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सीएम योगी ने लगाया चंदन का पौधा, कहा- पर्यावरण है तो जीवन है

विश्व पर्यावरण दिवस पर सीएम योगी ने राजधानी लखनऊ में स्थित अपने सरकारी आवास पर चंदन का पौधा लगाया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पर्यावरण है तो जीवन है. प्रकृति और पर्यावरण के बीच में समन्वय बनाए रखना हमारा नैतिक दायित्व है.

सीएम योगी ने रोपा चंदन का पौधा.
सीएम योगी ने रोपा चंदन का पौधा.
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Published : Jun 5, 2021, 11:01 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पर्यावरण है, तो प्रकृति है. प्रकृति है तो जीव, सृष्टि भी है. इसलिए जीवन, सृष्टि की सुरक्षा के लिए आवश्यक है कि सभी लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हों. उन्होंने कहा कि हम सब तभी तक सुरक्षित हैं, जब तक हमारा पर्यावरण सुरक्षित है. हमें प्रकृति और पर्यावरण के बीच में समन्वय बनाकर रखना होगा, यह हमारा नैतिक दायित्व भी है.

पीएम मोदी ने पौधारोपण के लिए किया प्रेरित

मुख्यमंत्री योगी ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर चंदन का पौधा रोपा. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अधिक से अधिक पौधारोपण अभियान के लिए प्रेरित किया है. प्रधानमंत्री का कहना है कि जल की एक-एक बूंद को संरक्षित करना और उसका पर्यावरण के लिए उपयोग करना आज की आवश्यकता है. इसीलिए प्रधानमंत्री ने ‘कैच द रेन’ कार्यक्रम को पूरे देश में संचालित किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए प्लास्टिक को प्रतिबन्धित किया गया है.

राज्य में 30 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यावरण को संरक्षित करने के उद्देश्य से वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कर रही है. वर्ष 2017 में पांच करोड़, वर्ष 2018 में 11 करोड़ तथा वर्ष 2019 में 22 करोड़ पौधे रोपित किये गये. इसी प्रकार वर्ष 2020 में कोरोना कालखण्ड में भी 25 करोड़ से अधिक पौधे लगाये गये. उन्होंने कहा कि इस वर्ष आगामी जुलाई माह में वन महोत्सव के दौरान प्रदेश में 30 करोड़ पौधारोपण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

100 साल पुराने वृक्षों को किया जा रहा संरक्षित

मुख्यमंत्री ने कहा कि पौधारोपण कार्यक्रम में परम्परागत वृक्षों जैसे पीपल, बरगद, पाकड़, देसी आम व अन्य औषधीय वृक्षों को महत्व देने की आवश्यकता है. यह वृक्ष प्रकृति की सुरक्षा और संरक्षण में योगदान देते हैं. उन्होंने कहा कि विगत वर्ष प्रदेश सरकार ने वन विभाग को एक लक्ष्य दिया था, जिसके क्रम में 100 वर्ष से अधिक आयु के जितने भी पेड़ हैं, उन्हें हेरिटेज वृक्ष के रूप में संरक्षित करने का महा अभियान चलाया जा रहा है.

इस अवसर पर वन मंत्री दारा सिंह चैहान, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.


पढ़ें- मुख्तार के खास पूर्व बाहुबली विधायक अभय सिंह पर शिकंजा, जानिए पूरी कहानी...

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पर्यावरण है, तो प्रकृति है. प्रकृति है तो जीव, सृष्टि भी है. इसलिए जीवन, सृष्टि की सुरक्षा के लिए आवश्यक है कि सभी लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हों. उन्होंने कहा कि हम सब तभी तक सुरक्षित हैं, जब तक हमारा पर्यावरण सुरक्षित है. हमें प्रकृति और पर्यावरण के बीच में समन्वय बनाकर रखना होगा, यह हमारा नैतिक दायित्व भी है.

पीएम मोदी ने पौधारोपण के लिए किया प्रेरित

मुख्यमंत्री योगी ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर चंदन का पौधा रोपा. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अधिक से अधिक पौधारोपण अभियान के लिए प्रेरित किया है. प्रधानमंत्री का कहना है कि जल की एक-एक बूंद को संरक्षित करना और उसका पर्यावरण के लिए उपयोग करना आज की आवश्यकता है. इसीलिए प्रधानमंत्री ने ‘कैच द रेन’ कार्यक्रम को पूरे देश में संचालित किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए प्लास्टिक को प्रतिबन्धित किया गया है.

राज्य में 30 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यावरण को संरक्षित करने के उद्देश्य से वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कर रही है. वर्ष 2017 में पांच करोड़, वर्ष 2018 में 11 करोड़ तथा वर्ष 2019 में 22 करोड़ पौधे रोपित किये गये. इसी प्रकार वर्ष 2020 में कोरोना कालखण्ड में भी 25 करोड़ से अधिक पौधे लगाये गये. उन्होंने कहा कि इस वर्ष आगामी जुलाई माह में वन महोत्सव के दौरान प्रदेश में 30 करोड़ पौधारोपण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

100 साल पुराने वृक्षों को किया जा रहा संरक्षित

मुख्यमंत्री ने कहा कि पौधारोपण कार्यक्रम में परम्परागत वृक्षों जैसे पीपल, बरगद, पाकड़, देसी आम व अन्य औषधीय वृक्षों को महत्व देने की आवश्यकता है. यह वृक्ष प्रकृति की सुरक्षा और संरक्षण में योगदान देते हैं. उन्होंने कहा कि विगत वर्ष प्रदेश सरकार ने वन विभाग को एक लक्ष्य दिया था, जिसके क्रम में 100 वर्ष से अधिक आयु के जितने भी पेड़ हैं, उन्हें हेरिटेज वृक्ष के रूप में संरक्षित करने का महा अभियान चलाया जा रहा है.

इस अवसर पर वन मंत्री दारा सिंह चैहान, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.


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