार्यक्रम में मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद आदि मौजूद रहे.
किसानों ने जताई खुशी
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पांच जिलों के कुछ किसानों से बातचीत की. साथ ही बाढ़ से होनेवाली क्षति के बारे में जानकारी ली. सीएम योगी ने लखीमपुर खीरी के विष्णु वल्लभ राय, गोरखपुर के परमहंस एवं कुंती देवी, बाराबंकी के रामचंद्र एवं शिवकुमार, बहराइच के पनहारू और सिद्धार्थनगर के रामसुमेर से बात की.